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मध्य प्रदेश

लोक अदालतों से प्रदेश में बरसा धन

राष्ट्रीय लोक अदालत में नागरिकों ने विभिन्न करों के अधिभार में दी गई छूट का भरपूर लाभ उठाया है। परिणामस्वरूप नगरीय निकायों को एक ही दिन में राजस्व और गैर-राजस्व करों के रूप में 55 करोड़ 46 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 13 मई को आयोजित लोक अदालत में नगर पालिक निगमों को 49 करोड़ 34 लाख रुपये, नगर पालिका परिषदों को चार करोड़ 53 लाख रुपये तथा नगर परिषदों को एक करोड़ 60 लाख रुपये का राजस्व मिला है।
नगर निगमों में सर्वाधिक राजस्व 24 करोड़ 63 लाख रुपए इंदौर नगर निगम को प्राप्त हुआ। वहीं, भोपाल नगर निगम दूसरे स्थान पर रहा, जिसे 10 करोड़ 84 लाख रुपये कर के रूप में प्राप्त हुए। इसी प्रकार नगर पालिकाओं में मंदसौर और सीहोर द्वारा क्रमश: 62 लाख और 42 लाख रुपये की वसूली की गई। छोटी नगर परिषदों में राऊ नगर परिषद द्वारा लगभग 10 लाख रुपए की वसूली की गई। लोक अदालत के माध्यम से लगभग 60 हजार नागरिकों द्वारा अधिभार में छूट का लाभ प्राप्त किया गया। इसमे से अधिकतर लोगों द्वारा आनलाइन ही सुविधा का लाभ प्राप्त किया गया।

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अवैध गोवंश परिवहन पर वाहन होंगे राजसात

गोवंश का अवैध परिवहन करने वाले वाहन मालिकों पर शिकंजा कसने के लिए शिवराजसिंह चौहान सरकार ने बड़ा ऐलान कर दिया है। अब अवैध परिवहन करने वाले वाहनों को राजसात किया जाएगा। अभी तक वाहन भी जमानत पर छूट जाते थे। भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश गोरक्षा संकल्प सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गोवंश का अवैध रूप से परिवहन करने वालों के खिलाफ अब सरकार और भी सख्त रुख अपनाने जा रही है। अभी तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें 7 साल की सजा दी जाती थी, लेकिन अवैध रूप से गोवंश का परिवहन करने वाले वाहन छूट जाते थे। अब सरकार ऐसे वाहनों को राजसात करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए नया एक्ट बनाया जा रहा है। इस एक्ट के बनने के बाद अवैध रूप से गोवंश का परिवहन पूरी तरीके से प्रतिबंधित हो जाएगा।
गोरक्षा के लिए सम्मेलन में दिलाया संकल्प
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि यदि कोई वैध रूप से गाय को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना चाहता है, तो उसे किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी, लेकिन यदि कोई गोवंश को काटने के लिए अवैध रूप से परिवहन करता है, तो उसके खिलाफ सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई करने जा रही है। इस मौके पर पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल, सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, गोसेवा आयोग के अध्यक्ष स्वामी अखिलेशानंद, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र जामदार भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गोवंश की रक्षा के लिए सम्मेलन में संकल्प भी दिलाया।

गाय, गरीब और किसान था उमा भारती का नारा
मध्यप्रदेश में जब 2003 में दिग्विजय सिंह की सरकार थी, उस समय प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उमा भारती ने दिग्विजय सिंह सरकार के खिलाफ गाय, गरीब और किसान का नारा दिया था। इसी नारे के बल पर मध्यप्रदेश में 10 साल बाद 2003 के अंत में बीजेपी की सरकार बनी थी। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018 में भी कमलनाथ ने मध्यप्रदेश के हर गांव में गोशाला खोलने का अपने मेनिफेस्टो में वादा किया था। इस बार भी कांग्रेस गोशाला को लेकर बड़ा वादा वचन पत्र में कर सकती है।

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मां के सब्जी बेचने के संघर्ष से बेटी के भ्रष्ट इंजीनियर बनने तक का सफर

पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन ने संविदा प्रभारी सहायक यंत्री हेमा मीणा की सेवाएं शुक्रवार को समाप्त कर दी। इस दौरान विभाग की ओर से मिलने वाली किसी प्रकार की सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। इधर, लोकायुक्त ने पांच अलग-अलग बैंकों को पत्र लिखकर उनके खातों को सीज कर उसकी जानकारी मांगी है। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज की तीन डीबीआर भी जब्त कर ली हैं। बता दें कि पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन की संविदा प्रभारी सहायक यंत्री हेमा मीणा के बिलखिरिया स्थित आवास, फॉर्म हाउस और आॅफिस पर लोकायुक्त ने छापा मारा था। गुरुवार रात दो बजे तक चली कार्रवाई के बाद संपत्ति, वाहन और बैंक खातों की जानकारी मिली है। अब तक सात करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी मिल चुकी है। लोकायुक्त टीम संपत्ति का मूल्यांकन करने में दो दिन लगने की बात कह रही है। संविदा अधिकारी के घर पर 30 लाख रुपए का टीवी लगा मिला था। फॉर्म में 65 से ज्यादा डॉग और 70 गाय मिली थीं। इनमें कई महंगे ब्रीड के डॉग हैं। इनकी रोटी बनाने के लिए ढाई लाख रुपए की मशीन लगी हुई है।

