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मध्य प्रदेश

प्रियंका गांधी महाकौशल से करेंगी कांग्रेस के चुनाव अभियान की शुरुआत…….

मध्यप्रदेश में कांग्रेस चुनाव अभियान की शुरुआत महाकौशल से करेगी। 12 जून को पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा जबलपुर आएंगी। वहां वे जनसभा, रोड-शो और कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेंगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने उनसे चर्चा के बाद प्रदेश कांग्रेस और जिला इकाई को तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद विंध्य, बुंदेलखंड, ग्वालियर-चंबल और मालवा-निमाड़ क्षेत्र में जनसभाएं होंगी। इनमें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित अन्य वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे। कांग्रेस ने प्रदेश के सभी अंचलों में एक-एक बड़ी जनसभा करने की कार्ययोजना बनाई है।
महाकौशल : 2018 के चुनाव
में अच्छा रहा था प्रदर्शन
प्रियंका वाड्रा के चुनाव अभियान की शुरुआत महाकौशल से की जाएगी। यहां पार्टी का प्रदर्शन 2018 के चुनाव में अच्छा रहा था। छिंदवाड़ा जिले की सभी सातों सीटें कांग्रेस ने जीती थीं। यही स्थिति डिंडौरी में भी थी। बालाघाट जिले की छह सीटों में से कांग्रेस ने तीन जीती थीं और एक वारासिवनी से निर्दलीय प्रदीप जायसवाल विजयी रहे थे। जायसवाल पूर्व में कांग्रेस पार्टी में रहे हैं। सिवनी जिले की चार में से दो सीटें कांग्रेस और दो भाजपा के पास हैं।
जबलपुर जिले की बात करें तो यहां की आठ सीटों में चार कांग्रेस और चार भाजपा के पास हैं। अनूपपुर जिले की सभी तीनों सीटें कांग्रेस ने जीती थीं, लेकिन बाद में अनूपपुर से विधायक बिसाहूलाल सिंह ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर भाजपा की सदस्यता ले ली। वे अभी खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री हैं। यही कारण है कि पार्टी ने चुनाव अभियान का शुभारंभ जबलपुर से करने का निर्णय लिया है। प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल और पूर्व मंत्री तरुण भनोत ने बताया कि प्रियंका गांधी वाड्रा के आने का कार्यक्रम है। इसको लेकर तैयारी प्रारंभ कर दी गई है।
आधी आबादी के लिए महिला वचन-पत्र हो सकता है जारी
सूत्रों का कहना है कि महिलाओं के लिए प्रदेश कांग्रेस द्वारा पहली बार अलग से तैयार किए जा रहे वचन-पत्र को प्रियंका गांधी वाड्रा से जारी करवाया जा सकता है। इसमें महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए प्रतिमाह देने नारी सम्मान योजना लागू करने और पांच सौ रुपए में रसोई गैस सिलिंडर देने की योजना का प्रमुखता से उल्लेख रहेगा।

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ये दाग भी देव दुर्लभ है भाजपा के लिए…

