ओलंपिक विजेताओं के लिए दिल्ली सरकार का ऐतिहासिक फैसला — अब मिलेगा बड़ा कैश रिवॉर्ड और सरकारी नौकरी
दिल्ली के मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान ओलंपिक और पैरा-ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाने का बड़ा ऐलान किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना के तहत अब ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर 7 करोड़ रुपये, सिल्वर पर 5 करोड़ और ब्रॉन्ज पर 3 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
इसके साथ ही, गोल्ड और सिल्वर मेडलिस्ट खिलाड़ियों को ग्रुप A और ब्रॉन्ज मेडलिस्ट को ग्रुप B की सरकारी नौकरी भी दिल्ली सरकार की ओर से दी जाएगी।
मंत्री ने यह भी बताया कि पहले यह राशि क्रमश: 3 करोड़, 2 करोड़ और 1 करोड़ थी, जिसे अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दोगुना से अधिक कर दिया गया है।
मॉनसून सत्र में लगातार हंगामा, संसद की कार्यवाही ठप — SIR और ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष हमलावर, सरकार का पलटवार
संसद का मानसून सत्र लगातार दूसरे दिन भी भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष, खासकर कांग्रेस सहित कई दल, बिहार में चल रही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर चर्चा की मांग कर रहे हैं और इसे चुनाव से पहले साज़िश बता रहे हैं। वहीं, सरकार इसे संविधानसम्मत प्रक्रिया बताते हुए चर्चा के लिए तैयार है।
लोकसभा का हाल: मंगलवार को जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने एसआईआर और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस की मांग करते हुए जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की अपील की, लेकिन हंगामा नहीं थमा। स्पीकर ओम बिरला द्वारा सदन की मर्यादा बनाए रखने की अपील के बावजूद हंगामा जारी रहा, जिसके कारण कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे, फिर 2 बजे और अंत में पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में भी जारी रहा गतिरोध: राज्यसभा में भी विपक्ष ने एसआईआर, पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री की उपस्थिति में चर्चा की मांग की। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की, जिसके चलते उपसभापति हरिवंश को दो बार सदन स्थगित करना पड़ा। दोपहर बाद कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
सरकार ने विपक्ष पर लगाया दोहरे मापदंड का आरोप: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष एक ओर बहस की मांग करता है और दूसरी ओर खुद ही सदन नहीं चलने देता। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार हर विषय पर चर्चा को तैयार है, लेकिन विपक्ष संसद का समय बर्बाद कर रहा है।
विशेष मांगें और स्थगन प्रस्ताव: राज्यसभा में CPI सांसद पी. संतोश कुमार ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के कथित इस्तीफे पर भी चर्चा की मांग की, जिसे अन्य 12 स्थगन प्रस्तावों के साथ नियम 267 के तहत खारिज कर दिया गया।
भारतीय नौसेना को मिला पहला स्वदेशी डीएसवी ‘आईएनएस निस्तार’, गहराई में जाने की क्षमता से लैस
विशाखापत्तनम: भारतीय नौसेना की ताकत में एक और अहम इजाफा हुआ है। रक्षा मंत्री संजय सेठ की मौजूदगी में नौसेना के बेड़े में देश का पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV), INS Nistar शामिल कर लिया गया। 118 मीटर लंबा और 10,000 टन वजनी यह युद्धपोत समुद्र में 300 मीटर की गहराई तक जाने में सक्षम है, और यह विशेष उपकरणों से लैस है जो गहरे समुद्र में राहत, मरम्मत और बचाव कार्यों में बेहद मददगार होंगे।
🌊 समुद्री सुरक्षा में नई क्रांति
INS Nistar को विशाखापत्तनम स्थित नेवल डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना को सौंपा गया। इसका डिज़ाइन और निर्माण पूरी तरह भारत में ही हुआ है, जिसे हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने 8 जुलाई 2025 को तैयार किया था। यह पोत DSRV (Deep Submergence Rescue Vehicle) के लिए मदर शिप का कार्य करेगा, जिससे पनडुब्बियों में आपात स्थिति आने पर एक हजार मीटर तक गहराई में जवानों को उतारा जा सकता है।
🛡 आत्मनिर्भर भारत की बड़ी छलांग
