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मध्य प्रदेश

CG Encounter: बीजापुर और कांकेर में दो अलग-अलग मुठभेड़, 24 नक्सली ढेर; ऑटोमेटिक हथियार व गोला-बारूद बरामद

बीजापुर जिले के गंगालुर थाना क्षेत्र में गुरुवार तड़के पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। बीजापुर पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि बीजापुर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के एक जवान का बलिदान हो गया है। वहीं नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 20 नक्सली मारे गए हैं। वहीं, दूसरी और कांकेर में जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें चार नक्सली मारे गए। सभी 24 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं।  

मुठभेड़ में 20 नक्सली ढेर
मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद के साथ 20 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ मुठभेड़ में बीजापुर डीआरजी के एक जवान का बलिदान हो गया है। मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान जारी है। 

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीजापुर और दंतेवाड़ा की सरहद के जंगली क्षेत्र गंगालुर थाना इलाके के तोड़का एंड्री के जंगल में सुरक्षाबलों की संयुक्त पार्टी के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान होने की खबर है।

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155 करोड़ की टैक्स चोरी भी उजागर…….आयकर ने मारा छापा, पूर्व भाजपा नेता के घर से निकले मगरमच्छ, जब्त

हिन्दुस्तान मेल, सागर
जिले में एक कारोबारी पर छापेमार कार्रवाई करने गई इनकम टैक्स विभाग की टीम उस समय टेंशन में आ गई, जब कमरे का दरवाजा खोलते ही उसमें से मगरमच्छ निकलकर सामने आ गया। एक, दो नहीं बल्कि चार मगरमच्छ। आयकर ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर चारों मगरमच्छ का रेस्क्यू किया। मामले में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
छापेमारी राजेश केसरवानी से जुड़े ठिकानों पर की गई थी। राजेश एक बीड़ी निर्माता, भवन निर्माण ठेकेदार और भाजपा के पूर्व पार्षद हैं। हालांकि, आयकर विभाग के किसी भी अधिकारी ने मगरमच्छों की बरामदगी पर कोई बात नहीं की। हेड आॅफ फॉरेस्ट फोर्स असीम श्रीवास्तव ने बताया मामले में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मगरमच्छों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। इस मामले की पूरी जानकारी कोर्ट को दी जाएगी। कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी। श्रीवास्तव ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कुल कितने मगरमच्छ बरामद किए गए हैं। जिस घर से मगरमच्छ मिले हैं, वह भाजपा नेता हरवंश् सिंह राठौर का है। राठौर सागर जिले के पुराने नेता है। 2013 में विधायक थे। उनके पतिा हरनाम सिंह राठौर मप्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान 155 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का पता चला है। 3 करोड़ रुपए कैश, सोना-चांदी बरामद किया। पूर्व विधायक की ही 140 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी गई है, जो कंस्ट्रक्शन का कारोबार भी करते हैं।

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देर रात रैनबसेरों में पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. यादव

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार रात भोपाल के रैन बसेरों का निरीक्षण किया। उन्होंने रैन बसेरों में राहगीरों, गरीबों, निराश्रितों से चर्चा की, उनके हालचाल जाने और सभी को कंबल वितरित किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव यादगार-ए-शाहजहांनी पार्क स्थित रैन बसेरा पहुंचे। उन्होंने रैन बसेरे में मौजूद कुरवाई के करोड़ीलाल प्रजापति, हशीब खान, संजु कुशवाहा, रवि शर्मा और पथरिया दमोह के दिव्यांग प्रताप मालवीय से चर्चा कर उनके हालचाल जाने और रैन बसेरे की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। राहगीरों ने बताया कि यहां की सभी व्यवस्थाएं ठीक हैं। भोजन की व्यवस्था भी होनी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर भोपाल को निर्देशित किया कि सभी रैन बसेरों में राम-रोटी की व्यवस्था करें। दिव्यांग प्रताप मालवीय ने बताया कि वह हर एक-दो दिन में आ जाते हैं, उनकी चार बेटियां हैं, गुजारे की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए वे यहां आकर रहते हैं। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर को प्रताप की हरसंभव मदद करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सभी को कंबल प्रदान किए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव इसके बाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 के पास स्थित रैन बसेरा पहुंचे। रैन बसेरे का निरीक्षण कर उन्होंने वहां मौजूद सभी राहगीरों और गरीब व्यक्तियों से चर्चा कर उन्हें भी कंबल वितरित किए। मुख्यमंत्री ने यहां विशाल मालवीय, शंकर मालवीय, ओमराज, आशीष तिवारी, दिव्यांग विजय आईना (गुनावा) सभी से चर्चा कर उनके यहां आकर रूकने की वजह पूछी। बताया गया कि सब आगे के सफर के लिए यहां रुके हैं।

