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मध्य प्रदेश

उपचुनाव में गोलियां चलीं, भाजपा ने लिया डाकुओं का सहारा : पटवारी

हिन्दुस्तान मेल, रतलाम

भाजपा उपचुनाव जीतने के लिए डाकुओं और गुंडों का सहारा ले रही है। चुनाव आयोग की निष्पक्षता भी दिखाई नहीं दे रही है, फिर भी विजयपुर उपचुनाव कांग्रेस 50 हजार वोटों से जीतेगी। रतलाम में मीडिया से चर्चा करते हुए पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सीएम डॉ. मोहन यादव एवं भाजपा पर जमकर निशाना साधा। पटवारी पूर्व मंत्री स्व. प्रभुदयाल गेहलोत की जन्मजयंती कार्यक्रम में शामिल होने सैलाना जा रहे थे। इस दौरान रतलाम में मीडिया से चर्चा में उन्होंने सीएम, भाजपा प्रत्याशी को तो निशाने पर लिया ही, चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए। पटवारी ने कहा उपचुनाव में भाजपा और उनके प्रत्याशी रामनिवास रावत डाकुओं का उपयोग कर रहे हैं। 11 गांवों में डाकुओं ने गोलियां चलाई, 5 घायल हुए हैं। ग्रामीणों ने एक डाकू को पकड़ा है।
सीएम की भाषा लोकतंत्र को कलंकित करने वाली
पटवारी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम रहते जिस भाषा का वह उपयोग करते हैं, लोकतंत्र को कलंकित करते हैं। उप चुनाव के पहले सामाजिक बैठकें लेकर कुछ भी करो चुनाव जिताओ जैसी बातें करते हैं। कलेक्टर-एसपी भाजपा को खुला सपोर्ट कर रहे हैं। सरकार इनके पीछे खड़ी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कांग्रेस ने कई बार शिकायत की चुनाव आयोग को, लेकिन चुनाव आयोग ने कलेक्टर को हटाने से मना कर दिया। श्योपुर मुख्यालय पर बुधवार को हम अपना विरोध जताएंगे। भाजपा की अराजकता के खिलाफ हम प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, फैयाज मंसूरी, राजीव रावत, शैलेन्द्रसिंह अठाना समेत अन्य कांग्रेसजन उपस्थित रहे।

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डिजिटल अरेस्ट या अन्य साइबर क्राइम की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित करें : मुख्यमंत्री डॉ. यादव………

