2018 में इमरान खान को प्रधानमंत्री फौज ने ही बनवाया था। बाद में आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के ट्रांसफर के मुद्दे पर उनका उस वक्त के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से विवाद हो गया। इसके बाद फौज ने शाहबाज शरीफ का दामन थाम लिया और इमरान की सरकार पिछले साल अप्रैल में गिरा दी।
इसके बाद से खान फौज के खिलाफ बयानबाजी करने लगे। उन्होंने बाजवा को गद्दार तक कहा। रविवार को खान ने एक रैली में फौज के एक बड़े अफसर फैसल नसीर पर कत्ल की साजिश रचने का आरोप लगाया। फौज के मीडिया विंग ने एक वीडियो जारी किया। कहा- खान गलत इल्जाम लगा रहे हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके बाद इमरान ने मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट निकलने से पहले फिर एक वीडियो जारी किया। कहा- पाकिस्तान सिर्फ फौज का नहीं है। मैंने सच बोला है। एक फौजी अफसर दो बार मेरे कत्ल की साजिश रच चुका है। मैं मौत से नहीं घबराता। इसके बाद जैसे ही वो हाईकोर्ट पहुंचे, पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
आर्मी चीफ ने बुलाई बैठक
रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय पर हमले के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में कोर कमांडरों के अलावा कई बड़े सैन्य अधिकारी शामिल हैं।
भारत ने बनाई पैनी नजर
भारतीय सुरक्षा बल पाकिस्तान के हालात पर वहां की गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बलों की ओर से कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
इमरान को फौज से दुश्मनी भारी पड़ी……….
इमरान की गिरफ्तारी के दौरान अदालत में मौजूद बैरिस्टर गौहर खान ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री को प्रताड़ित किया गया। उन्होंने इमरान के सिर और पैर पर वार किया। गिरफ्तारी के दौरान उनकी व्हीलचेयर भी फेंक दी गई। इमरान खान वर्तमान में आतंकवाद, ईशनिंदा, हत्या, हिंसा, हिंसा के लिए उकसाने से संबंधित 140 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।