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मध्य प्रदेश

बदलाव: डीएल देने जल्द ही अपडेट किया जाएगा सॉफ्टवेयर

जो उतरेगा शर्तों पर खरा… उसी को दी जाएगी ड्राइविंग की इजाजत……………..

दूसरे राज्य के निवासी किसी व्यक्ति को अब मप्र के किसी भी जिले में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) देने की शुरुआत जल्द की जाएगी। इसके लिए नेशनल इंफर्मेटिक सेंटर (एनआईसी) के सारथी सॉफ्टवेयर में अपडेशन किया जाएगा, लेकिन इसके लिए प्रक्रिया में बदलाव कुछ इस तरह किया जाएगा कि दूसरे राज्य के निवासी की अन्य प्रदेश में निवास करने की अवधि तय की जाएगी।
यदि संबंधित व्यक्ति ने वह अवधि पूरी नहीं की होगी तो उसको डीएल के लिए आवेदन करने की पात्रता नहीं दी जाएगी। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एसके झा का कहना है कि गलत या आपराधिक गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति का डीएल न बन सके, उसके लिए दूसरे राज्य के निवासी के लिए अन्य प्रदेश में निवास करने की समय सीमा तय की जाएगी। इसके बाद सारथी पर उसका अपडेशन कर प्रक्रिया शुरू करवाएंगे।
वर्तमान में एक जिले में रहने वाले व्यक्ति का दूसरे स्थान पर मौजूद आरटीओ से डीएल बनने में सारथी के अपडेशन के कारण समस्या आ रही थी, जिसे दूर कर लिया गया है, साथ ही दूसरे राज्य के व्यक्ति का भी डीएल अन्य प्रदेश में बनाया जा सके, उसकी प्रक्रिया को भी सारथी सॉफ्टवेयर में अपडेट करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।

…इसलिए जरूरी हुआ
’कई प्राइवेट कंपनियों के दफ्तर एक से अधिक राज्यों में हैं। इस वजह से वहां के कर्मचारियों को कई बार वहां जाकर डीएल बनवाना या रिनीवल करवाना पड़ता है।
’ केंद्र सरकार, सेना, मल्टीनेशनल कंपनियों के कर्मचारियों के भी ट्रांसफर एक से दूसरे राज्य में होते रहते हैं। उनके बच्चों व परिजन के डीएल भी नई प्रक्रिया शुरू होने के बाद बनाए जा सकेंगे।
’ दूसरे राज्य के निवासी को किराएदार के रूप में रखने के बाद यदि उसके रहने का समय तय कर दिया जाएगा तो उनका डीएल भी बनाया जा सकेगा।
’ अपने गृह जिले के अलावा अन्य जिलों में रहकर बिजनेस, नौकरी, पढ़ाई या कोचिंग आदि करने वाले लोगों को इस सुविधा का सीधा फायदा मिलने लगेगा।
चार साल पहले शुरू हुई
एक जिले के निवासी को दूसरे जिलों में से किसी में भी डीएल बनवाने के लिए एनीवेयर सर्विसेज की शुरुआत करीब चार साल पहले परिवहन विभाग ने शुरू की थी।

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बड़े तालाब के ऊपर बनेगी 8 लेन सड़क ढंक जाएगा ढाई लाख वर्गमीटर क्षेत्र