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि डिजिटल अरेस्ट या अन्य साइबर क्राइम की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी जागरूकता, साइबर जालसाजों का साहस के साथ सामना और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से इन अपराधों से बचा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भी लोगों को इस दिशा में जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट से बचाने के उपाय बताते हुए कहा था कि डिजिटल अरेस्ट से डरे नहीं, रुकें, सोचें तथा एक्शन लें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय में मीडिया को संवाद कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि साइबर पुलिस द्वारा 9 नवम्बर को अरेरा कॉलोनी भोपाल निवासी व्यक्ति के डिजिटल अरेस्ट में त्वरित कार्रवाई कर लाइव रेड करते हुए उन्हें मुक्त कराकर करोड़ों रूपए के साइबर फ्राड से बचाने की कार्यवाही की गई थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश की साइबर पुलिस को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे। संभवत: डिजिटल अरेस्ट में लाईव रेड का देश-दुनिया का यह पहला ऐसा प्रकरण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने साइबर पुलिस की दक्षता और त्वरित कार्यवाही की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख, डीआईजी साइबर सेल युसुफ कुरैशी और त्वरित रूप से घटना स्थल पहुंचने वाले उप निरीक्षक साइबर सचिन यादव की प्रशंसा की।
डिजिटल अरेस्ट से डरें नहीं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने साइबर अपराध में पुलिस टीम द्वारा दिखाई गई तत्परता की सराहना करते हुए इसे अनुकरणीय और प्रेरणादायक बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनसामान्य प्राय: सीबीआई, ईडी आदि की कार्यवाही से अनभिज्ञ रहता है और चालाक अपराधी ऐसे लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं। मध्यप्रदेश पुलिस सूचना प्राप्त होते ही एक्शन में आई और ठोस कार्रवाई करते हुए डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से साइबर फ्रॉड के इस प्रकरण में देश-दुनिया के सामने यह उदाहरण प्रस्तुत किया कि डिजिटल अरेस्ट से डरने की जरूरत नहीं है। समय पर पुलिस को सूचना दी जाए और त्वरित कार्रवाई की जाए तो अपराध से बचा जा सकता है और ऐसे अपराधियों को पकड़ा भी जाया जा सकता है। पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों पर हमें गर्व है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस को सूचना देने वाले श्री राजीव ओबेराय से मोबाइल पर बातचीत भी की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि साइबर अपराध और शिकायतों में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है। वर्ष 2019 में लगभग चार हजार शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जबकि वर्ष 2024 में अब तक लगभग पांच लाख शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पिछले पांच वर्षों में लगभग 259 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 24 हजार पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और लोक अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। गत पांच वर्ष में साइबर जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं सहित लगभग 31 लाख नागरिकों को जागरूक किया गया। साइबर पुलिस द्वारा बिजली बिल भुगतान व कस्टम ड्यूटी के नाम पर ठगी, पेंशन फ्रॉड, आॅनलाइन टेलीग्राम टॉस्क और डिजिटल अरेस्ट संबंधी एडवाइजरी नियमित रूप से जारी की जाती रही है। राज्य शासन को साइबर अपराधों से बचाव संबंधी जागरूकता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया अरेरा कॉलोनी में हुई डिजिटल अरेस्ट संबंधी घटना के बारे में बताया कि 9 नवम्बर को एक व्यक्ति के डिजिटल अरेस्ट की सूचना उनके परिचित राजीव ओबेरॉय ने साइबर पुलिस को दी। पुलिस टीम बिना एक पल गंवाए अरेरा कॉलोनी स्थित पीड़ित विवेक ओबेरॉय (जो कि दुबई में कॉपोर्रेट सेक्टर उद्यमी हैं) के घर पहुंची। टीम ने पाया कि पीड़ित को अज्ञात साइबर जालसाजों द्वारा ईडी, सीबीआई आॅफीसर बनकर दुबई और सीरिया के वर्चुअल नंबर से कॉल कर डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है। दोपहर एक बजे से उनके ही घर के कमरे में छह घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। साइबर जालसाजों द्वारा पीड़ित और उनके परिवार की निजी जानकारियां, बैंकिंग डिटेल्स ले ली गईं और न बताने पर उन्हें गिरफ्तार करने और परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की धमकियां दी गईं। साथ ही यह भी कहा गया कि डिजिटल अरेस्ट के संबंध में किसी को न बताया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि साइबर पुलिस द्वारा रेड करने पर जालसाजों द्वारा तत्काल वीडियो कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया गया। टीम द्वारा पीड़ित को समुचित तरीके से समझाइश देते हुए उन्हें फोन और लैपटॉप की डिजिटल अरेस्ट की वर्चुअल दुनिया से बाहर निकाला गया। रियल टाइम पर उनके साथ होने वाले करोड़ों की ठगी को रोका गया। पीड़ित ने स्वयं कहा कि यदि पुलिस टीम आज त्वरित रूप से उनके पास नहीं पहुंचती तो वे जालसाजों को करोड़ों रूपए ट्रांसफर कर देते और लंबे समय तक अपने ही घर में डिजिटल अरेस्ट की प्रताड़ना सहते। पीड़ित और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा मध्यप्रदेश पुलिस और राज्य साइबर पुलिस को धन्यवाद दिया गया।
प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में लगभग 259 प्रशिक्षण कार्यक्रमों में लगभग 24,000 पुलिस अधिकारी, न्यायिक अधिकारी, लोक अभियोजन अधिकारी प्रशिक्षित किये गये हैं। लगभग 4700 हजार साइबर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर लगभग 31 लाख नागरिकों (छात्र-छात्राओं, महिलाओं, वृद्धों आदि) को जागरुक किया गया। नियमित रूप से नवीन साइबर अपराधों (डिजिटल अरेस्ट, बिजली बिल भुगतान, कस्टम ड्यूटी के नाम पर, पेंशन फ्रॉड, आॅनलाइन टेलीग्राम टास्क आदि) से संबंधित एडवाइजरी जारी की जाती रही है।

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एमपी अजब है एमपी गजब है…यहां मिलता है आश्वासन पर आश्वासन

इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि एक एक तरफ तो मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव मप्र में निवेश करने के लिए देश के अनेक राज्यों का दौरा करने के साथ ही विदेशों का दौरा कर वहां के उद्यमियों को मप्र में निवेश का न्यौता दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मप्र में पहले से स्थापित उद्योगों और स्थानीय छोटे उद्यमियों की अनदेखी की जा रही है। इंदौर के पास नेमावर रोड पर वंचित वर्ग के लिए प्रदेश का पहला औद्योगिक क्लस्टर प्रस्तावित है। इस बीआर आंबेडकर एमएसएमई क्लस्टर के लिए मात्र 5 हेक्टेयर अर्थात 12 एकड़ जमीन की दरकार है। लेकिन विडंबना यह है कि इस क्लस्टर की फाइल पिछले साढे तीन साल से ठंडे बस्ते में है। प्रदेश सरकार मात्र 12 एकड़ जमीन का आवंटन करने में इतने रोड़े अटका रही है कि ऐसा प्रतीत होता है कि मप्र सरकार की मंशा वंचित वर्ग के लोगों को आगे बढ़ोन की है ही नहीं। पिछले साढ़े तीन साल से इस क्लस्टर के लिए सिर्फ आश्वासन पे आश्वासन मिल रहा है….। इस दौरान प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा व अन्य द्वारा तीन बार नोटशीट चलाई जा चुकी है लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ। अब इस मामले में एक बार फिर से मप्र के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और एमएसएमई मंत्री चेतन कश्यप द्वारा आश्वासन दिया गया है। वहीं मामले में एमएसएमई विभाग के अधिकारियों द्वारा परीक्षण किए जाने की बात कई दिनों से कही जा रही है।
दलित युवा संघ इस क्लस्टर के लिए नेमावर रोड पर बिचौली हप्सी के पास मालीखेड़ी गांव में तलाशी गई सर्वे नंबर 199/1/2 की 5 हेक्टेयर (लगभग 12 एकड़) जमीन का आवंटन कैबिनेट की स्वीकृति से किए जाने की मांग कर रहा है।

फर्नीचर और टॉय की तरह करें आवंटन
संघ के पदाधिकारयों का कहना है कि जब प्रदेश सरकार ने फर्नीचर और टॉय क्लस्टर के लिए नियमों को शिथिल कर, बगैर टेंडर के जमीन का आवंटन कर दिया तो फिर बीआर आंबेडकर क्लस्टर के लिए मात्र 12 एकड़ जमीन आवंटित किए जाने में परेशानी क्यों हो रही है? जिस तरह से फर्नीचर और टॉय क्लस्टर के लिए प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाकर विशेष प्रस्ताव पारित कर बगैर टेंडर के उन्हें जमीन का आवंटन किया है, उसी प्रकार से बीआर आंबेडकर क्लस्टर के लिए भी आवंटन किया जाना चाहिए लेकिन हमें सिर्फ आश्वास ही दिया जा रहा है। इस प्रस्तावित क्लस्टर के लिए दलिय युवा संघ द्वारा एसपीवी बनाकर सभी आवश्यक कार्रवाई की जा चुकी है लेकिन जमीन का आवंटन आज तक नहीं हुआ।

निवेशकों को आकर्षित के लिए विदेश का दौरा..

इस वर्ष 7-8 फरवरी 2025 को भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होना है। प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने और नए उद्योगों की स्थापना के उद्देश्य को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। 24 से 30 नवंबर तक उनका ब्रिटेन और जर्मनी का दौरा प्रस्तावित है, जहां वह आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के लिए विदेशी निवेशकों से मुलाकात करेंगे। इससे पहले वे मुंबई, बेंगलुरु, कोयंबटूर और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों में उद्योगपतियों के साथ बातचीत कर चुके है, जहां उन्होंने मध्य प्रदेश में निवेश के लाभ और अवसरों को उजागर किया। राज्य सरकार ने प्रदेश में संभाग स्तर पर रिजनल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन भी शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करना है। इसके लिए जमीन के आवंटन के अलावा हर प्रकार की सुविधाएं देने का वादा किया जा रहा है लेकिन स्थानीय की अनदेखी की जा रही है।

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जेसी मिल श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान के लिए सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल………………………इंदौर की हुकुमचंद मिल की तर्ज पर कराएंगे जेसी मिल ग्वालियर के श्रमिकों का भुगतान…


