
हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
मध्यप्रदेश सरकार लोक सुरक्षा कानून यानी पब्लिक सेफ्टी एक्ट लागू करने की तैयारी में है। इस कानून के तहत सार्वजनिक और व्यवसायिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी होगा। जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। गृह विभाग ने इस कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। ड्राफ्ट के मुताबिक, शादी चाहे मैरिज गार्डन में हो या निजी स्थान पर, इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग जरूरी होगी। किसी जगह 100 से एक हजार तक या उससे ज्यादा लोग इकट्ठा होते हैं, वहां सीसीटीवी कैमरा लगाना जरूरी होगा।
इसके दायरे में कॉलेज, स्कूल, मॉल, रेस्टोरेंट, अस्पतालों के साथ राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम, रैलियां और जुलूस भी आएंगे। नए एक्ट के मुताबिक, वीडियो फुटेज को दो महीने तक सुरक्षित रखना पड़ेगा। पुलिस के मांगने पर इसे देना भी पड़ेगा। सीसीटीवी लगाने का खर्च संबंधित प्रतिष्ठान या कार्यक्रम का आयोजक उठाएगा। सरकार ने तीन महीने पहले इंदौर में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, जो सफल माना जा रहा है। नए कानून के ड्राफ्ट को परीक्षण के लिए विधि विभाग को भेजा गया है। मध्यप्रदेश में हर दस साल में 20 फीसदी की दर से आबादी बढ़ रही है। जनगणना विभाग के अनुमान के मुताबिक, 2024 के अंत तक मप्र की आबादी 8.88 करोड़ के करीब होगी यानी 2011 की आबादी के मुकाबले 22 फीसदी की बढ़ोतरी। बढ़ती आबादी और शहरीकरण के चलते सर्विलांस की जरूरत महसूस की जा रही है।
दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद जस्टिस उषा मेहरा आयोग ने देश में महिला सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कई उपाय सुझाए थे। इनमें से एक सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना भी था। आयोग ने यह भी सुझाव दिया था कि सार्वजनिक स्थानों और सार्वजनिक परिवहन के अलावा पीसीआर वैन और पुलिस स्टेशनों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।
2020 से की जा रही है तैयारी
मध्यप्रदेश में लोक सुरक्षा कानून बनाने की तैयारी साल 2020 से चल रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गृह विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी थी। गृह विभाग ने ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया था, मगर ये लागू नहीं हो सका। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में संभागीय समीक्षा के दौरान इस काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे।
निगरानी के लिए बनेंगी कमेटियां
निगरानी के लिए चार स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाएगा। मॉनिटरिंग एंड कंट्रोल कमेटी (निगरानी और नियंत्रण समिति) सबसे प्रमुख होगी। इसके बाद सुपरवाइजिंग कमेटी (पर्यवेक्षण समिति), इम्प्लीमेन्टेशन कमेटी (क्रियान्वयन समिति) और सेक्टोरल कमेटी यानी क्षेत्रीय समिति होगी। चारों समितियों के अधिकार और काम तय किए जाएंगे।
इंदौर में पायलट प्रोजेक्ट
लोक सुरक्षा कानून को लागू करने से पहले सरकार ने इंदौर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 12 सितंबर 2024 को इसकी शुरूआत की थी। इसे लागू करने के लिए नगर पालिका निगम एक्ट 1956 में बायलॉज जोड़े गए। इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव बताते हैं कि सामुदायिक निगरानी प्रणाली को जनभागीदारी से लागू करवाया है। इसके तहत शहर में हजारों नए सीसीटीवी लगाए गए हैं।
नए कानून में यह प्रावधान
ल्ल शादी मैरिज गार्डन में हो या निजी स्थान पर, उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा।
ल्ल यदि किसी स्थान पर 100 से एक हजार या उससे ज्यादा लोग इकठ्ठा होते हैं तो वहां सीसीटीवी कैमरा लगाना जरूरी होगा।
ल्ल संचालकों को सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को 2 माह के लिए सुरक्षित रखना जरूरी होगा।
ल्ल यदि विशेष स्थिति में पुलिस या जांच एजेंसी इसकी मांग करती है तो वीडियो रिकॉर्डिंग को देना जरूरी होगा।
ल्ल संस्थान- प्रतिष्ठानों को खुद के खर्च पर ही सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।