सावन माह के चौथे सोमवार पर शहरवासियों में शिव की भक्ति का उत्साह देखते ही बना। सुबह छह से रात 11 बजे तक शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहा। मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के जयकारे गूंजने लगे थे। श्रद्धालुओं ने दूध, जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया और बेल पत्र, धतूरा आदि अर्पित कर पूजा अर्चना की। मंदिरों में अलग-अलग स्वरूपों में भगवान भोलेनाथ का शृंगार किया। इस दौरान कहीं रंग गुलाल से भक्तों ने भगवान भोलेनाथ के साथ होली खेली तो कहीं रत्नों से शृंगार हुआ। फूलों से बंगला बनाया गया।
गुफा मंदिर में पुष्प-शृंगार
लालघाटी स्थित गुफा मंदिर में प्रदोष के मौके पर भगवान भोलेनाथ का विभिन्न प्रकार के फूलों सहित प्राकृतिक वस्तुओं से शृंगार हुआ। इस मौके पर मंदिर परिसर में सावन का मेला लगा। नेवरी लालघाटी स्थित मनकामेश्वर मंदिर में भी भगवान मनकामेश्वर का रात्रि में अर्धनारेश्वर स्वरूप में भोलेनाथ का शृंगार हुआ।
दीपकों से दमका बड़वाले महादेव मंदिर
चौथे सावन सोमवार व अधिकमास के मौके पर बड़वाले महादेव मंदिर में दिवाली उत्सव मनाया जाएगा। मंदिर के संजय अग्रवाल ने बताया कि मंदिर में बाबा बटेश्वर और मां गौरा के समक्ष दीपमालाएं सजीं, साथ ही पूरा मंदिर परिसर 3100 दीपों से जगमगाया। शृंगार दर्शन रात्रि आठ बजे से प्रारंभ हो जो देर रात तक चला।
5100 पार्थिव शिवलिंग अभिषेक
सलैया शिवा रायल पार्क फेस-दो श्री मंशापूर्ण महादेव मंदिर में 22 दिवसीय पार्थिव शिवलिंग निर्माण और रुद्राभिषेक कार्यक्रम हुआ। छप्पन भोग और भंडारा के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। 5100 पार्थिव शिवलिंग बनाए गए। आयोजक प्रताप सिंह यादव ने बताया कि आचार्य जितेंद्र शास्त्री महाराज और पंडित नितेश शर्मा, पंडित शिव कुमार शास्त्री के सानिध्य शिवलिंग बनाए गए।
इन मंदिरों में भी हुए अनुष्ठान- बिड़ला मंदिर में पूरे दिन दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रही। इसी प्रकार सिद्धेश्वर मंदिर,पिपलेश्वर मंदिर, भवानी शिव मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर गोविंदपुरा, महाकाल मंदिर ईश्वर नगर, सोमेश्वर मंदिर पीडब्ल्यूडी क्वार्टर, झरनेश्वर मंदिर सहित अन्य मंदिरों में अभिषेक विशेष पूजा अर्चना हुई।