इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सीजन में इस समय प्ले-आॅफ राउंड के मुकाबले खेले जा रहे हैं। इस राउंड के लिए जैसे ही चार टीमों के नाम साफ हुए, यह तय हो गया कि इस बार ट्रॉफी कोई भारतीय कप्तान ही जीतेगा। लखनऊ, मुंबई, चेन्नई और गुजरात चारों के ही कप्तान भारतीय हैं। वहीं, टूर्नामेंट की जिन टीमों ने विदेशी कप्तान रखे, वे टॉप-5 तक में फिनिश नहीं कर सकीं। यहां तक कि जिन टीमों में हेड कोच और कप्तान दोनों विदेशी रहे, वो तो पॉइंट्स टेबल के सबसे लास्ट पोजीशन पर रहीं।
टूर्नामेंट में तीन कप्तान और सात कोच विदेशी
आईपीएल की 10 टीमों में 10 कप्तान और उनके 10 हेड कोच हैं। 7 टीमों ने भारतीय तो वहीं 3 ने विदेशी कप्तान रखे। इससे उलट 3 ही टीमों ने भारतीय हेड कोच रखे, वहीं 7 हेड कोच विदेशी रहे। इनमें भी 2 टीमों दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के हेड कोच और कप्तान दोनों ही विदेशी हैं। वहीं गुजरात टाइटंस और कोलकाता नाइट राइडर्स ही ऐसी टीमें रहीं, जिनमें कप्तान और कोच दोनों भारतीय हैं। इन 4 टीमों के अलावा 6 टीमें ऐसी रहीं, जिनमें या तो हेड कोच भारतीय हैं या फिर कप्तान। यानी इन 6 टीमों के लीडरशिप रोल में एक भारतीय और एक विदेशी शामिल रहा।
प्लेआॅफ में पहुंची गुजरात के
कप्तान-कोच दोनों भारतीय
लीग स्टेज में जहां विदेशी कप्तानों ने स्ट्रगल किया, वहीं प्लेआॅफ में पहुंचने वाली चारों टीमों के कप्तान भारतीय रहे। गुजरात के तो कप्तान हार्दिक पंड्या और हेड कोच आशीष नेहरा दोनों ही इंडियन हैं। वहीं चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह, मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा और लखनऊ सुपरजायंट्स के कप्तान क्रुणाल पंड्या भी भारतीय हैं। लेकिन इन तीनों ही टीमों के हेड कोच विदेशी हैं। बुधवार को मुंबई से एलिमिनेटर में हारकर प्लेआॅफ से बाहर हो चुकी लखनऊ सुपरजायंट्स की कप्तानी शुरुआती 9 मैचों में केएल राहुल ने भी की, जो भारतीय टीम के अहम खिलाड़ी हैं। यानी भारतीय कप्तान रखने वाली टीमों को आईपीएल के इस सीजन में विदेशी कप्तानों की तुलना में ज्यादा सफलता मिली।