शिवराजसिंह चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद सर्वाधिक लंबे समय सीएम रहने का यदि कीर्तिमान बना चुके हैं तो चौथे कार्यकाल की यह कालिख भी उनकी ही बंडी पर लग गई है कि राजनीति के संत कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी को कमलनाथ की शरण में जाने से नहीं रोक पाए। एमपी गजब है की टैग लाइन प्रदेश की राजनीति में चलने वाली उठापटक पर भी लागू होती है।
इन पांच साल का घटनाक्रम ही देख लीजिए… दिसंबर-18 में कमलनाथ मुख्यमंत्री बने तो अपना मान-सम्मान न होने से कुपित ज्योतिरादित्य मार्च-20 में इस कमल को श्रीविहीन कर उस कमल के पोस्टर बॉय बन गए। मार्च-2020 में चौथी बार सीएम बने शिवराज के पोलिटिकल रिकॉर्ड में ही यह भी दर्ज होगा कि दीपक की मद्दिम होती लौ की जान-बूझकर अनदेखी नहीं की होती तो कांग्रेस को दीपक का उजाला नसीब नहीं होता।
इन पांच साल में मध्यप्रदेश की राजनीति भी बेमौसम होने वाली बारिश जैसी ही हो गई है। सिंधिया कांग्रेस को सड़क पर ले आए थे। भाजपा ने दीपक जोशी को उनके सम्मान लायक काम नहीं दिया तो उन्होंने भी भाजपा के काम डालने के साथ ही पिता के अपमान की आग में तमाम भाई साबों की घुड़की और अनुशासन के डंडे को जला डाला है। सिंधिया और उनके विधायकों का जाना यदि कांग्रेस स्वार्थ प्रेरित कहती रही है तो अब भाजपा का आम कार्यकर्ता दीपक जोशी के फैसले को सम्मान की रक्षा वाला मान रहा है तो क्या गलत है।
नवंबर में होने वाले चुनाव में दीपक जोशी फैक्टर का कांग्रेस को कितना लाभ मिलेगा, चुनाव नहीं लड़ने की अनिच्छा जाहिर कर रहे जोशी को कमलनाथ कैसे भुनाएंगे… इसका इंतजार करना चाहिए। यदि बुधनी से चुनाव लड़ने की उनकी इच्छा का सम्मान करने का कांग्रेस सम्मान दिखा दे तो ये चुनाव कांटा पकड़ तो हो ही जाएगा। पार्टी की लगाम अपने हाथों में रखने वाले संघ के खुर्राट नेताओं से लेकर प्रदेश में चाहे जब बैठक, समीक्षा के नाम पर आम कार्यकर्ता को तलने वाले प्रभारियों की भी इस बगावत से पुंगी बज गई है। आज तक मनुहार करने वाले बहुत संभव है… कल से गद्दार, निकृष्ट आदि भी कहने लगें, लेकिन ऐसे बयानवीरों को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उनकी नजर में दीपक जोशी की कोई हैसियत नहीं हो, लेकिन संघ के शब्द कोष वाला जो देव दुर्लभ शब्द पार्टी बैठकों में बार-बार दोहराया जाने लगा है… उस शब्द के हकदार दीपक जोशी जैसे कार्यकर्ता भी हैं। जनसंघ के वक्त से सक्रिय रहे कैलाश जोशी ने तो अपने पुत्र का नाम ही पार्टी के चुनाव चिह्न दीपक के नाम पर रखा था।
आपातकाल के बाद 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी कैलाश जोशी मप्र के पहले गैरकांग्रेसी सीएम रहे। नौंवे सीएम के रूप में उनका सात महीने का ही कार्यकाल रहा। उनके बाद ही वीरेंद्रकुमार सखलेचा, सुंदरलाल पटवा सीएम बने। राजनीति के संत के रूप में पहचाने जाने वाले कैलाश जोशी का लंबा राजनीतिक जीवन रहा। वे 8 बार विधायक, 2 बार लोकसभा सदस्य और एक बार राज्यसभा सदस्य भी रहे थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री की हैसियत से कमलनाथ ने ही उनके निधन के वक्त स्मारक निर्माण के लिए हाथोंहाथ जमीन आवंटन की घोषणा की थी। अपमान का लावा तो बहुत पहले से बह रहा था, ज्वालामुखी अब बना है। दीपक जोशी ने इन पांच सालों में अपनी उपेक्षा, पिता की स्मृति में स्मारक या अन्य किसी संस्थान के लिए शिवराज सरकार के साथ ही संगठन पदाधिकारियों से अपने ‘मन की बात’ न कही हो… यह संभव ही नहीं। भाजपा में दिक्कत यह हो गई है कि प्रधान सेवकजी की बात के लिए तो इवेंट हो जाता है, लेकिन देव दुर्लभ कार्यकर्ताओं के ‘मन की बात’ सुनी नहीं जाती और चुनाव नजदीक आते ही अनुशासन के कंटीले डंडे से धमकाया जाने लगता है।
सत्यनारायण सत्तन के बेटे को पार्षद का टिकट नहीं मिल पाया… यह कारण गिनाकर उनकी पार्टी हित वाली सलाह की अनदेखी करना, भंवरसिंह शेखावत बदनावर से टिकट नहीं देने से पार्टी विरोधी बयान पांच साल से दे रहे हैं… यह प्रचारित करने वाले संगठन प्रमुख यह क्यों भूल जाते हैं कि रघुनंदन शर्मा की भी ऐसी ही भाषा क्यों है, बचते-बचाते कैलाश विजयवर्गीय को भी यह क्यों कहना पड़ता है कि भाजपा, भाजपा के कारण ही हारेगी। दीपक जोशी की यह बगावत और कितनों के साहस का कारण बनेगी… यह अगले कुछ दिनों में देखने को मिल सकता है। इतनी बड़ी पार्टी को एक व्यक्ति के जाने से फर्क नहीं पड़ता, रुदालियों का ये रुदन कुछ दिन चलेगा। संघ भाजपा या उसकी राजनीति में दखल नहीं देता यह हर बार दोहराने वाले तमाम भाईसाब डेमेज कंट्रोल के लिए अब गुजरात, त्रिपुरा वाला फार्मूला अपनाने का अनुरोध जरूर मोदी-शाह से कर सकते हैं। भांजियों का प्यार, लाड़ली बहना का आशीर्वाद काम आ जाए तो ठीक, वर्ना किसी आदिवासी नेता के नाम लॉटरी खुल जाए तो बड़ी बात नहीं!

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मप्र की राजनीति में दीपक का फर्सा……..

