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जनसुनवाई में दिव्यांग को मिला व्हील चेयर कम इलेक्ट्रिक व्हीकलदिव्यांग पवन के जीवन में आई नई रफ्तार…

कलेक्टर कार्यालय में हर मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई में जनसमस्याओं का निराकरण तो हो ही रहा है, वहीं जनसुनवाई जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो रही है। हर जनसुनवाई में अनेक ऐसे उदाहरण देखने को मिलते हैं जब किसी को रोजगार तो किसी को शिक्षा तो किसी को इलाज के लिए सहायता मिल रही है। हर बार की तरह इस बार की जनसुनवाई में भी कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी सहित अन्य अफसरों ने बड़ी संख्या में उम्मीद से आई जनता की समस्या को न केवल गंभीरता के साथ सुना, बल्कि उनका सहानुभूतिपूर्वक निराकरण भी किया।
जनसुनवाई से परदेशीपुरा में रहने वाले एक दिव्यांग युवक पवन साल्वी के जीवन को नई रफ्तार मिली। 8वीं उत्तीर्ण इस दिव्यांग युवक को अत्याधुनिक व्हील चेयर कम इलेक्ट्रिक व्हीकल दिया गया। इसकी कीमत लगभग सवा लाख रुपए बताई गई है। यह वाहन घर में रहने पर व्हील चेयर का काम करती है और बाहर ले जाने पर इसमें कुछ उपकरण लगाकर इलेक्ट्रिक व्हीकल का काम करती है।यह व्हीकल मिलने से पवन बेहद खुश है। उसने बताया कि मैंने डेढ़ माह पहले कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी से भेंट कर परेशानी बताई थी। कलेक्टर ने उनकी बात को गंभीरता से सुना और वाहन उपलब्ध कराया। युवक ने बताया कि मैं अब डिलेवरी बॉय का काम करूंगा। मुझे खुशी हो रही है कि अब मैं रोजगार से जुड़ जाऊंगा। मैं निशानेबाजी की प्रतियोगिता में भी हिस्सा लूंगा।

किडनी पीड़ित बालिका को मिली आर्थिक मदद
जनसुनवाई में बाणगंगा क्षेत्र की एक बालिका भी आई। उसने बताया कि मेरी किडनी खराब है और एक अस्पताल में किडनी का ट्रांसप्लांट किया जाना है। प्रारंभिक जांच में लगभग 60 हजार रुपए का खर्चा आ रहा है। तीस हजार रुपए की जांचें हो चुकी हैं। शेष तीस हजार रुपए की जांच और होना है। हम गरीब परिवार से है। उक्त राशि खर्च करने में अब दिक्कत आ रही है। कलेक्टर ने समस्या को गंभीरता से सुनकर रेडक्रॅस से जांच के लिए तीस हजार रुपए स्वीकृत किए। उक्त बालिका ने खुश होकर बताया कि अब मेरा बेहतर इलाज हो जाएगा, किडनी भी ट्रांसप्लांट हो जाएगी। किडनी मेरी माताजी द्वारा दी जा रही है। किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च लगभग साढ़े चार लाख रुपए आयुष्मान योजना से मिल जाएंगे।

दिव्यांग विकास को मिलेगा वाहन
जनसुनवाई में पहुंचे नंदानगर निवासी विकास पिपले ने बताया कि वह जूते-चप्पल का व्यवसाय करता है। दिव्यांग होने से उसे व्यवसाय में दिक्कत आ रही है। इस युवक ने बताया कि उसे वाहन की आवश्यकता है। मैं कुछ राशि जमा कर सकता हूं, मुझे वाहन मिल जाए तो बहुत अच्छा रहेगा। कलेक्टर के समक्ष उसने बताया कि मैं कुल वाहन लागत का तीस प्रतिशत जमा कर सकता हूं, शेष राशि मिल जाएगी तो मेरा रोजगार बढ़ेगा। कलेक्टर ने रेट्रोफिटिंग वाहन के लिए 70 प्रतिशत राशि स्वीकृत करने के निर्देश सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों को दिए।

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