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सुशांत सिंह केस में क्यों हो रही है देरी, अमेरिका के फेर में दो साल से अटकी पड़ी है फाइल

सुशांतसिंह राजपूत की मौत को अब 3 साल गुजर चुके हैं, लेकिन सीबीआई की जांच अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। लोग हैरान हैं कि आखिर सुशांत की मौत की जांच कहां तक पहुंची है, इसके पीछे सच क्या है, क्‍या है उनके मौत की वजह… ये बातें उन्हें आखिर कब पता लगेंगी। खैर! इस केस में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कहा कि कुछ लोगों के पास इस केस से जुड़े ठोस सबूत हैं, जिनकी जांच की जा रही है कि वो सही हैं या नहीं। अब ताजा जानकारी यह है कि सीबीआई की जांच अमेरिकी एजेंसियों के फेर में बीते दो साल से फंसी हुई है। हाल ही में सुशांतसिंह राजपूत की तीसरी बर्थडे एनिवर्सरी थी, जिस पर एक बार फिर से लोगों ने सवाल करना शुरू कर दिया कि आखिर सीबीआई कब अपना फैसला सुनाएगी? इसी बीच सुशांत की फैमिली की तरफ से केस लड़ रहे वकील विकास सिंह ने सीबीआई पर आरोप भी लगाया था कि एजेंसी इस केस को धीरे-धीरे मारना चाहती है। खैर, हाल ही नें रिपब्लिक को दिए इंटरव्यू में देवेंद्र फडणवीस ने कहा- पहले इस केस को लेकर जो जानकारियां मिली थीं, वो सुनी-सुनाई बातों पर आधारित थीं। हालांकि बाद में कुछ लोगों ने बताया कि उनके पास इस केस से जुड़े कुछ ठोस सबूत हैं। हमने उन लोगों से इस बारे में बात की है और उन्हें सबूत पुलिस को सौंपने के लिए कहा है। अब जो इससे आगे की कहानी है, वो अमेरिका से जुड़ी है और कहा जा रहा है कि इसी वजह से जांच आगे नहीं बढ़ पा रही। बताया जा रहा है कि सीबीआई इसलिए किसी फाइनल नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है, क्योंकि दो साल गुजर जाने के बाद भी अमेरिका की तरफ से सहयोग नहीं मिल रहा है। कहा जा रहा है कि दरअसल अमेरिका से इस केस को लेकर कुछ टेक्निकल सबूत मांगे गए थे, जो अब तक नहीं मिल पाए हैं। इस रिक्वेस्ट में एक्टर के डिलीट किए गए सारे चैट, ईमेल और पोस्ट से जुड़ी जानकारियां मांगी गई थीं, ताकि कॉन्टेंट और इस घटना की कहानी के पीछे की वजहों की छानबीन की जा सके। भारत और अमेरिका के बीच एक म्युचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (पारस्परिक कानूनी सहायता संधि यानि एमएलएटी) है, जिसके तहत दोनों देश किसी भी घरेलू जांच की जानकारी में एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं, जो बिना मदद के पॉसिबल नहीं हो सकता। एचटी ने एक सीबीआई आॅफिसर के हवाले से बताया है- हम अब भी टेक्निकल सबूतों के लिए अमेरिका के रिस्पॉन्स का इंतजार कर रहे हैं।

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गोल्डन गाउन में जाह्नवी कपूर ने कराया फोटोशूट

जाह्नवी कपूर इन दिनों लंदन में हैं। इसी बीच एक्ट्रेस ने अपना एक वीडियो और कुछ फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर की हैं, जिसमें वह गोल्डन ड्रेस में नजर आईं। इस वीडियो में जाह्नवी ग्लैमरस फोटोशूट करवाती हुई दिखाई दे रही हैं। बता दें, एक्ट्रेस लंदन में एनिमल बॉल इवेंट में पहुंची थीं। इस इवेंट में फैशन डिजाइनर- मनीष मल्होत्रा, सव्यसाची मुखर्जी और अनीता डोंगरे सहित कई भारतीय हस्तियों ने शिरकत की सोशल मीडिया पर जाह्नवी के वीडियो सामने आते ही छा गए हैं। वीडियो पर एक यूजर ने कमेंट करते हुए उन्हें प्रिंसेस बताया। एक यूजर ने तो उन्हें इंडियन किम कार्दशियन करार दिया है, वहीं एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा- ब्यूटी क्वीन। जाह्नवी जल्द ही साउथ सुपरस्टार जूनियर एनटीआर की फिल्म से टॉलीवुड डेब्यू करेंगी। इस मूवी का नाम ‘एनटीआर 30’ था, लेकिन अब फिल्म का नाम बदलकर ‘देवरा’ कर दिया गया है।

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गुलाब बेच रही बच्ची को देख भावुक हुए अमिताभ

