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मध्य प्रदेश

शिवराज भी नर्मदा संरक्षण अभियान में हो सकते हैं शामिल : कमलनाथ

विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने मां नर्मदा के संरक्षण के लिए नर्मदा सेवा सेना का गठन किया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि यह पूरी तरह से गैर राजनीतिक संगठन रहेगा और इसमें नर्मदा नदी के तट पर बसे लोगों को सदस्य बनाया जाएगा। कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी यदि चाहे तो इसके सदस्य बन सकते हैं। इसका प्रभारी भूपेंद्र गुप्ता और अभिनेता विक्रम मस्ताल शर्मा संयोजक बनाए गए हैं। नर्मदा सेवा सेना की शुरुआत 31 जुलाई को मां नर्मदा की आरती से होगी।
भूपेंद्र गुप्ता ने बताया सेना के गठन का उद्देश्य- नर्मदा सेवा सेना के प्रभारी भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि पिछले कई सालों की कोशिशों के बाद भी मां नर्मदा की पवित्रता को बनाए रखने और इसके पानी की गुणवत्ता को भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार बनाए रखने के प्रयास नहीं हो सके हैं। मां नर्मदा के संरक्षण के प्रयासों को लेकर प्रचार-प्रसार हुआ, लेकिन वास्तविकता में मैदानी स्तर पर काम नहीं किया जा सका। नर्मदा नदी के तटों पर वृक्षारोपण हुआ लेकिन वह सिर्फ कागजों तक ही सिमटकर रह गया, इस योजना में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। इसके लिए अब नर्मदा सेवा सेना का गठन किया जा रहा है। इसमें मां नर्मदा की पूजा आराधना की पद्धति प्रचारित की जाएगी।
नर्मदा के किनारे होगा सघन पौधारोपण- भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मां नर्मदा के संरक्षण के लिए जन सहयोग के माध्यम से प्रयास किए जाएंगे। नर्मदा नदी के किनारे सघन पौधारोपण कार्य किया जाएगा। नर्मदा नदी के किनारे ट्रैक पर बसे उद्योग गांव और शहरों से नदी में मिलने वाले अपशिष्ट सीवेज की जानकारी लेकर उसे रोकने के लिए प्रयास किए जाएंगे। नर्मदा नदी में होने वाले अवैध रेत उत्खनन को लेकर जनजागरण किया जाएगा और शासन से कार्रवाई की मांग की जाएगी। भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार पानी की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
31 से शुरू होगा सदस्यता अभियान- नर्मदा सेवा सेना के गठन की शुरुआत 31 जुलाई को नर्मदा आरती के साथ होगी।

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मप्र के खनिज साधन मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने दी जानकारी51 खनिज ब्लाक नीलामी के लिए मुंबई में आज रोड शो

मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के 51 खनिज ब्लाकों की नीलामी के लिए मुंबई में आज (27 जुलाई को) रोड शो किया जाएगा। खनिज साधन मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि खनिज विभाग द्वारा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मुंबई में खनिज की नीलामी के लिए रोड शो किया जा रहा है। इन खनिज ब्लाकों के नीलाम होने से प्रदेश को अतिरिक्त खनिज राजस्व प्राप्त होगा और प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी सृजित भी होंगे। मंत्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में प्रचुर खनिज संपदा, जिसका वैज्ञानिक रूप से संतुलित दोहन का सतत कार्य किया जा रहा है।
खनिज मंत्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों के 51 खनिज ब्लाकों के खनिज पट्टा/समेकित अनुज्ञप्ति के रूप में चिह्नित कर निविदा आमंत्रण जारी की गई है। इनमें खनिज पट्टा के 13 खनिज ब्लाक, दो बाक्साइट, दो आयरन, आठ चूना पत्थर, एक मैगनीज और समेकित अनुज्ञप्ति के 38 खनिज ब्लाक, तीन बेसमेटल, एक कापर, चार हीरा, दो गोल्ड एवं बेसमेटल, छह ग्रेफाइट, एक ग्रेफाइट एवं वेनेडियम, एक आयरन, एक आयरन एवं मैगनीज, पांच चूना पत्थर, 10 मैगनीज, तीन फास्फोराइट और एक पीजीई शामिल है। ये खनिज ब्लाक मुख्यत: जिला सतना, धार, कटनी, बालाघाट, रीवा, दमोह, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, झाबुआ, सीधी, अलीराजपुर, बैतूल, पन्ना, छतरपुर, खरगोन और श्योपुर जिले में स्थित है।
वर्ष 2022-23 में भारत में कुल 105 खनिज ब्लाकों को सफल नीलामी की गई थी, जिसमें मध्यप्रदेश द्वारा सर्वाधिक 29 खनिज ब्लाकों की नीलामी के साथ प्रदेश, देश में प्रथम रहा है। इसके लिए केंद्रीय खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने खनिज के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की सराहना की है। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जहां खान एवं खनिज अधिनियम 2015 में हुए संशोधन के पश्चात इतनी बड़ी संख्या में कुल 51 खनिज ब्लाकों की नीलामी के लिए निविदा आमंत्रण पत्र जारी किया गया है। इस खनिज ब्लाकों की नीलामी प्रक्रिया-कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।

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Amit Shah Bhopal Visit: नेताओं को कराया जमीनी हकीकत से रू-ब-रू, 16 लोगों की टीम लेगी टिकटों पर फैसला

Amit Shah MP Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मिशन 2023 की तैयारियों को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हैं. भाजपा अब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट बांटने का फार्मूला तय करेगी, जिसे लेकर प्रदेश में 16 लोगों की टीम बनाई गई है. शाह ने प्रमुख नेताओं से दो-दो नेताओं की टीम बनाकर अलग से चर्चा भी की है….

