

इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि एक एक तरफ तो मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव मप्र में निवेश करने के लिए देश के अनेक राज्यों का दौरा करने के साथ ही विदेशों का दौरा कर वहां के उद्यमियों को मप्र में निवेश का न्यौता दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मप्र में पहले से स्थापित उद्योगों और स्थानीय छोटे उद्यमियों की अनदेखी की जा रही है। इंदौर के पास नेमावर रोड पर वंचित वर्ग के लिए प्रदेश का पहला औद्योगिक क्लस्टर प्रस्तावित है। इस बीआर आंबेडकर एमएसएमई क्लस्टर के लिए मात्र 5 हेक्टेयर अर्थात 12 एकड़ जमीन की दरकार है। लेकिन विडंबना यह है कि इस क्लस्टर की फाइल पिछले साढे तीन साल से ठंडे बस्ते में है। प्रदेश सरकार मात्र 12 एकड़ जमीन का आवंटन करने में इतने रोड़े अटका रही है कि ऐसा प्रतीत होता है कि मप्र सरकार की मंशा वंचित वर्ग के लोगों को आगे बढ़ोन की है ही नहीं। पिछले साढ़े तीन साल से इस क्लस्टर के लिए सिर्फ आश्वासन पे आश्वासन मिल रहा है….। इस दौरान प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा व अन्य द्वारा तीन बार नोटशीट चलाई जा चुकी है लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ। अब इस मामले में एक बार फिर से मप्र के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और एमएसएमई मंत्री चेतन कश्यप द्वारा आश्वासन दिया गया है। वहीं मामले में एमएसएमई विभाग के अधिकारियों द्वारा परीक्षण किए जाने की बात कई दिनों से कही जा रही है।
दलित युवा संघ इस क्लस्टर के लिए नेमावर रोड पर बिचौली हप्सी के पास मालीखेड़ी गांव में तलाशी गई सर्वे नंबर 199/1/2 की 5 हेक्टेयर (लगभग 12 एकड़) जमीन का आवंटन कैबिनेट की स्वीकृति से किए जाने की मांग कर रहा है।
फर्नीचर और टॉय की तरह करें आवंटन
संघ के पदाधिकारयों का कहना है कि जब प्रदेश सरकार ने फर्नीचर और टॉय क्लस्टर के लिए नियमों को शिथिल कर, बगैर टेंडर के जमीन का आवंटन कर दिया तो फिर बीआर आंबेडकर क्लस्टर के लिए मात्र 12 एकड़ जमीन आवंटित किए जाने में परेशानी क्यों हो रही है? जिस तरह से फर्नीचर और टॉय क्लस्टर के लिए प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाकर विशेष प्रस्ताव पारित कर बगैर टेंडर के उन्हें जमीन का आवंटन किया है, उसी प्रकार से बीआर आंबेडकर क्लस्टर के लिए भी आवंटन किया जाना चाहिए लेकिन हमें सिर्फ आश्वास ही दिया जा रहा है। इस प्रस्तावित क्लस्टर के लिए दलिय युवा संघ द्वारा एसपीवी बनाकर सभी आवश्यक कार्रवाई की जा चुकी है लेकिन जमीन का आवंटन आज तक नहीं हुआ।
निवेशकों को आकर्षित के लिए विदेश का दौरा..
इस वर्ष 7-8 फरवरी 2025 को भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होना है। प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने और नए उद्योगों की स्थापना के उद्देश्य को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। 24 से 30 नवंबर तक उनका ब्रिटेन और जर्मनी का दौरा प्रस्तावित है, जहां वह आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के लिए विदेशी निवेशकों से मुलाकात करेंगे। इससे पहले वे मुंबई, बेंगलुरु, कोयंबटूर और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों में उद्योगपतियों के साथ बातचीत कर चुके है, जहां उन्होंने मध्य प्रदेश में निवेश के लाभ और अवसरों को उजागर किया। राज्य सरकार ने प्रदेश में संभाग स्तर पर रिजनल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन भी शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करना है। इसके लिए जमीन के आवंटन के अलावा हर प्रकार की सुविधाएं देने का वादा किया जा रहा है लेकिन स्थानीय की अनदेखी की जा रही है।