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भू-माफियाओं पर शिकंजा

साढ़े 8 करोड़ की सरकारी जमीन कराई मुक्त, एक दर्जन
आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, दो गिरफ्तार………

शासकीय और अन्य जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले भू-माफियाओं के विरुद्ध जिला प्रशासन व पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके चंगुल से साढ़े आठ करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत की जमीन मुक्त कराई गई है। माफियाओं ने सरकारी जमीन को अपनी बताकर प्लॉट भी बेचना शुरू दिए थे। मामले में एक दर्जन आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की गई है। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।
इंदौर जिले की शासकीय और अन्य जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले भू-माफिया और दबंगों पर नकेल कसते हुए कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के निर्देशन में प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में बड़ी कार्रवाई की गई है। शासकीय भूमि ग्राम बांगड़दा सर्वे नंबर 332 रकबा 4.440 हेक्टेयर एवं अन्य शासकीय भूमि को अवैध रूप से विक्रय करने के मामले में जांच के बाद थाना एरोड्रम में 12 आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई।
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के निर्देशन में जिला प्रशासन, नगर निगम एवं डीसीपी आदित्य मिश्रा के निर्देश पर पुलिस विभाग द्वारा 29 सितंबर 2022 तथा 8 जून 2023 से लगातार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान लगभग 18 मकान, निर्माणाधीन मकान एवं शासकीय भूमि पर काटे गए प्लॉट का अतिक्रमण हटाया गया। इस कार्रवाई के बाद शासन की लगभग एक हेक्टेयर भूमि, जिसका मूल्य लगभग 8 करोड़ 60 लाख रुपए हैं, भू-माफियाओं से मुक्त कराई गई है। प्रशासन ने करोड़ों की जमीन मुक्त कराने के साथ भूमाफिया व अवैध रूप से शासकीय भूमि विक्रय करने के मामले में दलालों, विक्रेताओं एवं षड्यंत्र में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ भी पुलिस थाना एरोड्रम में अपराध क्रमांक 389/2023 धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी भारतीय दण्ड विधान की धाराओं के तहत कुल 12 आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।

इनके खिलाफ केस दर्ज
जिन आरोपियों के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है, उनमें जफर पिता अब्दुल, नितिन पिता मनोहरलाल जायसवाल, हासम पिता कासम खां, अजमेरी खान पिता कासम खान, पुरषोत्तम पिता छोटेलाल शर्मा, माधव पिता गिरधारीलाल, केशव उर्फ मामा तिवारी, रूपेश कुमार पिता सुरेशचंद पिंगले, मनोज जायसवाल, पूजा जाट, विशाल उर्फ काकू तथा अनिल खेची आदि शामिल हैं।

सूचना मिटाकर
किया कब्जा
बताया गया कि शासकीय भूमियों को सुरक्षित करने के लिए पूर्व में नगर निगम द्वारा दीवारों पर सूचना लिखकर पेंटिंग करवाई गई थी कि यह शासकीय भूमि है इसकी खरीदी-बिक्री नहीं की जाए। भू-माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए कि उन्होंने दीवारों पर लिखी सूचना मिटा दी गई। प्रशासन ने अब भूमि के चारों तरफ तथा गलियों में पेंटिंग करके अनेक स्थानों पर शासकीय भूमि की सूचना लिखवाई गई है।

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