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मध्य प्रदेश

जिन्होंने लगाया मौत का फंदा… होश आने पर उन्हीं को पुकारा

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
हमीदिया अस्पताल में ढाई साल की मान्या। होश में आते ही मां को पुकारा। बहनों को भी आवाज दी। मां के दिखाई न देने पर रोने लगती है। उस मासूम को नर्सें दुलारती हैं। ममता न्योछावर करती है। उस मासूम को नहीं पता कि उसकी मां और दो बहनें संसार में नहीं हैं। दरअसल मान्या गुनगा के रोड़िया गांव के यादव परिवार में हुए हृदयविदारक हादसे में जीवित बची है। यहां डॉक्टरों की टीम की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। बुधवार सुबह होश में आते ही मां दिखाई नहीं दी तो रोने लगी। नर्सों ने उसे लिक्विड डाइट दी, जिसके बाद मान्या सो गई।
उसे अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के एसएनसीयू यूनिट में रखा गया है। बैरसिया के गुनगा स्थित रोड़िया गांव निवासी संगीता यादव ने तीन बेटियों को फांसी पर लटकाने के बाद खुद भी फांसी लगाकर जान दे दी थी। संगीता और उसकी दो बेटियों की मौत हो गई थी, जबकि मान्या को गंभीर हालत में हमीदिया अस्पताल लाया गया था। गुनगा थाना प्रभारी अरुण शर्मा ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का खुलासा होगा। बच्ची की कस्टडी के लिए पिता और मामा दोनों ने दावा किया है।
सबसे छोटी बेटी के कारण मिला जीवनदान – इधर, बच्ची के छोटे दादा ने बताया कि जब वे मंगलवार सुबह पांच बजे घटना की जानकारी मिलते ही कमरे में दाखिल हुए तो सभी की जान बचाने की कोशिश की। इस बीच मान्या ने सिर्फ एक बार आंखें खोलकर देखीं। मैं तत्काल उसे बैरसिया अस्पताल लेकर पहुंचा। वहां आॅक्सीजन नहीं होने से उसे हमीदिया रेफर कर दिया। उसकी जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि उनकी बहू ने साड़ी से फांसी लगाई थी। पांच साल की आराध्या के साथ संगीता ने फांसी का फंदा लगाया था। एक ही पंखे में एक तरफ सबसे छोटी बेटी और दूसरी तरफ मान्या थी। छोटी बेटी का वजन हल्का होने से मान्या की जान बच गई। भोपाल के गुनगा के ग्राम रोडिया में मंगलवार तड़के एक महिला ने अपनी दो मासूम बच्चियों को पंखे से फंदे पर लटकाकर मार डाला। इसके बाद खुद भी अपनी जान ले ली। महिला ने तीसरी बच्ची को भी फंदे पर लटकाया ​था। गनीमत रही कि वह बच गई। दरअसल, महिला को बेटा नहीं होने के कारण पति और परिजन प्रताड़ित करते थे। सोमवार रात भी कहासुनी हुई थी। पुलिस को सुसाइड नोट मिला है, जिसमें महिला ने लिखा है कि पेट में गठान की वजह से अब बच्चे पैदा नहीं कर सकती, इसलिए ऐसा करने जा रही हूं।

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दादी पर टूट पड़ी ‘बुढ़ापे की लाठी’