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मजदूरों के हित के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। इंदौर की हुकुमचंद मिल और उज्जैन की विनोद मिल की तर्ज पर जल्द ही ग्वालियर की जेसी मिल के श्रमिकों और प्रदेश की अन्य बंद मिलों की देनदारियों के भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30-40 साल से बंद पड़ी ग्वालियर की जेसी मिल के मजदूरों के प्रकरणों में 8 हजार से ज्यादा मजदूरों को उचित न्याय दिलाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को ग्वालियर की जेसी मिल का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जेसी मिल परिसर का भ्रमण किया, साथ ही नक्शे के माध्यम से जेसी मिल की जमीन और अन्य परिसम्पत्तियों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अपने बीच पाकर जेसी मिल श्रमिक और उनके परिजन अभिभूत हो गए। सभी ने पुष्पाहारों से मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आत्मीय स्वागत किया। साथ ही कहा पहली बार कोई मुख्यमंत्री हमारी दु:ख-तकलीफ सुनने जेसी मिल तक आया है। अब हमें पूरा भरोसा है कि जेसी मिल पर लंबित हमारी वर्षों पुरानी देनदारियों का भुगतान हो जाएगा। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जेसी मिल श्रमिकों की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रति आभार जताया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जेसी मिल श्रमिकों के हितों की रक्षा की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा सरकार मुकदमा नहीं समाधान चाहती है। इसी भावना के साथ सरकार न्यायालय में श्रमिकों के हित मे अपना पक्ष रखेगी, जिससे श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने कहा कि जेसी मिल श्रमिकों के स्वत्वों के भुगतान के सिलसिले में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। मिल की जमीन और परिसम्पत्तियों के सर्वे का काम कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब, महिला, युवा और किसानों को देश के चार स्तम्भ के रूप में रेखांकित किया है। प्रदेश सरकार इन सभी के उत्थान के लिये कृतसंकल्पित होकर काम कर रही है।
ग्वालियर में आईटी इकाइयों
को बढ़ावा दिया जाएगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर में आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। यहां के आईटी विशेषज्ञ युवाओं को बाहर न जाना पड़े, इसके लिये ग्वालियर में सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित इकाइयों को विशेष बढ़ावा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिये रीजनल कॉन्क्लेव की शृंखला चलाई जा रही है। उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित हो चुकी हैं। इसी कड़ी में 7 दिसम्बर को नर्मदापुरम संभाग एवं जनवरी माह में शहडोल में रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है। उन्होंने कहा संभाग स्तर पर रीजनल कॉन्क्लेव की शृंखला पूरी होने के बाद फरवरी माह में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन होगा। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिये विश्व भर के उद्यमियों को आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस कड़ी में वे जल्द ही जर्मनी व ब्रिटेन के दौरे पर निवेशकों को आमंत्रित करने के लिये जायेंगे। उन्होंने कहा इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे आयोजन से प्रदेश में उद्योग फ्रेंडली माहौल बना है, जिससे वृहद स्तर पर औद्योगिक निवेश हो रहा है। इससे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।

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मप्र में फिर आधी रात को 26 आईएएस के तबादले मुख्यमंत्री के दोनों प्रमुख सचिवों को हटाया