मौजूदा वीआईपी रोड के समानांतर बड़े तालाब के ऊपर 8 लेन सड़क बनेगी। राजा भोज की मूर्ति-बुर्ज, स्मारकों को बचाने और सड़क को खानूगांव तक सीधा बनाने के लिए इसे तालाब में 400 मीटर अंदर बनाया जाएगा। इससे लगभग ढाई लाख वर्गमीटर तालाब सड़क के नीचे ढंक जाएगा। इसमें तालाब के कैचमेंट एरिया से पेड़ों की कटाई भी तय है। खास बात यह कि शहरी क्षेत्र में बड़े तालाब के एफटीएल से 50 मीटर तक किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं है।
मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने सड़क का ले-आउट फाइनल कर लिया है। इसके अनुसार ये कमला पार्क के पास से शुरू होकर केबल स्टे ब्रिज के पास तक जाएगी। यहां एक रोटरी बनेगी और यहां से मौजूदा वीआईपी रोड के समानांतर सड़क बनेगी। यह खानूगांव तक यानि होटल इंपीरियल से बरे तक जाएगी। इसे वीआईपी रोड के लेवल पर बनाया जाएगा। आगे सड़क दो पार्ट में हो जाएगी। खानूगांव से बैरागढ़ की तरफ हलालपुर के पास तक सिक्स लेन एलिवेटेड रोड बनेगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति भी इसे मंजूरी दे चुकी है। अब यह कैबिनेट में जाएगा। बुधवार को कैबिनेट में भोज वेटलैंड प्रोजेक्ट के तहत पौधरोपण में से नई वीआईपी रोड के ले-आउट मेंं आ रही जमीन को छोड़कर शेष 1000 हेक्टेयर जमीन सामाजिक वानिकी को सौंप दी गई है। यानि खानूगांव वाले इलाके में भोज वेटलैंड प्रोजेक्ट के समय लगाए गए पेड़ों की कटाई तय है।

बेहतर विकल्प देखना चाहिए…
तालाब के ऊपर के बजाय विकल्प देखना चाहिए। बेहतर विकल्प यह है कि एयरपोर्ट को बैरागढ़ और नीलबड़ से जोड़ते हुए रोड बनाई जाए। इसके लिए कोलांस नदी पर एक छोटा-सा ब्रिज बनेगा। कोलांस नदी के आसपास 250 मीटर के बफर के नियम का पालन करते हुए भी यह बन सकता है। इससे वीआईपी ट्रैफिक भी डायवर्ट होगा और आम लोगों को भी फायदा होगा।

  • डॉ. शैलेंद्र बागरे, स्ट्र्क्चर एक्सपर्ट
    तालाब के लिए नुकसानदायक
    तालाब के एफटीएल से 50 मीटर दूरी तक तो निर्माण प्रतिबंधित है। वीआईपी रोड के समय तर्क था कि यह बफर का काम करेगी और तालाब की तरफ हो रहे अतिक्रमण रोके जा सकेंगे। इसके लिए एनवायर्नमेंट इंपेक्ट असेसमेंट होगा। इसमें केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मुश्किल है। स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी से भी इसकी अनुमति लेना होगी।
  • डॉ. प्रदीप नंदी, एनवायर्नमेंट साइंटिस्ट

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इंदौर की कानून व्यवस्था परवीसी में मुख्यमंत्री बोले……इतनी सख्ती रखें कि बदमाशों में खौफ हो

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने गुरुवार को इंदौर की कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक में कहा कि अपराधियों में पुलिस का खौफ होना चाहिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंंत्री ने अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के लिए अफसरों से कहा। उन्होंने कहा कि गुंडे-बदमाशों में पुलिस का खौफ होना चाहिए। साथ ही जनता का पुलिस पर विश्वास हो। सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने और नशा करने जैसी गतिविधियों को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों पर तुरंत कार्रवाई हो। बैठक में इंदौर से संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा, पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर और कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी वर्चुअल जुड़े।

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Kedarnath Uttarakhand: उत्तराखंड में फंसे इंदौर-महू के 30 यात्री, पहाड़ गिर रहे, दस हजार लोगों की जान पर बनी

इंदौर और महू से उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर गए 30 यात्री चमोली जिले में फंस गए हैं। अमर उजाला से बातचीत में महू के हर्षद कजरे ने बताया कि सुबह आठ बजे से 10 हजार लोग फंसे हुए हैं। सभी केदारनाथ के दर्शन के बाद बद्रीनाथ की ओर बढ़ रहे थे। रास्ते में पहाड़ गिरने की वजह से रुकना पड़ा। शुरुआत में लग रहा था कि रास्ता खुल जाएगा लेकिन पहाड़ों से लगातार पत्थर गिरते गए। रात में बातचीत के दौरान हर्षद ने कहा कि अब डर लगने लगा है। हम लोग जंगल में हैं और पीने का पानी तक नहीं है। आसपास के होटल में रहने के लिए जगह नहीं है। सुरक्षा के नाम पर कोई भी नहीं है। दो जेसीबी लगी हैं लेकिन बहुत समय लगेगा।