 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की मैराथन बैठकों का दौर जारी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजधानी भोपाल में मैराथन बैठकें कर रहे हैं. उनका महज 15 दिनों में दूसरी बार एमपी आना हुआ है. मिशन 2023 के लिए शाह ने बुधवार को प्रदेश के प्रमुख नेताओं के साथ करीब चार घंटे बैठक कर विधानसभा चुनाव को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए. इस दौरान शाह मध्य प्रदेश को लेकर मिले जमीनी फीडबैक की समीक्षा करते नजर आए.

जानकारी के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर खुद अपना सर्वे करवाया है, जिसकी ग्राउंड रिर्पोट के आधार पर अमित शाह ने नेताओं को जमीनी हकीकत से भी रू-ब-रू करवाया. प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई बैठक के बाद शाह होटल ताज के लिए रवाना हो गए. बता दें शाह करीब 5 साल बाद बैठक के बाद भोपाल में देर रात तक रुके हैं.

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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का मोबाइल हैक कर मांगे कांग्रेस के नेताओं से 10–10 लाख रुपए

मामले में दो आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार

गोविंद गोयल, विधायक सतीश सिकरवार, इंदौर जिला अध्यक्ष, अशोक सिंह कोषाध्यक्ष को कॉल कर मांगे थे पैसे

शक होने पर जब नेताओं ने किया कन्फर्म तो निकले फर्जी कॉल

जालसाजों को पकड़ने बुलवाया पैसे लेने गोविंद गोयल के बंगले

दोनो आरोपियों को पकड़ कर किया क्राइम ब्रांच के हवाले

क्राइम ब्रांच कर रही है दोनों आरोपियों से पूछताछ

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दूर की दृष्टि जितनी साफपास की उतनी ही धुंधली

भोपाल आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बूथ कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में जीत के मंत्र देते हुए कांग्रेस सहित अन्य दलों में जड़ जमा चुके परिवारवाद पर भी खूब बोले थे। कार्यकर्ताओं सहित लाइव सुनने वालों को भी मोदी की यह साफगोई पसंद आई है। हालांकि, उनके इस हमले से प्रदेश भाजपा के उन कई नेताओं की नींद भी हराम हो गई है, जो पार्टी में वंश परंपरा के प्रामाणिक दस्तावेज माने जाते हैं।
इंदौर की बात करें तो लक्ष्मणसिंह गौड़ के असामयिक निधन के बाद पत्नी मालिनी गौड़ विधायक के बाद महापौर भी हो गईं। अब उन्हें टिकट नहीं मिले, तो विकल्प के रूप में पुत्र का नाम आगे बढ़ाने की सोच पर काम चल रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश के बल्ला कांड को लेकर पीएमओ का रुख भले ठीक ना रहा हो, लेकिन बेटे को टिकट देने की अपनी जिद को जीत में बदलने के बाद से वे भी पार्टी में परिवारवाद की मजबूत कड़ी बन गए हैं।
राजधानी की बात करें तो पूर्व सीएम बाबूलाल गौर की पुत्रवधु कृष्णा विधायक और महापौर भी रही हैं। प्रदेश में सीएम रहे तीन नेताओं में सुंदरलाल के भतीजे सुरेंद्र पटवा, वीरेंद्र कुमार सखलेचा के पुत्र-मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा और उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी से लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के विधायक भाई जालम सिंह, देवास के पूर्व विधायक स्व. तुकोजीराव की पत्नी गायत्री राजे, विधानसभा अध्यक्ष रहे ईश्वरदास रोहाणी के पुत्र-विधायक अशोक रोहाणी, मंत्री विजय शाह के भाई-विधायक संजय शाह, लोकसभा अध्यक्ष रहे डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडे के पुत्र-विधायक राजेंद्र पांडे, पूर्व सांसद कैलाश सारंग के पुत्र-मंत्री विश्वास सारंग, भाजपा की संस्थापकों में से एक विजयाराजे की बेटी-मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया – ये सब भी पार्टी में परिवारवाद की मजबूत होती जड़ में सहायक हैं। बड़े नेता लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन का मान रख लें और उनके पुत्र को राऊ से प्रत्याशी बना दें तो इस अमरबेल में एक कोपल और फूट जाएगी।
प्रधानमंत्री ने जिस तरह विपक्ष को परिवारवाद के मुद्दे पर घेरा है, तो यह संभव नहीं कि मोशाजी को मप्र में फलते-फूलते परिवारवाद की जानकारी नहीं हो। मोदी के भाषण के महीन अर्थ समझने वाले पार्टी के कई नेता मान रहे हैं कि पांचवीं बार मप्र में भाजपा की सरकार के लिए टिकट वितरण में केंद्रीय नेतृत्व ने परिवारवाद के आरोप से बचने का मन बना लिया है।

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