साहब! यह न्याय नहीं, अन्याय है। दो निर्दोषों की जान लेने वाला नशेड़ी कार चालक पैसों और पहुंच के बल पर महज 12 घंटे में ही थाने से छूट गया। यह कैसा न्याय है? शराबी ने मेरे मासूम अद्विक और दो बेटियों के पिता मेरे जेठ की जान ले ली, फिर भी आपकी पुलिस ने हत्यारे को कुछ ही घंटे में छोड़ दिया। यह पीड़ा उस मां की है, जिसके पांच साल के बच्चे की जान नशे में तेज रफ्तार कार चलाने वाले ने ले ली। दूसरा बेटा भी अस्पताल में जिंदगी और मौस से संघर्ष कर रहा है।
वायएन रोड पर पिछले दिनों हुए हादसे में मासूम सहित दो की मौत के बाद पुलिस की लचर कार्रवाई से गुस्साए सैकड़ों लोग परिजन के साथ सोमवार को उठावने के बाद विधायक रमेश मेंदोला के साथ पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे। उन्होंने पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर से मुलाकात की। कमिश्नर से मृतक नमकीन कारोबारी के भाई बोले- जान लेने वाला करोड़पति है, उसका इतना प्रभाव था कि वह मेडिकल रिपोर्ट भी बदलवाने में लगा था। पुलिस सामान्य धाराएं लगाकर उसे बचाना चाहती हैै। कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने कहा कि मैं भी समझ रहा हूं कि मामला बहुत गंभीर है। दो लोगों की जान गई है। इसमें आप अब एसीपी को बयान दर्ज कराएं। वे इसे जांचेंगे। हम किसी भी हाल में इसमें कोई कोताही नहीं बरतेंगे। कमिश्नर ने कहा, आप एसीपी को बयान दर्ज कराएं। वे जांच करेंगे। हम किसी भी हाल में कोताही नहीं बरतेंगे।
मालूम हो, तुकोगंज थाना क्षेत्र में शनिवार रात नमकीन कारोबारी संदीप गुप्ता अपने परिवार के 3 बच्चों के साथ घर के नजदीक दुकान पर दो पहिया वाहन से जा रहे थे, तभी नशे में धुत कार चालक अजीत लालवानी ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में कारोबारी और एक बच्चे की मौत हो गई थी, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के बाद मामूली धाराएं लगाकर मेडिकल कराया, फिर उसे छोड़ दिया। इससे परिजनों में आक्रोश था। वे अगले ही दिन कमिश्नर से मिले और अपनी नराजगी जताई। इसके बाद देर रात करीब 2 बजे अजीत ललवानी निवासी यशवंत कॉलोनी को दोबारा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।