मध्यप्रदेश में एक बार फिर आधी रात को आईएएस अधिकारियों के थोकबंद तबादले किए गए हैं। सोमवार देर रात शासन की ओर से जारी आदेश में 26 आईएएस अफसरों के ट्रांसफर किए गए हैं। नीरज मंडलोई को ऊर्जा एवं पावर मैनेजमेंट का जिम्मा सौंपा गया है।
तबादला आदेश में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों के विभागों में फेरबदल किया गया है।
प्रमुख अफसरों में पद पर कायम हैं डॉ. राजौरा
ट्रांसफर आदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दोनों ही प्रमुख सचिवों को हटा दिया गया है। सीएम के प्रमुख सचिव के रूप में काम कर रहे संजय कुमार शुक्ला और राघवेंद्र कुमार सिंह अब अलग-अलग विभागों के प्रमुख सचिव होंगे। लेकिन सीएम सचिवालय के प्रमुख सचिव नहीं होंगे। यहां अब अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ही सीएम सचिवालय के प्रमुख अफसरों में रह गए हैं।
सोमवार देर रात जारी हुई तबादला सूची में मुख्य सचिव अनुराग जैन की कसावट भी देखने को मिली है। तबादला सूची में सीएम सचिवालय में बढ़ी अफसरों की भीड़ को संतुलित करने का काम किया गया है। दो प्रमुख सचिव और एक एसीएस स्तर के सीनियर अधिकारी सीएम सचिवालय में थे। जिसमें से अब एसीएस राजौरा ही काम करेंगे। राजौरा को पहले से सौंपी गई जिम्मेदारियों के साथ लोक सेवा प्रबंधन विभाग का जिम्मा भी सौंपा गया है। उनके पास नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन जैसे महत्वपूर्ण विभाग पहले से हैं।
एसीएस नीरज मंडलोई से नगरीय विकास और आ‌वास विभाग वापस लेते हुए उन्हें अपर मुख्य सचिव ऊर्जा और एमडी पावर मैंनेजमेंट कंपनी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, मनु श्रीवास्तव से ऊर्जा विभाग वापस लेते हुए उन्हें खेल और युवा कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
दूसरी ओर पिछले महीने सीएम मोहन यादव की बैठक में नाराजगी के चलते प्रमुख सचिव पशुपालन विभाग से हटाए गए गुलशन बामरा को अब प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग बनाया गया है।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के रूप में काम कर रहे संजय कुमार शुक्ल को इस पद से हटाने के बाद नगरीय विकास और आ‌वास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे इसके अलावा पूर्व में सौंपे गए विभाग संभालते रहेंगे। शुक्ल को आयुक्त हाउसिंग बोर्ड का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
वहीं सीएम के एक अन्य पीएस राघवेंद्र सिंह से लोक सेवा प्रबंधन विभाग ले लिया गया है और प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन के साथ प्रमुख सचिव एमएसएमई का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
इस तबादले आदेश में प्रमुख सचिव श्रम उमाकांत उमराव की फिर वापसी हुई है। मुख्यमंत्री ने चार महीने पहले उन्हें राजस्व मंडल का सदस्य बनाकर ग्वालियर भेज दिया था।
दो महीने पहले वे श्रम विभाग के पीएस बनाए गए थे और सोमवार को जारी आदेश में उन्हें प्रमुख सचिव खनिज साधन विभाग और श्रम, पशुपालन विभाग बनाया गया है। साथ ही खनिज निगम, संचालक खनिकर्म का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
शहडोल के कमिश्नर पद से दो महीने के अंतराल में श्रीमन शुक्ला की छुट्‌टी कर दी गई है। उन्हें आयुक्त आदिवासी विकास के पद पर पदस्थ किया गया है। उनके स्थान पर सुरभि गुप्ता को शहडोल संभाग का आयुक्त पदस्थ किया गया है। इसके साथ ही डॉ. नवनीत मोहन कोठारी से एमएसएमई विभाग के सचिव का पद लेकर उन्हें सचिव पर्यावरण और महानिदेशक एप्को बनाया गया है।
प्रियंका दास की पोस्टिंग लंबे अंतराल बाद एनएचएम से बाहर की गई है। उन्हें अपर सचिव एमएसएमई बनाया गया है। दिलीप कुमार को एमडी लघु उद्योग निगम व आयुक्त उद्योग तथा मदन विभीषण नागरगोजे को आयुक्त हस्तशिल्प और हाथकरघा का जिम्मा सौंपा गया है। मदन को राजस्व मंडल ग्वालियर से वापस भोपाल लाया गया है।
प्रीति मैथिल को श्रम विभाग से हटाते हुए अपर सचिव खाद्य प्रसंस्करण और उद्यानिकी का जिम्मा सौंपा गया है। आयुक्त हाउसिंग बोर्ड मनीष सिंह को अपर सचिव परिवहन विभाग बनाया गया है। एमडी खनिज निगम अनुराग चौधरी अब अपर सचिव पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण विभाग होंगे। मोहित बुंदस अपर सचिव वन विभाग, मनोज पुष्प को संचालक पंचायत राज से अब आयुक्त सहकारिता विभाग के पद पर पदस्थ किया गया है।
आदेश में जीएडी और लोक सेवा प्रबंधन विभाग में पदस्थ अपर सचिव गिरीश शर्मा को अब वहां से हटाते हुए परियोजना संचालक स्किल डेवलपमेंट और अपर सचिव तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास व रोजागर विभाग व सीईओ रोजगार निर्माण बोर्ड बनाया गया है। पंकज जैन एमडी भवन विकास निगम होंगे।

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