फिल्म ‘Saiyaara’: सादा कहानी, कम ड्रामा, लेकिन अहान-अनीत की केमिस्ट्री ने कर दिया इंप्रेस

Saiyaara’ Movie Review:
न कोई बड़ा ट्विस्ट, न हाई-वोल्टेज ड्रामा… फिर भी अहान-अनीत की मासूम जोड़ी ने दिल छू लिया
कुछ फिल्में हंसाती हैं, कुछ रुलाती हैं… लेकिन कुछ ऐसी भी होती हैं जो सीधी-सादी होकर भी दिल में बस जाती हैं। मोहित सूरी निर्देशित ‘सैयारा’ ऐसी ही एक फिल्म है — एक इमोशनल सफर, जो अपनी मासूमियत, अभिनय और संगीत से सीधे दिल तक पहुंचती है।
📖 कहानी
‘Saiyaara’ टूटे दिलों की मुलाकात की कहानी है।
वाणी बत्रा (अनीत पड्डा) एक संवेदनशील कवियित्री है, जो अपने दिल की बात छुपाकर रखती है। शादी के दिन मंगेतर द्वारा छोड़े जाने के बाद वह टूट जाती है और लिखना भी छोड़ देती है।
कुछ महीनों बाद, पत्रकार के रूप में उसकी मुलाकात होती है कृष कपूर (अहान पांडे) से — एक गुस्सैल, मगर अंदर से टूटा हुआ लड़का, जो सिंगर बनने की कोशिश कर रहा है।
वाणी की कविता और कृष की धुनें मिलती हैं, और शुरू होता है एक अनकहा रिश्ता — दर्द, विश्वास और प्रेम का। लेकिन सवाल यह है: क्या ये रिश्ता वक्त और हालात की कसौटी पर खरा उतर पाएगा?
🎭 अभिनय
- अहान पांडे कृष के रोल में दमदार लगे हैं। शुरुआत में उनका गुस्सा और खामोशी अलग महसूस होती है, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म बढ़ती है, उनकी आंखों से भावनाएं बोलने लगती हैं।
- अनीत पड्डा वाणी के किरदार में पूरी तरह डूब जाती हैं। उनकी मासूमियत, टूटन और फिर धीरे-धीरे खुद को जोड़ने की प्रक्रिया बेहद प्रभावशाली है।
दोनों की केमिस्ट्री फ्रेश और दिल से जुड़ी हुई लगती है — बिना ज़्यादा दिखावे के, सच्ची और संजीदा।
🎥 निर्देशन और स्क्रीनप्ले
मोहित सूरी एक बार फिर वही भावनात्मक गहराई लेकर आए हैं, जो ‘आशिकी 2’ और ‘एक विलेन’ जैसी फिल्मों में देखी गई थी।
- हां, कुछ सीन खिंचे हुए लगते हैं और कहानी कई बार अनुमानित हो जाती है।
- लेकिन इमोशनल ट्रीटमेंट इतना प्रभावशाली है कि आप हर पल से जुड़ जाते हैं।
🎶 संगीत
- फिल्म का टाइटल ट्रैक ‘Saiyaara’ लंबे समय तक आपके ज़ेहन में बना रहता है।
- मिथून, सचेत-परंपरा, विशाल मिश्रा और तनिष्क बागची का म्यूज़िक फिल्म की आत्मा है।
- बैकग्राउंड स्कोर इमोशंस को और गहराई देता है।
⚖️ कमज़ोर पहलू
- फिल्म की रफ्तार शुरुआत में धीमी है।
- कुछ डायलॉग्स दोहराए गए लगते हैं।
- कहानी में कोई चौंकाने वाला ट्विस्ट नहीं है।
लेकिन इन सबके बावजूद फिल्म का भावनात्मक असर कम नहीं होता।
✅ फाइनल वर्डिक्ट: देखें या नहीं?
अगर आपको भावनात्मक प्रेम कहानियां पसंद हैं — जिनमें सादगी, गहराई और सच्चाई हो — तो ‘Saiyaara’ ज़रूर देखिए।
यह फिल्म आपको कोई बड़ा धमाका नहीं देगी, लेकिन अपने शांत, सच्चे एहसासों से धीरे-धीरे आपका दिल जीत लेगी।