हर व्यक्ति तक पहुंचे सहायता
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार का मुख्य उद्देश्य समाज के हर व्यक्ति तक सहायता पहुंचाना है। ठंड के इस मौसम में किसी को भी परेशानी का सामना न करना पड़े, यही हमारी प्राथमिकता है। राहगीरों और गरीबों ने मुख्यमंत्री की इस संवेदनशीलता की सराहना करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए सभी जरुरतमंदों को कंबल एवं गर्म कपड़े देकर सर्दी से जितना हो सके, बचने की अपील की। इस दौरान कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, नगर निगम कमिश्नर हरेन्द्र नारायण सहित सुमित पचौरी, जन-प्रतिनिधि एवं अधिकारी भी उपस्थित रहे।

रैन बसेरे का निरीक्षण कर लौटते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्लेटफार्म नंबर 6 के सामने ही कुछ महिलाओं को बैठे देखा। उन्होंने वाहन रुकवाकर महिलाओं के पास जाकर चर्चा की और वहां बैठने की वजह पूछी। महिलाओं ने बताया कि वे सब्जी बेचने आती हैं। रात कहां बिताओगी, मुख्यमंत्री ने पूछा तो महिलाओं ने बताया कि यहीं पर। खुले आसमान के नीचे रात बिताने की बात जानकार मुख्यमंत्री सभी महिलाओं को कंबल वितरित किए और कलेक्टर से कहा कि इन सभी के लिए भी व्यवस्थाएं की जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब और महिलाओं के कल्याण के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है। किसी भी गरीब को सरकार की योजनाओं से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा। सर्दी के इस मौसम में कंबल वितरण से जरूरतमंदों को बड़ी राहत मिली। मुख्यमंत्री ने राहगीरों से संवाद किया और उनकी समस्याओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के वंचित वर्गों के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है। किसी भी व्यक्ति को बेसहारा नहीं रहने देंगे। गरीब कल्याण मिशन के तहत समाज के कमजोर तबकों को समर्थ बनाने के लिए हम हर कदम उठायेंगे।

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नए कानून का ड्राफ्ट तैयार: मप्र में लोक सुरक्षा कानून लागू करने की तैयारी रैली-जुलूस, प्रवचन में जरूरी होगा सीसीटीवी

