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लैब तैयार : एमडीएमए सैंपल की जांच अब स्थानीय स्तर पर होगी

केमिकल ड्रग्स को पकड़ने के बाद पुलिस मादक पदार्थ की तस्करी करने वालों पर तुरंत और सख्त कार्रवाई कर सके इसलिए मध्यप्रदेश की फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) में एनडीपीएस की नई लैब बनकर तैयार हो गई है। लैब में एमडीएमए जैसे खतरनाक ड्रग्स के सैंपल हो सकेंगे। नए ड्रग्स की संख्या 100 से अधिक है। सैंपल मिलान के लिए एफएसएल को नारकोटिक्स से एमडीएमए के सैंपल चाहिए, इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। सैंपल आते ही लैब काम करना शुरू कर देगी।
शशिकांत शुक्ला, डायरेक्टर, एफएसएल के अनुसार एनडीपीएस के नए ड्रग्स के सैंपल के लिए लैब में जीसीएमएसएमएस और एफटीआईआर मशीन लग चुकी हैं। नए ड्रग्स के सैंपल के लिए नारकोटिक्स को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। दरअसल, युवा गांजा और भांग जैसे नशे को छोड़कर एमडीएमए जैसे खतरनाक केमिकल ड्रग्स का इस्तेमाल करने लगे हैं। लेकिन इनके पकड़े जाने के बाद सैंपल सीएफएसएल भेजना पड़ते थे। अब नए ड्रग्स के सैंपल के लिए एफएसएल मुख्यालय में एनडीपीएस की लैब में एमडीएमए जैसे खतरनाक 100 से ज्यादा नए केमिकल ड्रग्स का सैंपल शुरू हो जाएंगे।
पहली लैब भोपाल एफएसएल में बनकर तैयार हो गई है। नए प्रकार के ड्रग्स सैंपल के लिए लैब में जीसीएमएसएमएस और एफटीआईआर मशीन की लग चुकी हैं। लैब में यूवी मशीन पहले से ही उपलब्ध है। एक लैब में जीसीएमएसएमएस और एफटीआईआर मशीन लगाने का खर्च लगभग ढाई करोड़ रुपए है। प्रदेश की चार लैब सागर, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में मादक पदार्थ के सैंपल होते हैं। नई तकनीक की जीसीएमएसएमएस और एफटीआईआर में नए ड्रग्स का सैंपल मिलाने करने में केवल 15 मिनट का समय लगेगा।

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