पानी गिरने से परेशानी अधिकरात में पानी गिरना शुरू हो गया जिससे और भी आफत बढ़ गई। लोग छुपने के लिए आसरा तलाश रहे हैं। पीछे भी नहीं जा पा रहे हैं। यात्रियों के मुताबिक यहां पर कर्मचारी धीरे-धीरे पहाड़ को रोड से हटा रहे हैं लेकिन मौसम अधिक खराब हो रहा है। ढाई सौ रुपए में एक पराठाआसपास जो लोग खाना बना रहे हैं वे ढाई सौ रुपए में एक पराठा दे रहे हैं और जो होटल हैं वे दो हजार रुपए में कुछ घंटों के लिए एक कमरा दे रहे हैं। होटल वालों के साथ हुई झूमाझटकीरात होते ही लोगों की परेशानी बढ़ गई और उन्होंने आसपास के होटल वालों से जगह देने के लिए निवेदन किया। इस बीच विवाद के हालात बने और सुरक्षाकर्मियों को बीच बचाव करना पड़ा।

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पोस्‍टर पर वार-पलटवार : फोन पे ने कांग्रेस को ट्वीट कर दी चेतावनी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फोटो के साथ क्यूआर कोड लगाकर गड़बड़ी उजागर करने वाले पोस्टर ने कांग्रेस की उलझन बढ़ा दी है। बालाघाट, भिंड सहित कई जिलों में लगे पोस्टरों में लिखा है, 50 प्रतिशत लाओ, काम कराओ। इसमें फोन पे का जिक्र भी है। इसी को लेकर कंपनी ने कांग्रेस की मप्र इकाई को ट्वीट कर चेतावनी दी कि उसके ब्रांड का पोस्टर में अवैधानिक तरीके से उपयोग किया गया है। हम किसी राजनीतिक अभियान का हिस्सा नहीं हैं। ट्वीट में कहा गया कि उसके नाम और लोगो का इस तरह उपयोग बौद्धिक संपदा अधिकार का उल्लंघन है। कंपनी ने पोस्टर से क्यूआर कोड और नाम तुरंत हटाने के लिए कहा है। हालांकि, इन पोस्टरों में कांग्रेस का कहीं कोई जिक्र नहीं है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कांग्रेस के प्रदेशाध्‍यक्ष व पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ के भी क्‍यूआर कोड के साथ जगह-जगह पोस्‍टर नजर आए थे, जिनमें बारकोड और स्कैनर लगाकर उन्‍हें भ्रष्ट बताया गया था। जवाब में सीएम शिवराज सिंह चौहान के भी जगह-जगह ऐसे ही पोस्‍टर लगाए गए, जिनमें बारकोड के साथ डिजिटल यूपीआई एप फोन पे का भी जिक्र किया गया। इसी को लेकर फोन पे ने आपत्ति जताते हुए कांग्रेस के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की बात कही है। फोन पे कंपनी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हेंडल पर इसको लेकर प्रतिक्रिया दी और मप्र कांग्रेस को टैग करते हुए लिखा- हमारे लोगो हमारी कंपनी का एक पंजीकृत ट्रेडमार्क है। फोन पे के बौद्धिक संपदा अधिकारों का किसी भी तरह से अनाधिकृत उपयोग कानूनी कार्रवाई को आमंत्रित करेगा। हम मप्र कांग्रेस से विनम्र निवेदन करते हैं कि हमारे ब्रांड, लोगो व रंग को दर्शाते पोस्‍टरों व बैनरों को हटा लिया जाए। फोन पे किसी भी तीसरे पक्ष, चाहे वह राजनीतिक हो या गैर-राजनीतिक, द्वारा उसके ब्रांड लोगो के अनधिकृत उपयोग पर आपत्ति जताता है। हम किसी भी राजनीतिक अभियान या पार्टी से जुड़े नहीं हैं।

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