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मंत्री के खास फेथ क्रिकेट क्लब के मालिक राघवेंद्र तोमर ने किया सरेंडर

हिंदुस्तान मेल, भोपाल। मनी लॉण्ड्रिंग मामले में आरोपी मंत्री के खास, फेथ बिल्डर और फेथ क्रिकेट क्लब के मालिक राघवेंद्रसिंह तोमर ने विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र टाडा के न्यायालय में सरेंडर कर दिया। उनके विरुद्ध पूर्व में इसी न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था, जिस पर उनके अधिवक्ता ने जिला न्यायालय भोपाल एवं बाद में उच्च न्यायालय जबलपुर में अग्रिम जमानत अर्जी पेश की थी। उन्हें दोनों न्यायालय ने राहत नहीं दी, जिसके विरुद्ध तोमर ने उच्चतम न्यायालय में अग्रिम याचिका की अर्जी प्रस्तुत की थी, जिस पर उच्चतम न्यायालय की युगलपीठ ने अग्रिम जमानत मंजूर कर ली। शुक्रवार को न्यायालय में सरेंडर कर उच्चतम न्यायालय के आदेश के साथ जमानत अर्जी प्रस्तुत की। गौरतलब है कि अरविंद एवं टीनू जोशी के प्रकरण में बनाए गए लगभग 16 आरोपियों में राघवेंद्र तोमर पहले ऐसे आरोपी हैं, जिनको उच्चतम न्यायालय से अग्रिम जमानत मिली है। मनी लॉण्ड्रिंग मामले में मार्च-2021 में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने निलंबित आईएएस जोशी दंपति की करीब 1.49 करोड़ रु. की संपत्ति कुर्क की थी। उनकी जांच में यह सामने आया था कि तोमर के फेथ क्रिकेट क्लब की जो जमीन है, उसका संबंध जोशी दंपति की आय से अधिक जुड़ी सम्पत्तियों में से एक है, जो कि फेथ क्रिकेट क्लब में उनके परिजन द्वारा रुपयों को काले से सफेद करने निवेश की गई थी।

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मध्य प्रदेश एटीएस और आईबी ने हिज्ब-उत-तहरीर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, 16 गिरफ्तार

BHOPAL: मध्य प्रदेश आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ एक संयुक्त अभियान में लगभग 16 युवकों को हिरासत में लिया है, जो कथित रूप से कट्टरपंथी इस्लामवादी समूह – हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) से जुड़े हुए हैं, भोपाल और हैदराबाद से। ऑपरेशन, जो तीन महीने से अधिक समय से चल रहा था, के परिणामस्वरूप भोपाल से दस व्यक्तियों और मध्य प्रदेश के एक अन्य जिले से एक को गिरफ्तार किया गया, साथ ही हैदराबाद से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। उठाए गए लोगों में से एक की पहचान मोहम्मद वसीम के रूप में हुई, जो एक एनजीओ के लिए काम करता है और भोपाल गैस पीड़ितों के लिए एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता का बेटा है।

सुबह की कार्रवाई के दौरान एक दर्जन से अधिक सेल फोन सहित भड़काऊ साहित्य, नकदी, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए गए। विभिन्न एजेंसियों के अनुसार, एचयूटी ने अपनी विचारधारा का प्रसार करते हुए वैश्विक जांच रडार से परहेज किया है, और आईएसआईएस की तुलना में अधिक खतरनाक ‘आतंकवादी समूह’ बन रहा था। सूत्रों ने बताया कि भारत के पास अपनी विस्तार योजनाओं के बारे में वैश्विक सुरक्षा एजेंसियों से इनपुट थे। एचयूटी पर लगभग 50 देशों में समर्थन का आधार होने का आरोप है। यह भी आरोप लगाया गया है कि एचयूटी की विदेशों में एक अलग सशस्त्र शाखा है जो अपने कैडरों को रासायनिक, बैक्टीरियोलॉजिकल और जैविक युद्ध में प्रशिक्षित कर रही है।

1952 में जेरूसलम में स्थापित और लंदन में मुख्यालय, समूह की मध्य एशिया, यूरोप, दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में शाखाएँ हैं, विशेष रूप से इंडोनेशिया में, जहाँ यह बहुत प्रभाव जमाने में कामयाब रहा है, एजेंसी की रिपोर्ट कहती है।

दक्षिण एशिया में, एचयूटी की पाकिस्तान और बांग्लादेश में महत्वपूर्ण उपस्थिति है। एचयूटी का दावा है कि उसने 2010 में इजराइल के कथित अत्याचारों के विरोध में दिल्ली के बाटला हाउस में एक प्रदर्शन आयोजित किया था। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इसे भारत में एचयूटी की आखिरी गतिविधियों में से एक बताया गया था। हिरासत में लिए गए लोगों से और जानकारी के लिए पूछताछ की जा रही है।

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