
नवगठित तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने प्रस्ताव पास किया है, जिसके तहत मंदिर बोर्ड में काम करने वाले गैर-हिंदू कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने या आंध्रप्रदेश के अन्य सरकारी विभागों में ट्रांसफर लेने में किसी एक विकल्प को चुनना होगा। मंदिर बीते कई महीनों से चर्चा में बना हुआ है। कुछ ही समय पहले मंदिर के पवित्र प्रसाद में मिलावट की खबर को लेकर काफी बवाल हुआ था।
टीओआई के मुताबिक टीटीडी के नए अध्यक्ष बीआर नायडू ने फैसले की पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने मंदिर बोर्ड में काम करने वाले गैर-हिंदू कर्मचारियों की सही संख्या बताने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक फैसले से बोर्ड के 7000 स्थायी कर्मचारियों में से लगभग 300 कर्मचारी प्रभावित होंगे। बता दें कि टीटीडी में 14,000 संविदा कर्मचारी भी काम करते हैं।