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
मध्यप्रदेश सरकार लोक सुरक्षा कानून यानी पब्लिक सेफ्टी एक्ट लागू करने की तैयारी में है। इस कानून के तहत सार्वजनिक और व्यवसायिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी होगा। जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। गृह विभाग ने इस कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। ड्राफ्ट के मुताबिक, शादी चाहे मैरिज गार्डन में हो या निजी स्थान पर, इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग जरूरी होगी। किसी जगह 100 से एक हजार तक या उससे ज्यादा लोग इकट्ठा होते हैं, वहां सीसीटीवी कैमरा लगाना जरूरी होगा।
इसके दायरे में कॉलेज, स्कूल, मॉल, रेस्टोरेंट, अस्पतालों के साथ राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम, रैलियां और जुलूस भी आएंगे। नए एक्ट के मुताबिक, वीडियो फुटेज को दो महीने तक सुरक्षित रखना पड़ेगा। पुलिस के मांगने पर इसे देना भी पड़ेगा। सीसीटीवी लगाने का खर्च संबंधित प्रतिष्ठान या कार्यक्रम का आयोजक उठाएगा। सरकार ने तीन महीने पहले इंदौर में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, जो सफल माना जा रहा है। नए कानून के ड्राफ्ट को परीक्षण के लिए विधि विभाग को भेजा गया है। मध्यप्रदेश में हर दस साल में 20 फीसदी की दर से आबादी बढ़ रही है। जनगणना विभाग के अनुमान के मुताबिक, 2024 के अंत तक मप्र की आबादी 8.88 करोड़ के करीब होगी यानी 2011 की आबादी के मुकाबले 22 फीसदी की बढ़ोतरी। बढ़ती आबादी और शहरीकरण के चलते सर्विलांस की जरूरत महसूस की जा रही है।
दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद जस्टिस उषा मेहरा आयोग ने देश में महिला सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कई उपाय सुझाए थे। इनमें से एक सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना भी था। आयोग ने यह भी सुझाव दिया था कि सार्वजनिक स्थानों और सार्वजनिक परिवहन के अलावा पीसीआर वैन और पुलिस स्टेशनों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।
2020 से की जा रही है तैयारी
मध्यप्रदेश में लोक सुरक्षा कानून बनाने की तैयारी साल 2020 से चल रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गृह विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी थी। गृह विभाग ने ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया था, मगर ये लागू नहीं हो सका। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में संभागीय समीक्षा के दौरान इस काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे।
निगरानी के लिए बनेंगी कमेटियां
निगरानी के लिए चार स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाएगा। मॉनिटरिंग एंड कंट्रोल कमेटी (निगरानी और नियंत्रण समिति) सबसे प्रमुख होगी। इसके बाद सुपरवाइजिंग कमेटी (पर्यवेक्षण समिति), इम्प्लीमेन्टेशन कमेटी (क्रियान्वयन समिति) और सेक्टोरल कमेटी यानी क्षेत्रीय समिति होगी। चारों समितियों के अधिकार और काम तय किए जाएंगे।
इंदौर में पायलट प्रोजेक्ट
लोक सुरक्षा कानून को लागू करने से पहले सरकार ने इंदौर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 12 सितंबर 2024 को इसकी शुरूआत की थी। इसे लागू करने के लिए नगर पालिका निगम एक्ट 1956 में बायलॉज जोड़े गए। इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव बताते हैं कि सामुदायिक निगरानी प्रणाली को जनभागीदारी से लागू करवाया है। इसके तहत शहर में हजारों नए सीसीटीवी लगाए गए हैं।
नए कानून में यह प्रावधान
ल्ल शादी मैरिज गार्डन में हो या निजी स्थान पर, उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा।
ल्ल यदि किसी स्थान पर 100 से एक हजार या उससे ज्यादा लोग इकठ्‌ठा होते हैं तो वहां सीसीटीवी कैमरा लगाना जरूरी होगा।
ल्ल संचालकों को सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को 2 माह के लिए सुरक्षित रखना जरूरी होगा।
ल्ल यदि विशेष स्थिति में पुलिस या जांच एजेंसी इसकी मांग करती है तो वीडियो रिकॉर्डिंग को देना जरूरी होगा।
ल्ल संस्थान- प्रतिष्ठानों को खुद के खर्च पर ही सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।

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संभल हिंसा में सनसनीखेज खुलासा: अफसरों के सामने महिलाओं ने किया था पथराव, निशाने पर थे डीआईजी-डीएम और एसपी

संभल हिंसा में डीआईजी, डीएम और एसपी पर महिलाओं और अन्य उपद्रवियों द्वारा सुनियोजित तरीके से पथराव किया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन वीडियो के जरिए हमलावरों के चेहरे की पहचान करना शुरू कर दिया है। बवाल से पहले सीसीटीवी कैमरे तोड़े जाने से घटना की योजनाबद्धता का संकेत मिल रहा है।

संभल हिंसा के बाद जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। पीआरओ और दो अन्य सिपाहियों पर हमले की सूचना पर पहुंचे डीआईजी, डीएम और एसपी पर पहले महिलाओं ने पथराव किया था, उसके बाद अन्य लोगों ने भी पत्थर फेंके थे।

अधिकारियों ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि जब वे हिंदूपुरा खेड़ा में अपनी फोर्स के साथ पहुंचे, तो तीन महिलाओं ने छतों से पुलिस पर पथराव किया। इसके अलावा अन्य लोग भी छतों से पत्थर फेंक रहे थे, जिसके कारण तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। एसपी ने यह भी बताया कि कई स्थानों पर लगे सीसीटीवी के डीवीआर भी गायब थे।

एसपी ने आगे कहा कि उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। पुलिस प्रशासन ने 11 वीडियो जारी किए हैं, जिनमें से पांच ड्रोन कैमरे, तीन अन्य कैमरे और तीन सीसीटीवी कैमरे के वीडियो हैं। इन वीडियोज में उपद्रवी सीसीटीवी कैमरे तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन कैमरों में कैद कुछ उपद्रवियों के चेहरे साफ दिख रहे हैं, जबकि कुछ ने मास्क पहन रखे हैं। ये उपद्रवी पहले कैमरों को तोड़ते हैं और फिर बवाल मचाते हैं। ड्रोन कैमरे को भी तोड़ने के लिए पथराव किया गया, लेकिन पत्थर कैमरे तक नहीं पहुंचे। अलग-अलग वीडियो में अलग-अलग चेहरे दिखाई दे रहे हैं, और ये वीडियो जामा मस्जिद के आसपास के इलाके के हैं।

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