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सहमे-सहमे हैं रहवासी सांप्रदायिक तनाव के 10 दिन बाद भी हालात नहीं हुए सामान्य

छत्रीपुरा में 1 नवंबर की दोपहर दो पक्षों में विवाद और पथराव के 10 दिन बाद भी हालात सामान्य नहीं है। इलाके में पुलिस की आवाजाही अब भी ज्यादा है। लोग घरों में सहमे से हैं। बेहद कम लोग घरों से निकल रहे हैं। मामले में पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप भी लग रहा है। इस बीच लोगों का कहना है कि इलाके के लोग तो बरसों से मिलजुलकर रहते आए हैं। संप्रदाय से दूर कईयों के राखी के संबंध हैं। पड़ौसियों की मामूली कहासुनी को बाहरी लोगों, नेताओं और मीडिया ने बड़ा रूप दे दिया।
रहवासियों का कहना है कि 31 अक्टूबर दीपावली की रात थी। करीब 12 बजे पटाखों की वजह से सलमान के घर की तिरपाल में आग लग गई थी। आस पास के लोगों ने तुरंत ही आग बुझा दी। जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ । इसी को लेकर दोनों पक्षों में मामूली कहासुनी हुई, जो रात में ही बातचीत के बाद खत्म भी हो गई।

बाहरी लोगों ने बिगाड़ा माहौल
अगले दिन 1 नवंबर को दोपहर में अचानक दोनों पक्षों में मारपीट और पत्थरबाजी हो गई। लड़ाई कैसे हुई इसको लेकर दोनों पक्षों की अलग-अलग दलील है। इस मामले में अभी तक दो एफआईआर हुई है। पुलिस ने कुछ लोगों की गिरफ्तार भी किया है। सारी गिरफ्तारी एक ही समुदाय के लोगों की हुई है, इसलिए पुलिस पर पक्षपात और राजनितिक दवाब के आरोप भी लग रहे हैं। मुस्लिम पक्ष के लोग इस बात पर एकमत दिखे कि माहौल बाहरी लोगों के हस्तक्षेप की वजह से बिगड़ा। वहीं हिंदू पक्ष के लोग जो दो दिन पहले तक मुस्लिम पक्ष पर गंभीर आरोप लगा रहे थे, वो भी अब बाहरी लोगों को ही विवाद का जिम्मेदार बता रहे हैं।

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