INS Nistar का निर्माण भारतीय शिपिंग रजिस्टर के नियमों के अनुसार हुआ है और इसमें प्रयुक्त 80% उपकरण स्वदेशी हैं। इसके निर्माण में 120 से अधिक MSME कंपनियों ने भागीदारी की, जो रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
🗣 नेताओं की प्रतिक्रियाएं
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा,
“भारतीय नौसेना का इतिहास गौरवशाली रहा है और INS Nistar उस पर एक नया स्वदेशी अध्याय जोड़ता है। भारत अब हथियारों का आयातक नहीं, निर्यातक बनता जा रहा है।”
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि भारत अब तक ₹23,622 करोड़ के हथियार निर्यात कर चुका है, और सरकार का लक्ष्य ₹50,000 करोड़ तक का निर्यात है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा,
“INS Nistar के आने से हमारी डाइविंग क्षमता और गहराई में संचालन की शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा।”
🌍 गिनी-चुनी ताकतों में भारत
विश्व के सिर्फ कुछ ही देशों के पास ऐसा अत्याधुनिक डाइविंग सपोर्ट वेसल है। INS Nistar न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है बल्कि यह भारत के ‘हथियारों के आयातक से निर्यातक’ बनने के सफर की बड़ी मिसाल भी है।
बिहार में आगामी चुनावों की तैयारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर राज्य के दौरे पर पहुंचे। अपने एक दिवसीय दौरे में उन्होंने मोतिहारी से बिहारवासियों को 7217 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर, रोजगार, विकास, माओवाद और ‘इंडिया’ गठबंधन जैसे अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने राजद और कांग्रेस के कार्यकाल की भी याद दिलाई और जंगलराज का जिक्र करते हुए निशाना साधा। उनके इन बयानों को लेकर अब सियासी हलचल तेज हो गई है। आइए जानते हैं पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या-क्या कहा…
PM मोदी का बिहार दौरे में बड़ा संदेश: “ये नया भारत है, दुश्मनों को सजा देना जानता है”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोतिहारी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह नया भारत है, जो अपने दुश्मनों को सज़ा देने के लिए ज़मीन-आसमान एक कर देता है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की घोषणा उन्होंने बिहार की इसी धरती से की थी और इसके बाद पूरी दुनिया ने भारत की ताकत को देखा। आज भारत की ताकत और सामर्थ्य की चर्चा वैश्विक मंचों पर हो रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि अब बिहार को वैश्विक बाज़ारों से जोड़ा जाएगा और किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य जल्द ही पूरा होगा। उन्होंने जोर देकर कहा – “हम न नारों में अटकते हैं और न वादों में सिमटते हैं।” पिछड़े और अति-पिछड़े वर्गों के लिए केंद्र सरकार विशेष प्रयास कर रही है।
उन्होंने माओवाद पर भी कड़ा संदेश दिया। पीएम ने कहा कि चंपारण, औरंगाबाद, गया, जमुई जैसे जिले, जो माओवाद की चपेट में रहे, अब विकास की राह पर हैं। माओवाद अंतिम साँसे गिन रहा है, और अब वहां के नौजवान बड़े-बड़े सपने देख रहे हैं। हमारा संकल्प है – भारत को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करना।
युवाओं को लेकर भी उन्होंने बड़ी घोषणा की। पीएम मोदी बोले – “बिहार तभी आगे बढ़ेगा जब यहां का युवा आगे बढ़ेगा। हमारा संकल्प है – समृद्ध बिहार, हर युवा को रोजगार!” बीते वर्षों में राज्य में रोज़गार के अवसरों को बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं और इसमें उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
PM मोदी का तीखा हमला: “राजद-कांग्रेस राज में गरीब को पक्का घर मिलना असंभव था”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोतिहारी में आयोजित जनसभा के दौरान विपक्ष पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के शासनकाल में गरीबों को पक्का घर मिलना एक सपना मात्र था। उस दौर में जंगलराज इस कदर हावी था कि लोग अपने घरों की मरम्मत या रंग-रोगन तक कराने से डरते थे—कहीं मकान देखकर ही उन्हें उठा न लिया जाए।
प्रधानमंत्री ने पीएम आवास योजना की प्रगति का ज़िक्र करते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों में देशभर में 4 करोड़ से अधिक गरीबों के लिए पक्के घर बनाए गए हैं, जिनमें से लगभग 60 लाख घर अकेले बिहार में बने हैं। सिर्फ मोतिहारी जिले में ही तीन लाख गरीब परिवारों को आवास का लाभ मिला है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