भाजपा नेताओं के तमाम प्रयास असफल साबित करते हुए, पूर्व मंत्री दीपक जोशी देवास से भोपाल के लिए अपने समर्थकों के साथ हाथ में फर्सा लेकर रवाना हो गए। जगह-जगह उनका स्वागत होता रहा।

भाजपा विधायक चौधरी ने कहा- दीपक जोशी झूठ बोल रहे, मुख्यमंत्री ने काम शुरू कराया
हिन्दुस्तान मेल, भोपाल। अब जबकि वे भाजपा छोड़ चुके हैं, तब हाटपीपल्या के भाजपा विधायक मनोज चौधरी ने उन पर आरोपों की झड़ी लगा दी है। विधायक चौधरी ने कहा कि कमलनाथ ने कोई जमीन अलॉट नहीं की थी, केवल आवेदन लेकर छोड़ दिया था और बाद में सीएम शिवराजसिंह ने स्वयं जमीन भी अलॉट की और स्वर्गीय जोशी के लिए बनने वाले स्मारक के लिए 3 करोड़ रुपए भी दिए थे। चौधरी ने बताया कि आज दिनांक पर भी स्व. जोशी के स्मारक के लिए काम चल रहा है। वहां कोई तोड़फोड़ नहीं हुई, ना मैंने विरोध किया न जिलाध्यक्ष ने। दीपक जोशी के चाचा नीलकंठ जोशी की निगरानी में निर्माण कार्य चल रहा है।

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अब वॉट्सएप पर भी मिलेंगी निकायों की सेवाएं……………

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी गई है। जनता से जुड़े विभाग नगरीय निकाय में एक महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दे दी गई, जिसमें प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में कोई भी अनुमति लेना हो या फिर शुल्क चुकाना हो, इसके लिए वॉट्सएप पर आॅनलाइन सुविधा मिलेगी। इसके लिए ई-नगरपालिका पोर्टल-दो के माध्यम से सेवाएं दी जाएंगी। कैबिनेट बैठक में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पोर्टल का विकास, क्रियान्वयन एवं संचालन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, वहीं किसानों को बाजार से जोड़ने और तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने हर विकासखंड में दो-दो कृषक उत्पादक संगठन गठित करने के लिए कृषक उत्पादक संगठनों का गठन एवं संवर्द्धन योजना की स्वीकृति दी। आयुक्त भू-अभिलेख और प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय के एकीकरण के प्रस्ताव को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया।
बैठक में सरकार ने ई-नगर पालिका एक के बाद अब ई-नगर पालिका दो पोर्टल लागू करने का निर्णय लिया है। इसमें आॅनलाइन सेवाएं दी जाएंगी। इस पोर्टल से रजिस्ट्री विभाग का सिस्टम भी लिंक रहेगा। प्रदेश में कहीं भी रजिस्ट्री की जाती है तो उसकी जानकारी पोर्टल पर प्रदर्शित होगी। नगरीय निकायों से जुड़े सभी कर का भुगतान पोर्टल के माध्यम से किया जा सकेगा। कृषि उत्पादों के विपणन और प्रसंस्करण के लिए हर विकासखंड में दो-दो कृषक उत्पादक संगठन का गठन किया जाएगा। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रथम चरण में दतिया-भोपाल और दतिया-खजुराहो मार्ग पर हवाई सेवाएं, मंदसौर जिले में मल्हारगढ़, सागर जिले में जैसीनगर अनुविभाग के गठन, सागर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीट सौ से बढ़ाकर ढाई सौ करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी।

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सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ बलात्कार के आरोप में पुलिस जांच का निर्देश देने वाले मजिस्ट्रेट का आदेश रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखे जाने के लगभग 17 महीने बाद गुरुवार को कोलकाता में एक मजिस्ट्रेट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, आरएसएस सदस्य जीसु बसु और भाजपा नेता प्रदीप जोशी निलंबित के खिलाफ बलात्कार और आपराधिक धमकी के आरोप में पुलिस जांच का निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को रद्द करते हुए मजिस्ट्रेट को आरोपी के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने की मांग वाली अर्जी पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया।

अभियुक्तों द्वारा दायर याचिकाओं के बैच का निस्तारण करते हुए खंडपीठ ने कहा, “मामले को मजिस्ट्रेट के पास भेजने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश की पुष्टि करते हुए हम मजिस्ट्रेट द्वारा रिमांड में दिए गए बाद का आदेश रद्द कर देते हैं। हम मामले को फिर से मजिस्ट्रेट के पास भेज देते हैं, जिससे जांच की जा सके और न्यायिक विवेक लगाया जा सके और निर्देश जारी किए जाने पर विवेक का प्रयोग किया जा सके। एक्ट की धारा 156(3) के तहत या क्या वह संज्ञान ले सकते हैं और सीआरपीसी की धारा 202 के तहत प्रक्रिया का पालन कर सकता है। मजिस्ट्रेट ललिता कुमारी में निर्धारित कानून के संदर्भ में पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच का निर्देश भी दे सकते हैं। इससे पहले आधिकारिक कागजात और दस्तावेज दाखिल किए गए अदालत और हाईकोर्ट को मजिस्ट्रेट के रिकॉर्ड में लाया जाना है। शिकायतकर्ता/सूचना उक्त दस्तावेज़ की सामग्री की वास्तविकता पर सवाल उठाने का हकदार होगा।”

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