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155 करोड़ की टैक्स चोरी भी उजागर…….आयकर ने मारा छापा, पूर्व भाजपा नेता के घर से निकले मगरमच्छ, जब्त

हिन्दुस्तान मेल, सागर
जिले में एक कारोबारी पर छापेमार कार्रवाई करने गई इनकम टैक्स विभाग की टीम उस समय टेंशन में आ गई, जब कमरे का दरवाजा खोलते ही उसमें से मगरमच्छ निकलकर सामने आ गया। एक, दो नहीं बल्कि चार मगरमच्छ। आयकर ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर चारों मगरमच्छ का रेस्क्यू किया। मामले में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
छापेमारी राजेश केसरवानी से जुड़े ठिकानों पर की गई थी। राजेश एक बीड़ी निर्माता, भवन निर्माण ठेकेदार और भाजपा के पूर्व पार्षद हैं। हालांकि, आयकर विभाग के किसी भी अधिकारी ने मगरमच्छों की बरामदगी पर कोई बात नहीं की। हेड आॅफ फॉरेस्ट फोर्स असीम श्रीवास्तव ने बताया मामले में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मगरमच्छों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। इस मामले की पूरी जानकारी कोर्ट को दी जाएगी। कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी। श्रीवास्तव ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कुल कितने मगरमच्छ बरामद किए गए हैं। जिस घर से मगरमच्छ मिले हैं, वह भाजपा नेता हरवंश् सिंह राठौर का है। राठौर सागर जिले के पुराने नेता है। 2013 में विधायक थे। उनके पतिा हरनाम सिंह राठौर मप्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान 155 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का पता चला है। 3 करोड़ रुपए कैश, सोना-चांदी बरामद किया। पूर्व विधायक की ही 140 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी गई है, जो कंस्ट्रक्शन का कारोबार भी करते हैं।

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गीता प्रेस के साथ की डील : महाकुंभ में अडाणी ग्रुप बांटेगा ‘आरती संग्रह’ की 1 करोड़ प्रतियां

प्रयागराज, एजेंसी
अडानी ग्रुप प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ में भक्तों को फ्री में एक करोड़ आरती संग्रह की प्रतियां बांटेगा। इसके लिए अडाणी ग्रुप ने गीता प्रेस के साथ एक डील की है। आरती संग्रह नाम की इस पुस्तक को गीता प्रेस ने प्रकाशित किया है और यह पहल सनातन साहित्य सेवा का हिस्सा है। भारतीय संस्कृति के संरक्षण, प्रचार और प्रसार के उद्देश्य से समर्पित संगठन गीता प्रेस के प्रतिनिधियों ने अहमदाबाद में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी से मुलाकात की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, महाकुंभ भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का महायज्ञ है। हमारे लिए यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि इस महायज्ञ में प्रतिष्ठित संस्था गीता प्रेस के सहयोग से हम कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आरती संग्रह की एक करोड़ प्रतियां नि:शुल्क प्रदान करने वाले हैं। उन्होंने कहा, धर्म और संस्कृति के प्रति नि:स्वार्थ सेवा और जिम्मेदारी की भावना देशभक्ति का एक रूप है, जिसके लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं। सेवा ही ध्यान है, सेवा ही प्रार्थना है और सेवा ही ईश्वर है। अडाणी ने कहा, आज मुझे गीता प्रेस के सम्मानित पदाधिकारियों से प्रेरणा मिली, जो सनातन साहित्य के माध्यम से 100 वर्षों से राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं और मुझे गीता प्रेस की उत्कृष्ट सेवा के लिए अपना आभार व्यक्त करने का सौभाग्य मिला।

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क्या है HMPV वायरस, जिसे छिपा रहा चीन: और किन देशों में फैल चुका है, टीका-उपचार क्या, कितना खतरनाक? जानें

चीन में एक बार फिर कोरोनावायरस के जैसा ही एक और वायरस खतरा बनता दिख रहा है। हाल ही के दिनों में चीन से जो वायरल वीडियो सामने आए हैं, उनमें अस्पतालों के बाहर जबरदस्त भीड़ लगे देखा जा सकता है। इससे जुड़ी रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन में इस वक्त संक्रमण फैलने की असल वजह ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) है। एक रिपोर्ट में हॉन्गकॉन्ग के अखबार हॉन्गकॉन्ग एफपी ने दावा किया है कि चीन में यह वायरस तेजी से फैला है और लोगों में बड़े स्तर पर सांस से जुड़ी समस्याएं दर्ज की जा रही हैं। हालांकि, फिलहाल हॉन्गकॉन्ग में इस वायरस से जुड़े मामले कम हैं। 

इतना ही नहीं चीन में एचएमपीवी के अलावा कुछ और वायरस के भी फैलने की खबरें हैं। इनमें इन्फ्लुएंजा ए, माइकोप्लासमा न्यूमोनिए और कोरोनावायरस के दोबारा फैलने से जुड़े दावे शामिल हैं। इसके अलावा कुछ अपुष्ट दावे हैं कि चीन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आपातकाल लगा दिया है। खासकर एचएमपीवी वायरस, जिसके लक्षण कोरोनावायरस संक्रमण के जैसे ही हैं को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों ने निगरानी बढ़ा दी है। 

एचएमपीवी का किस पर और कितना असर?

