माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं बोर्ड के नतीजे जारी कर दिए हैं। इंदौर जिले का बारहवीं का रेग्यूलर स्टूडेंट का नतीजा 56% रहा। यह पिछले साल से 24 प्रतिशत कम है। दूसरे नजरिए से देखा जाए तो 44% प्रतिशत बच्चे फेल हो गए हैं या सप्लीमेंट्री में हैं। दरअसल, इस बार 12वीं में वे स्टूडेंट शामिल हुए थे, जिन्हें कोरोनाकाल में दो साल पहले प्रमोशन देकर दसवीं पास किया गया था। इस साल दसवीं बोर्ड का परिणाम 66.5 प्रतिशत रहा। यह पिछले साल से पांच प्रतिशत ज्यादा है। दसवीं में जिले के मृदुल हरिशंकर पाल ने 98.8% प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में टॉप किया।
इंदौर जिले का 12वीं का रिजल्ट 24% गिरा
इंदौर जिले में बारहवीं में 56 प्रतिशत रेग्यूलर स्टूडेंट्स पास हुए हैं। करीब 43 हजार स्टूडेंट्स ने एग्जाम दी थी। इनमें 24 हजार 161 पास हुए हैं। 11 हजार 726 फेल हो गए। 55% लड़के पास हुए हैं, जबकि लड़कियों का पास होने का प्रतिशत 58 रहा है। पिछले साल बारहवीं का रिजल्ट 80% था। इस बार भारी गिरावट ने सबको चौंका दिया है। दरअसल, कोरोना काल में दसवीं के स्टूडेंट्स को प्रमोशन दे दिया गया था। ये स्टूडेंट अब जब 12वीं में पहुंचे थे तो बोर्ड एग्जाम में परफॉर्म नहीं कर पाए। मंत्री इंदरसिंह परमार ने भी यह बात मानी है। इधर, 12वीं के नतीजे देखें तो प्रदेश में कॉमर्स की मेरिट लिस्ट में नौ और जीव विज्ञान में एक छात्रा ने जगह बनाई है।