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ट्रैफिक के बीच गुलाब बेच रही एक बच्ची को देखकर भावुक हो गए। अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग पर लिखा कि भारी बारिश में एक छोटी बच्ची ट्रैफिक के बीच अपने परिवार का पेट भरने के लिए फूल बेच रही थी। अमिताभ ने कहा- मैं बड़ी देर से बच्ची को देख रहा था कि कैसे वह कार की खिड़की के पास जाकर फूल खरीदने को बोल रही है। काफी कोशिश के बाद किसी भी गाड़ी वाले ने बच्ची से फूल नहीं लिया। यह दृश्य मैं काफी देर से देख रहा था। मैंने उस बच्ची को अपने पास बुलाया और गुलाबों की कीमत पूछे बिना बच्ची को पैसे देकर उससे गुलाब ले लिए। मेरे पास इस ब्लॉग पर कहने के लिए और कुछ नहीं है, लेकिन कई लोगों को खिलाने की लिए मेहनत कर रही उस बच्ची का चेहरा याद है।

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कंगना के साथ काम करना सपने के पूरे होने जैसा : संदीप सिंह

बॉलीवुड फिल्मकार संदीप सिंह का कहना है कि कंगना रनौत के साथ काम करना सपने के पूरे होने जैसा है। संदीप सिंह कंगना रनौत को लेकर फिल्म बनाने जा रहे हैं। संदीप सिंह ने कहा- मैंने एक निर्माता के तौर पर इससे पहले भी कंगना को कुछ और फिल्मों में काम करने का आॅफर दिया था, लेकिन वे तमाम आॅफर उनकी प्रतिभा के अनुरूप नहीं थे। ऐसे में मैंने सही विषय और सही समय का इंतजार करना बेहतर समझा। कंगना की अभिनय प्रतिभा को मद्देनजर रखते हुए कंगना के लिए उचित कहानी ढूढ़ना मुश्किल काम था। जब मेरे पास एक ऐसी ऐसी सशक्त कहानी आई, जिसके साथ सिर्फ कंगना ही न्याय कर सकती थीं तो मैंने फौरन कंगना से संपर्क किया और उन्हें यह कहानी सुनाई। इस बार वो मुझे मना नहीं कर पाईं। संदीप सिंह ने कहा- कंगना के साथ काम करना किसी सपने के पूरा होने जैसा है। मैं पिछले एक दशक से उनके साथ काम करने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि आखिरकार इस फिल्म के जरिए मेरा विजन और सपना दोनों ही साकार होने जा रहा है।

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फिल्म 72 हूरें का ट्रेलर रिलीज : हर जगह बिछी दिखीं लाशें

फिल्म 72 हूरें का ट्रेलर रिलीज हो गया है। ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे कट्टरपंथियों के बहकावे में आकर युवा अपने आपको सुसाइड बॉम्बर बना देते हैं। ट्रेलर में ये भी दिखाया गया है कि कैसे एक आतंकवादी 72 हूरों की लालच देकर लोगों को बहकाता है। फिल्म के डिस्क्लेमर में साफ लिखा है कि ये सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म है।
जानकारी के मुताबिक ये फिल्म 2021 की है और इसे सरकार की तरफ से नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है। फिल्म के प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने कहा कि उनकी इस फिल्म के लिए तालियां बजी थीं। सरकार ने फिल्म को सराहा भी था, लेकिन इस वक्त फिल्म की रिलीज में अड़चन देखने को मिल रही है। ट्रेलर की शुरुआत एक ब्लैक एंड व्हाइट सीन से होती है, हर जगह लाशें दिखाई दे रही हैं। बैकग्राउंड में दाढ़ी में एक शख्स कई लोगों को बैठाकर 72 हूरों को लेकर कुछ बातें कह रहा है। मेकर्स का दावा है कि ये फिल्म सच्ची घटनाओं पर बेस्ड है। ट्रेलर के एक सीन में एक्टर पवन मल्होत्रा धर्म के नाम पर अपने साथी एक्टर आमिर बशिर को बरगला रहे हैं। ब्रेनवाश हुए युवक का रोल कर रहे पवन मल्होत्रा एक सीन में काफिरों को मारने की बात करते हैं, वहीं लास्ट सीन में दिखाया है कि वो भीड़ के बीच में खड़े होकर अपने आपको बम से उड़ा लेते हैं।
हम अक्सर 72 हूरों का कॉन्सेप्ट सुनते आए हैं। असलियत में इसका मतलब क्या है। दरअसल ये एक मनगढ़ंत धारणा है, जो कि आतंकी सरगना युवाओं को बरगलाने के लिए यूज करते हैं। हम अक्सर देखते हैं… जो आतंकवादी पकड़े जाते हैं, उनसे जब सवाल किए जाते हैं तो उनका जवाब यही होता है कि उन्होंने 72 हूरों के लिए हथियार उठाया है।

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