माता-पिता और दादा-दादी के लिए बच्चे ‘बुढ़ापे की लाठी’ यानि सहारा होते हैं, लेकिन भोपाल के जहांगीराबाद में एक पोते ने प्रॉपर्टी के लालच में अपनी पत्नी के साथ मिलकर बूढ़ी दादी को जमकर प्रताड़ित किया। घटना का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में वह अपनी पत्नी संग दादी को हाथों और डंडे से बेरहमी से पीटता दिख रहा है। दर्द से दादी की चीख निकलने लगती तो पोता उनका मुंह दबा देता है। यह वीडियो 21 मार्च का बताया जा रहा है।
मारपीट का यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस ने आरोपी पोते दीपक सेन (30) और पत्नी पूजा (25) को गिरफ्तार कर लिया। जहांगीराबाद थाना प्रभारी संजयसिंह सोनी ने बताया कि बापू कॉलोनी निवासी दीपक अपनी पत्नी पूजा सेन के साथ जयकिशन गौहर के मकान में 5 महीने से किराए से कमरा लेकर रह रहा था। दीपक के पिता का निधन हो चुका है।
छोटे बेटे के साथ रहती हैं दादी – दादी बतीबाई सेन जिला झांसी ग्राम राजापुर में छोटे बेटे के साथ रहती हैं, जहां उनके नाम प्रॉपर्टी है। दीपक अपनी दादी को यह कहकर लाया था कि उसका ख्याल रखेगा, लेकिन हकीकत में इसके पीछे प्रॉपर्टी का लालच था। वो 5 महीने पहले दादी को भोपाल लाया था। यहां उसने सैलून की दुकान खोल ली। कुछ दिन तो ठीक से रखा, लेकिन बाद में दादी से लड़ाई-झगड़ा और मारपीट शुरू कर दी। कुछ समय पहले शिकायत के बाद पुलिस ने उसे बिना कार्रवाई के छोड़ दिया था। इससे उसके हौसले बुलंद हो गए और आए दिन मारपीट करने लगा।
नामांकन प्रक्रिया जारी… 26 अप्रैल को होगी वोटिंग
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया आज (गुरुवार) से शुरू हो गई है। दूसरे चरण में 7 सीटों टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, नर्मदापुरम और बैतूल पर चुनाव होना है। इसके लिए 4 अप्रैल तक नामांकन भरे जाएंगे। 5 अप्रैल तक जांच और नाम वापसी 8 अप्रैल तक हो सकेगी। वोटिंग 26 अप्रैल को होगी। पहले चरण में 6 सीट के लिए 113 उम्मीदवारों ने 153 नामांकन दाखिल किए हैं। बुधवार को आखिरी दिन 64 प्रत्याशियों ने 89 नामांकन दाखिल किए। इन्हें मिलाकर कुल 113 प्रत्याशियों ने 153 फॉर्म भरे हैं। 28 मार्च को नामांकन-पत्रों की जांच होगी। 30 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। वोटिंग 19 अप्रैल को होगी। बता दें कि दूसरे चरण की सभी सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस अपने उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं।

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बेटी को बचाने आए पिता ही चल बसे… काउंसिलिंग के दौरान गई जान

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज पहुंचे एक शख्स की हार्ट अटैक से मौत हो गई। खास बात है कि वह प्राइवेट अस्पताल में भर्ती अपनी बेटी की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अंगदान की मंजूरी लेने आए थे। घटना गुरुवार को उस वक्त हुई, जब वह डिवीजनल कमेटी के सामने डोनर वेरिफिकेशन की प्रोसेस कर रहे थे। मरीज के पिता को घटनास्थल पर संभागीय कमेटी में शामिल डॉक्टर ने सीपीआर दी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। कोहेफिजा के रहने वाले बृजेंद्र मर्सकोले के मुताबिक अरुण कुमार (53) दिल्ली में गौतम बुद्ध नगर में रहते थे। वह भोपाल में प्राइवेट नौकरी करते थे। भोपाल में रहने वाली उनकी 31 वर्षीय बेटी की किडनी खराब हो गई थी। अरुण कुमार ने बेटी को किडनी डोनेट करने का फैसला किया। गुरुवार को हमीदिया अस्पताल में खून और अन्य जांच रिपोर्ट के बाद किडनी डोनेशन की तैयारी की जा रही थी।
बैठे-बैठे आए थे चक्कर
किडनी ट्रांसप्लांट के पूर्व डॉक्टरों का पैनल काउंसिलिंग कर डोनर को बाद में बरती जानी वाली सावधानियों के बारे में बताता है। गांधी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों का पैनल उनकी काउंसिलिंग कर रहा था। इसी दौरान अरुण कुमार को चक्कर आया और वह बेसुध हो गए। उन्हें तुरंत ही हमीदिया अस्पताल में जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया। सूचना मिलने पर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। अरुण कुमार की बेटी बंसल हॉस्पिटल में भर्ती है। उसकी किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी होना है। बेटी के लिए डोनेट कर रहे थे। अरुण कुमार के दामाद आनंद ठाकुर ने बताया कि मेरी वाइफ का किडनी ट्रांसप्लांट होना था। इसके लिए हमीदिया अस्पताल में काउंसिलिंग होनी थी। हम डोनर और रिसीवर दोनों को लेकर 12 बजे पहुंच गए थे। अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। करीब डेढ़ बजे नंबर आया। हम अंदर गए। डॉक्टर्स ने ससुरजी से कई तरह के सवाल किए। इतने में वह बेहोश हो गए। डॉक्टर्स ने उन्हें सीपीआर दिया और एंबुलेंस को बुलाया। एंबुलेंस जीएमसी के पास स्थित लाइब्रेरी बिल्डिंग में करीब 10 मिनट में आई। इसके बाद हम वहां इमरजेंसी में पहुंचे। वहां उनका ईसीजी प्लेन आया। पता चला कि उनकी डेथ हो गई है।

