
संभल हिंसा में डीआईजी, डीएम और एसपी पर महिलाओं और अन्य उपद्रवियों द्वारा सुनियोजित तरीके से पथराव किया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन वीडियो के जरिए हमलावरों के चेहरे की पहचान करना शुरू कर दिया है। बवाल से पहले सीसीटीवी कैमरे तोड़े जाने से घटना की योजनाबद्धता का संकेत मिल रहा है।
संभल हिंसा के बाद जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। पीआरओ और दो अन्य सिपाहियों पर हमले की सूचना पर पहुंचे डीआईजी, डीएम और एसपी पर पहले महिलाओं ने पथराव किया था, उसके बाद अन्य लोगों ने भी पत्थर फेंके थे।
अधिकारियों ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि जब वे हिंदूपुरा खेड़ा में अपनी फोर्स के साथ पहुंचे, तो तीन महिलाओं ने छतों से पुलिस पर पथराव किया। इसके अलावा अन्य लोग भी छतों से पत्थर फेंक रहे थे, जिसके कारण तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। एसपी ने यह भी बताया कि कई स्थानों पर लगे सीसीटीवी के डीवीआर भी गायब थे।
एसपी ने आगे कहा कि उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। पुलिस प्रशासन ने 11 वीडियो जारी किए हैं, जिनमें से पांच ड्रोन कैमरे, तीन अन्य कैमरे और तीन सीसीटीवी कैमरे के वीडियो हैं। इन वीडियोज में उपद्रवी सीसीटीवी कैमरे तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन कैमरों में कैद कुछ उपद्रवियों के चेहरे साफ दिख रहे हैं, जबकि कुछ ने मास्क पहन रखे हैं। ये उपद्रवी पहले कैमरों को तोड़ते हैं और फिर बवाल मचाते हैं। ड्रोन कैमरे को भी तोड़ने के लिए पथराव किया गया, लेकिन पत्थर कैमरे तक नहीं पहुंचे। अलग-अलग वीडियो में अलग-अलग चेहरे दिखाई दे रहे हैं, और ये वीडियो जामा मस्जिद के आसपास के इलाके के हैं।