
सूरत के पांच झोलाछाप डॉक्टरों ने मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बना दिया। हॉस्पिटल के उद्घाटन को लेकर छापे गए निमंत्रण कार्ड में पुलिस कमिश्नर और नगर निगम कमिश्नर के नाम बिना सहमति के ही छाप दिए, इसीलिए इनॉगरेशन में कोई अफसर नहीं पहुंचा, बल्कि उद्घाटन के अगले दिन गुजरात के हेल्थ डिपार्टमेंट ने कार्रवाई करके अस्पताल सील कर दिया। मामले में पुलिस ने फर्जी डिग्री को लेकर डॉक्टरों का कानूनी इलाज कर दिया।
डीसीपी विजयसिंह गुर्जर ने बताया-पांडेसरा में जनसेवा मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन था। आमंत्रण-पत्र पर पुलिस कमिश्नर अनुपमसिंह गहलोत, सूरत महानगर पालिका कमिश्नर शालिनी अग्रवाल और ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर राघवेंद्र वत्स का नाम भी बिना पूछे ही छपवा दिए थे, जो उद्घाटन में गए नहीं। दूसरे दिन पुलिस-प्रशासन ने छानबीन की। पता चला कि आमंत्रण-पत्र पर पांच डॉक्टरों के नाम लिखे हैं। उनमें से दो डॉ. बबलू रामआसरे शुक्ला और डॉ. राजाराम दुबे हैं, जो नाम के आगे बीईएमएस की डिग्री लिखते हैं। दोनों के खिलाफ गुजरात मेडिकल एक्ट के तहत पांडेसरा थाने में मामले दर्ज हंै। दोनों फर्जी डॉक्टर हैं। डिग्री फर्जी है। सूरत पुलिस फर्जी डिग्री के नाम पर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले जालसाजों का अब इलाज कर रही है। पांच आरोपियों में से दो की फर्जी डिग्री का खुलासा होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, जबकि बाकी आरोपियों की डिग्री की जांच की जा रही है।