  • यह मुख्य तौर पर बच्चों पर असर डालता है। हालांकि, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और बुजुर्गों पर भी इसका प्रभाव दर्ज किया गया है। 
  • इस वायरस की वजह से लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार, कफ की शिकायत हो सकती है। ज्यादा गंभीर मामलों में गला और श्वांस नली के जाम होने से लोगों के मुंह से सीटी जैसी खरखराहट भी सुनी जा सकती है।
  • कुछ और गंभीर स्थिति में इस वायरस की वजह से लोगों को ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों में ऑक्सीजन ले जाने वाली नली में सूजन) और निमोनिया (फेफड़ों में पानी भरना) की स्थिति पैदा कर सकता है। इसके चलते संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। 
  • चूंकि इसके लक्षण कोरोनावायरस संक्रमण और आम फ्लू से मिलते-जुलते हैं, इसलिए इन दोनों में अंतर बता पाना मुश्किल है। हालांकि, जहां कोरोनावायरस की महामारी हर सीजन में फैली थी। वहीं एचएमपीवी अब तक मुख्यतः मौसमी संक्रमण ही माना जा रहा है। हालांकि, कई जगहों पर इसकी मौजूदगी पूरे साल भी दर्ज की गई है।
  • कोरोना के इतर इस वायरस के कारण ऊपरी और निचले दोनों श्वसन पथ में संक्रमण का खतरा हो सकता है।
  • सामान्य मामलों में इस वायरस का असर तीन से पांच दिन तक रहता है। 

वैक्सीन और उपचार के क्या तरीके हैं?
मौजूदा समय में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से बचाव के लिए कोई टीका (वैक्सीन) मौजूद नहीं है। इसके अलावा एंटी वायरल दवाइयों का प्रयोग इस पर असर नहीं डालता। ऐसे में एंटी वायरल का प्रयोग इंसानों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम कर सकता है। 
इस वायरस से जूझ रहे लोगों को लक्षण हल्का करने के लिए कुछ दवाएं दी जा सकती हैं। हालांकि, वायरस को खत्म करने लायक उपचार अभी मौजूद नहीं है। 

दुनिया के किन देशों में दिख चुका है इसका असर?
2023 में एचएमपीवी के कई मामले नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और चीन में दर्ज किए गए हैं। बीजिंग की कैपिटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के यू’आन अस्पताल में श्वसन और संक्रामक रोग विभाग के मुख्य चिकित्सक ली तोंगजेंग के मुताबिक, मास्क पहनने, हाथों को लगातार धोने और प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने से बीमारी से राहत मिल सकती है।

वायरस ने चीन पर क्या असर डाला है?
वहीं इस मामले में चीन के रोग नियंत्रण प्राधिकरण ने शुक्रवार को बताया कि उसने अज्ञात कारणों से होने वाले निमोनिया के मामलों पर नजर रखने के लिए एक खास निगरानी प्रणाली शुरू की है। बयान में बताया गया कि सर्दियों के मौसम में श्वसन रोगों (सांस से जुड़ी बीमारियों) के मामलों में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इस नई प्रणाली का उद्देश्य अधिकारियों को उन बीमारियों से निपटने में मदद करना है, जिनके कारण अभी तक समझ में नहीं आए हैं।  

कोरोनावायरस के मामलों के आने के बाद जहां चीन की अधिकतर व्यवस्थाएं चरमरा गई थीं, वहीं अब इस वायरस के लिए चीनी सरकार ने प्रोटोकॉल तय करने का फैसला किया है। इसके लिए कई प्रयोगशालाओं में नियमों को स्थापित किया जाना है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियों को रिपोर्ट करने के साथ इनके नियंत्रण और बचाव के तरीकों पर भी काम किया जाएगा। 

भारत ने क्या कहा?
इस बीच राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के प्रकोप की हालिया खबरों को देखते हुए देश में श्वसन और मौसमी इन्फ्लुएंजा के मामलों पर करीबी नजर रखे हुए है और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के संपर्क में है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं और विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।”

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस सांस से संबंधित किसी भी अन्य वायरस की तरह है, जो सामान्य जुकाम का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि यह युवाओं और अधिक आयु के लोगों में फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है।

