मौजूदा वीआईपी रोड के समानांतर बड़े तालाब के ऊपर 8 लेन सड़क बनेगी। राजा भोज की मूर्ति-बुर्ज, स्मारकों को बचाने और सड़क को खानूगांव तक सीधा बनाने के लिए इसे तालाब में 400 मीटर अंदर बनाया जाएगा। इससे लगभग ढाई लाख वर्गमीटर तालाब सड़क के नीचे ढंक जाएगा। इसमें तालाब के कैचमेंट एरिया से पेड़ों की कटाई भी तय है। खास बात यह कि शहरी क्षेत्र में बड़े तालाब के एफटीएल से 50 मीटर तक किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं है।
मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने सड़क का ले-आउट फाइनल कर लिया है। इसके अनुसार ये कमला पार्क के पास से शुरू होकर केबल स्टे ब्रिज के पास तक जाएगी। यहां एक रोटरी बनेगी और यहां से मौजूदा वीआईपी रोड के समानांतर सड़क बनेगी। यह खानूगांव तक यानि होटल इंपीरियल से बरे तक जाएगी। इसे वीआईपी रोड के लेवल पर बनाया जाएगा। आगे सड़क दो पार्ट में हो जाएगी। खानूगांव से बैरागढ़ की तरफ हलालपुर के पास तक सिक्स लेन एलिवेटेड रोड बनेगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति भी इसे मंजूरी दे चुकी है। अब यह कैबिनेट में जाएगा। बुधवार को कैबिनेट में भोज वेटलैंड प्रोजेक्ट के तहत पौधरोपण में से नई वीआईपी रोड के ले-आउट मेंं आ रही जमीन को छोड़कर शेष 1000 हेक्टेयर जमीन सामाजिक वानिकी को सौंप दी गई है। यानि खानूगांव वाले इलाके में भोज वेटलैंड प्रोजेक्ट के समय लगाए गए पेड़ों की कटाई तय है।
बेहतर विकल्प देखना चाहिए…
तालाब के ऊपर के बजाय विकल्प देखना चाहिए। बेहतर विकल्प यह है कि एयरपोर्ट को बैरागढ़ और नीलबड़ से जोड़ते हुए रोड बनाई जाए। इसके लिए कोलांस नदी पर एक छोटा-सा ब्रिज बनेगा। कोलांस नदी के आसपास 250 मीटर के बफर के नियम का पालन करते हुए भी यह बन सकता है। इससे वीआईपी ट्रैफिक भी डायवर्ट होगा और आम लोगों को भी फायदा होगा।
- डॉ. शैलेंद्र बागरे, स्ट्र्क्चर एक्सपर्ट
तालाब के लिए नुकसानदायक
तालाब के एफटीएल से 50 मीटर दूरी तक तो निर्माण प्रतिबंधित है। वीआईपी रोड के समय तर्क था कि यह बफर का काम करेगी और तालाब की तरफ हो रहे अतिक्रमण रोके जा सकेंगे। इसके लिए एनवायर्नमेंट इंपेक्ट असेसमेंट होगा। इसमें केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मुश्किल है। स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी से भी इसकी अनुमति लेना होगी। - डॉ. प्रदीप नंदी, एनवायर्नमेंट साइंटिस्ट