“यूपीए सरकार ने बिहार से लिया बदला”
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और राजद की पुरानी नीतियों पर तंज कसते हुए कहा कि यूपीए के 10 वर्षों के शासन में बिहार को केवल दो लाख करोड़ रुपये की राशि ही दी गई, मानो नीतीश सरकार से बदला लिया जा रहा हो। लेकिन 2014 में जब जनता ने केंद्र में एनडीए को चुना, तबसे बिहार की तस्वीर बदलने लगी।
उन्होंने कहा,
“मैंने उस राजनीति को खत्म किया, जो बिहार से बदला लेती थी। आज केंद्र और राज्य—दोनों में बिहार के लिए काम करने वाली सरकारें हैं, इसलिए विकास तेज़ी से हो रहा है।”
“राजद-कांग्रेस परिवारवादी, दूसरों को नहीं देते सम्मान”
पीएम मोदी ने INDIA गठबंधन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस सिर्फ अपने परिवार के बाहर के लोगों को सम्मान देना नहीं जानते। ये दल हमेशा दलित, पिछड़े और गरीबों के नाम पर राजनीति करते रहे, लेकिन उनकी भलाई के लिए कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने इन्हीं दलों की बेड़ियों को तोड़कर असंभव को संभव किया है। आज यही कारण है कि गरीब कल्याण की योजनाएं सीधे ज़रूरतमंदों तक पहुंच रही हैं।
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि दो दशक पहले बिहार गहरे अंधकार और हताशा में डूबा हुआ था। तब शासन में बैठे लोग सिर्फ गरीबों के हक के पैसों को लूटने में लगे थे।
“नया बिहार बनाएंगे, फिर एक बार NDA सरकार”
अपने भाषण के अंत में पीएम मोदी ने स्पष्ट संदेश दिया:
“जब बिहार आगे बढ़ेगा, तभी देश आगे बढ़ेगा। अब समय है, मिलकर नया बिहार बनाने का और फिर एक बार NDA सरकार लाने का।”
NSA डोभाल का खुलासा: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने बने निशाना, 23 मिनट में मिशन सफल; बौखलाया इस्लामाबाद
नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने शुक्रवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि भारत ने पाकिस्तान के भीतर स्थित नौ आतंकी ठिकानों को बेहद सटीकता से निशाना बनाया और इस पूरे अभियान के दौरान एक भी चूक नहीं हुई।
डोभाल ने बताया कि यह पूरा ऑपरेशन महज 23 मिनट में पूरा कर लिया गया और इसकी योजना शुद्ध रूप से खुफिया इनपुट्स के आधार पर तैयार की गई थी।
डोभाल के इस बयान के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। भारतीय एनएसए की टिप्पणी से पाकिस्तानी हुक्मरान तिलमिला उठे हैं और अब अंतरराष्ट्रीय नियमों की दुहाई देकर इस पर आपत्ति जता रहे हैं।
डोभाल के बयान से पाकिस्तान बौखलाया, भारत पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन का आरोप
इस्लामाबाद/नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर दिए गए बयान के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है। शनिवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डोभाल की टिप्पणी को “तोड़फोड़ और झूठ से भरा हुआ” बताया और भारत पर गंभीर आरोप लगाए।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा, “डोभाल का बयान एक सोची-समझी झूठी प्रचार मुहिम का हिस्सा है। यह जिम्मेदार कूटनीति के सभी मापदंडों का उल्लंघन करता है। भारत जिस तरह से सैन्य कार्रवाई का दिखावा कर रहा है, वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर का भी उल्लंघन है।”
भारत पर आम नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप
प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि भारत ने जिन स्थानों को आतंकी ठिकाने बताया, वे वास्तव में आम नागरिकों के इलाके थे और वहां पर नागरिकों की मौतें हुईं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हुए कहा कि “अब समय आ गया है कि दुनिया इसे गंभीरता से ले। अगर इस पर लगाम नहीं लगी, तो इसके परिणाम भयंकर हो सकते हैं।”
पृष्ठभूमि: क्या कहा था NSA डोभाल ने?
डोभाल ने शुक्रवार को पहली बार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर खुलासा किया था कि भारत ने पाकिस्तान की सीमा के भीतर स्थित नौ आतंकी ठिकानों को 23 मिनट में बेहद सटीकता से ध्वस्त किया और अभियान के दौरान एक भी चूक नहीं हुई। इस बयान ने पाकिस्तान में राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।