उन्होंने कहा, “चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के प्रकोप के बारे में खबरें आई हैं। हालांकि, हमने देश (भारत) में श्वसन प्रकोप के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। दिसंबर 2024 के आंकड़ों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। हमारे किसी भी स्वास्थ्य संस्थान से बड़ी संख्या में मामले सामने नहीं आए हैं। मौजूदा स्थिति को लेकर घबराने की कोई बात नहीं है।”

डॉ. गोयल ने कहा, “किसी भी स्थिति में, सर्दी के दौरान श्वसन संक्रमण का प्रकोप बढ़ जाता है, जिसके लिए आमतौर पर हमारे अस्पतालों में आवश्यक चीजों की आपूर्ति और बिस्तरों की व्यवस्था की जाती है।” उन्होंने लोगों को श्वसन संक्रमण को रोकने के लिए अपनाई जाने वाली सामान्य सावधानियां बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यदि किसी को खांसी और जुकाम है तो उन्हें दूसरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए ताकि संक्रमण न फैले।



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खनौरी बॉर्डर पर किसान महापंचायत: डल्लेवाल बोले- अब तक सात लाख किसान कर चुके आत्महत्या, उनके बच्चों का क्या

महापंचायत में पंजाब और हरियाणा से किसान बड़ी संख्या में शामिल हुए। जींद की ओर से भी किसान जत्थे के रूप में लगातार खनौरी बॉर्डर की ओर बढ़े।

खनौरी बार्डर पर चल रही किसान महापंचायत में आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को स्ट्रेचर से लाया गया है। डल्लेवाल शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो चुके हैं। वह खुद बैठ भी नहीं सकते। उनकी लगातार कमजोर हो रही हालात को देखते हुए, मंच पर स्ट्रेचर से संबोधित करवाया जाएगा।

खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि अब तक सात लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। हम किसानों के नेता हैं, लेकिन किसी ने इन किसानों की मौत या आगे और आत्महत्याएं रोकने के लिए कुछ नहीं किया। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की जान बहुत महत्वपूर्ण है। उस दिन मैंने भी कहा था कि डल्लेवाल की जान तो महत्वपूर्ण है, लेकिन उन सात लाख किसानों के बच्चों का क्या होगा जो अब हमारे बीच नहीं हैं?

हालांकि डल्लेवाल बोलने में भी असमर्थ हैं, लेकिन महापंचायत में वह अपनी मांगों को लेकर किसानों को संबोधित जरूर करेंगे। केंद्र सरकार द्वारा की गई वादाखिलाफी से आहत होकर डल्लेवाल आमरण अनशन कर रहे हैं। डल्लेवाल स्ट्रेचर से ही किसानों को सरकार से लड़ने व अपनी मांगों को मनवाने के लिए अपील करेंगे। इसमें कई किसान संगठनों के लोग शामिल हुए हैं। घने कोहरे के कारण किसान बड़ी संख्या में महापंचायत में पहुंचे हैं।

पंजाब और हरियाणा से भारी संख्या में किसान पहुंचे
फिलहाल किसान नेताओं का मंच से संबोधन जारी है। एमएसपी की कानूनी गारंटी, किसानों के हक और अधिकार, और आंदोलन की आगामी रणनीति पर चर्चा की जा रही है। कई संगठनों के नेता सरकार पर दबाव बनाने के लिए एकजुटता का आह्वान कर रहे हैं।

सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ नई मंडीकरण नीति को लेकर बैठक

किसानों और केंद्र के बीच गतिरोध खत्म करके बातचीत शुरू की जाए। पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से यह अपील की है। कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र ही किसानों को बातचीत के राजी कर सकता है। केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ नई मंडीकरण नीति को लेकर बैठक की।


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Jammu Kashmir Army Vehicle Accident: बांदीपोरा में सेना का ट्रक खाई में गिरा… चार जवानों की मौत, दो घायल

बंदीपोरा में सेना का वाहन खाई में गिर गया। हादसे में चार जवानों की मौत हो गई है, जबकि दो घायल हो गए हैं। यह हादसा फिसलन के कारण हुआ।

जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में शनिवार दोपहर यह हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि फिसलन के कारण सेना का एक ट्रक पहाड़ी से नीचे खाई में गिर गया। इस हादसे में चार जवानों की मौत हो गई। जबकि दो  घायल हो गए। इनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

यह दुर्घटना बंदीपोरा के सदरकूट पाईन इलाके में हुई जहां सेना का ट्रक फिसलन के कारण खाई में जा गिरा। हादसे के बाद स्थानीय पुलिस और सेना के अन्य जवान राहत कार्य में जुट गए। इस घटना के कारणों की जांच की जा रही है। 


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