
भोपाल में मेसर्स एक्सेल व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड और उनके सहयोगियों के यहां की गई छापे की कार्रवाई में 25 लाख रुपए नकद, 85 लाख की डायमंड ज्वेलरी, मोबाइल, भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और अन्य सामग्री जब्त की गई है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को भोपाल के चार अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर दस्तावेजों की सर्चिंग की थी। अरेरा कॉलोनी स्थित सीए के निवास और आॅफिस पर दस्तावेज खंगाले गए थे। शुक्रवार को ईडी ने सर्चिंग की डिटेल्स जारी की। सर्चिंग में मेसर्स एक्सेल व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड की बैंक धोखाधड़ी भी पकड़ाई है। इसमें माय कार भोपाल की भी भागीदारी पाई गई है। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत केस दर्ज किया है।
बैंक लोन में किया हेर-फेर
बुधवार को हुई छापेमारी के बाद शुक्रवार को ईडी ने बताया- एक्सेल व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर्स और अन्य ने बैंक आॅफ इंडिया से लिए गए लोन की राशि में हेरफेर किया है। कंपनी ने फंड को अपनी सहयोगी संस्थाओं और संबंधित संस्थाओं को डायवर्ट कर दिया था। जिससे बैंक को 44 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। ईडी की जांच में पता चला कि एक्सेल व्हीकल प्रालि कंपनी ने 2014 में बैंक आॅफ इंडिया से 42 करोड़ रुपए की क्रेडिट सुविधा हासिल की थी। वर्ष 2017 में खाता एनपीए हो गया।
इसके अलावा 2019 में कोटक महिंद्रा बैंक ने बैंक आॅफ इंडिया को मेसर्स एक्सेल व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड की सहयोगी कंपनी मेसर्स माई कार भोपाल ने कोटक महिंद्रा बैंक से ऋण लेने कुछ संपत्तियों को पहले से गिरवी रखने के बारे में भी सूचित किया था, जबकि इन गिरवी रखी गई संपत्तियों को मे. एक्सेल व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड ने भी बैंक आॅफ इंडिया के पास भी गिरवी रखा था। कंपनी ने फंड की हेराफेरी की है। कंपनी ने अपनी सहयोगी कंपनियों और उनके विक्रेताओं के भुगतान के लिए एनबीएफसी के ऋणों का पुनर्भुगतान उपयोग किया है।