इन टेस्ट में पास ​हो गए थे
ल्ल सबसे पहले डोनर के कुछ मेडिकल टेस्ट किए जाते हैं। यह जानने के लिए कि व्यक्ति डोनेशन के लिए उपयुक्त है या नहीं।
ल्ल इन टेस्ट में सबसे महत्वपूर्ण दो पहलू हैं। डोनर और रिसीवर की कंपैटिबिलिटी और डोनर की मेडिकल कंडीशन यानि उसका शारीरिक रूप से स्वस्थ्य होना।
ल्ल सारे टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव होने और डॉक्टर की एथिकल कमेटी डोनेट करने के लिए सर्टिफिकेट जारी करती है। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर किडनी ट्रांसप्लांट होनी थी।

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शिकायत के बाद ‘भूरे’ सिंधिया गोरे-चिकने हो गए

हिन्दुस्तान मेल, गुना। भाजपा के झंडे तले पहली बार चुनाव लड़ रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्रसिंह यादव ने एक सभा में भूरा कह दिया था। बीजेपी ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग को कर दी। इस पर यादवेंद्र ने कहा कि भूरा तारीफ है, गाली नहीं। गांव-देहात में भूरा उस व्यक्ति को बोलते हैं, जो दिखने में गोरा-चिकना और सुंदर हो। सिंधिया सुंदर दिखते हैं, सो भूरा बोल दिया। गलत क्या किया? यादव ने कहा कि मैंने ग्रामीण लोगों से सुना था कि इस बार भूरा को बाहर करो, इसलिए वो शब्द मैंने जनसभा में बोल दिया था। भूरा शब्द कोई गाली नहीं है। हो सकता है कि बीजेपी को भूरा शब्द गाली लगता हो। अब शिकायत करना उनका काम है, वे शिकायत कर सकते हैं। हम तो इस वक्त जनता के बीच चुनाव प्रचार में लगे हैं। लम्बी पड़ताल के बाद गुना से मैदान में उतारे गए कांग्रेस उम्मीदवार यादवेंद्र ने कहा- पिछले चुनाव में सिंधिया को हराने वाले केपी सिंह को ही बीजेपी ने किनारे कर दिया। अभी तो यह हालत है कि न भाजपा को केपी पर भरोसा है… न भाजपा को, इसीलिए उन्हें होशंगाबाद-बैतूल की जिम्मेदारी दे दी, ताकि उनकी बगावत सिंधिया की जीत में सेंध न लगा सके।
सिंधिया को मैं भी दूंगा शिकस्त : यादवेंद्र ने कहा- गुना के भाजपा कार्यकर्ता कन्फ्यूज हैं। कांग्रेस से आए सिंधिया पर भरोसा करें या उन्हें हराने वाले केपी पर, इसीलिए शंका-कुशंका का दौर जारी है।

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महाकाल के भक्तों के लिए बनेगा हाईटेक रोड

महाकाल मंदिर से लेकर बड़े गणेश- हरसिद्धि मंदिर तक की रोड की जल्द ही सूरत बदलने वाली है। 7 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से मंदिर समिति भक्तों की सुविधा के लिए इस रोड को हाईटेक बनाने जा रही है। यह किसी यूरोपियन शहर की तरह सर्वसुविधा युक्त होगी।
महाकाल लोक बनने के बाद बड़ी संख्या में भक्त महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। गेट नंबर चार और पांच के पास यातायात चौकी से हरसिद्धि मंदिर तक के रोड का कायाकल्प का काम शुरू हो चुका है। रोड बन जाने के बाद से यहां भक्तों को सभी सुविधा मिलने लगेगी।
महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि लगातार दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में सुविधा के लिए मंदिर समिति हरसिद्धि मंदिर तक रोड बनाने जा रही है। इसमें अंडरग्राउंड लाइट, सुंदर शेड, फ्लोरिंग, भक्तों के बैठने के लिए बेंच लगाए जाएंगे। इसका कार्य आरम्भ हो चुका है। करीब एक साल में ये बनकर तैयार हो जाएगा।
प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि भक्तों की सुविधा के लिए गेट नंबर चार और पांच को तोड़कर बड़े यूटिलिटी सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। इसमें भक्तों को सभी सुविधा मिलेगी। यहां पर काउंटर बनाए जाएंगे, जिसमें मोबाइल रखने, प्रसाद काउंटर, शीघ्र दर्शन, दिव्यांगों के लिए अलग से सुविधा, जूता चप्पल स्टैंड भी बनेगा। इस पूरे रोड पर केबल को अंडरग्राउंड किया जाएगा। नक्काशी के साथ सुंदर लाइटिंग भी की जाएगी।

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