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लुसाने डायमंड लीग में नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड मेडल

भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने लुसाने डायमंड लीग में शुक्रवार को गोल्ड मेडल जीता। स्विट्जरलैंड के लुसाने शहर में खेली जा रही प्रतियोगिता में नीरज ने 5वें प्रयास में 87.66 मीटर भाला फेंका। यह नीरज का 8वां इंटरनेशनल गोल्ड है। इससे पहले, नीरज चोपड़ा एशियन गेम्स, साउथ एशियन गेम्स, ओलिंपिक गेम्स और डायमंड लीग जैसे टूर्नामेंट में गोल्ड जीत चुके हैं।
नीरज के अलावा, एक अन्य भारतीय स्टार लॉन्ग जंपर मुरली ने शुरुआती 5 प्रयासों में क्रमश: 7.75, 7.63, 7.88 और 7.59 और 7.66 मीटर की छलांग लगाई। वे 5वें नंबर पर हैं।
5वें प्रयास में मिला गोल्ड
नीरज ने फाउल के साथ शुरुआत की। उसके बाद दूसरे और तीसरे प्रयास में 83.51 और 85.04 मीटर का स्कोर किया, लेकिन यह गोल्ड के लिए काफी नहीं था। ऐसे में नीरज दवाब में दिखे और चौथे प्रयास में फाउल थ्रो कर बैठे। भारतीय स्टार ने 5वें प्रयास में 87.66 और आखिरी प्रयास में 84.15 मीटर का स्कोर किया है। सिल्वर जर्मनी के जूलियन वेबर को मिला। वेबर ने आखिरी प्रयास में 87.03 मीटर का भाला फेंका, लेकिन गोल्ड नहीं जीत सके। नीरज का यह मौजूदा साल में दूसरा गोल्ड है। वे दोहा डायमंड लीग में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहे थे।
चोट के कारण 2 बड़े इवेंट गंवाए
नीरज चोपड़ा ने पिछले साल लॉजेन डायमंड लीग में टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई किया था, जहां उन्होंने 89.08 मीटर के थ्रो के साथ 85.20 मीटर की कट-आॅफ हासिल की थी। चोट के कारण वह एफबीके गेम्स और पावो नूरमी गेम्स से चूक गए थे।
8 अंक के साथ टॉप पर नीरज
चैंपियन नीरज अपना टाइटल डिफेंड करने के प्रयास में हैं। वे इस जीत के बाद 8 अंकों के साथ लीग में शीर्ष पर चल रहे हैं, वादलेज्चे के 7 और पीटर्स के 6 अंक हैं। लुसान के बाद मोनाको (21 जुलाई) और ज्यूरिख (31 अगस्त) में लीग होनी हैं, जहां जेवेलिन थ्रो शामिल है।

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डायमंड लीग से मैदान पर वापसी करने जा रहे हैं नीरज चोपड़ा

नई दिल्ली, एजेंसी
ओलंपिक चैम्पियन भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा दो टूर्नामेंट चोट के कारण छोड़ने के बाद मैदान पर फिर से वापसी करने जा रहे हैं। नीरज चोपड़ा शुक्रवार से होने वाली डायमंड लीग के लुसाने चरण में हिस्सा लेंगे। इस बार वो फिर से पोडियम पर जगह बनाने की कोशिश करेंगे।
नीरज चोपड़ा मांसपेशियों में खिंचाव के कारण बीते एक महीने से मैदान से बाहर थे। इस कारण उन्होंने दो टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया था। वहीं अब उनकी चोट से पूरी तरह से रिकवरी हो गई है, जिसके बाद वो दोबारा मैदान पर लौटेंगे। वो स्विट्जरलैंड के लुसाने के एथलेटिसिमा में आयोजित होने वाली डायमंड लीग के लुसाने चरण में हिस्सा लेंगे, जिसकी शुरुआत 30 जून से होने जा रही है।
इससे पहले 25 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने पांच मई को डायमंड लीग के दोहा चरण में बेहतरीन खेल दिखाया था। इस दौरान उन्होंने ना सिर्फ गोल्ड मेडल हासिल किया था, बल्कि शानदार शुरुआत करते हुए कॅरियर का सर्वश्रेष्ठ 88.67 मीटर का थ्रो फेंका था। इसी टूर्नामेंट में वो चोटिल हो गए थे। दरअसल, थ्रो फेंक कर इतिहास रचने के बाद ही उनकी मांसपेशी में खिंचाव आ गया। इस कारण नीरज को कुछ समय के लिए मैदान से बाहर बैठना पड़ा था। खिंचाव आने के कारण उन्होंने एक बयान जारी कर इसकी सूचना दी थी। उन्होंने बताया था कि वो चार जून को नीदरलैंड में हुए एफबीके खेलों और 13 जून को फिनलैंड में पावो नुरमी खेलों में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने मांसपेशियों में खिंचाव आने के कारण इन दोनों ही टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया था। इसके बाद वो अपनी फिटनेस पर ध्यान देने में जुट गए थे ताकि डायमंड लीग तक मैदान में वापसी कर सकें।
चोटिल होने के बाद भी नीरज चोपड़ा डायमंड लीग के किसी चरण से बाहर नहीं रहे, क्योंकि रबात, रोम, पेरिस और ओस्लो डायमंड लीग में भालाफेंक स्पर्धा नहीं थी। जानकारी के मुताबिक लुसाने में होने जा रही डायमंड लीग में कई दिग्गज खिलाड़ी हिस्सा लेने वाले हैं। इसमें तोक्यो ओलंपिक रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के याकूब वालेश, विश्व चैम्पियन ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स, फिनलैंड के ओलिवर हेलांडेर, त्रिनिदाद और टोबैगो के 2012 ओलंपिक चैम्पियन केशोर्न वाटकॉट और जर्मनी के जूलियन वेबर का नाम शामिल हैं। इन खिलाड़ियों से नीरज चोपड़ा को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है।
गौरतलब है दोहा डायमंड लीग जीतने के बाद नीरज चोपड़ा अभी रैंकिंग में शीर्ष पर हैं। उनके बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर याकूब और पीटर्स हैं। लुसाने के बाद मोनाको में 21 जुलाई को और ज्यूरिख में 31 अगस्त को होने वाले डायमंड लीग चरण में भी भालाफेंक स्पर्धा होगी। इसके बाद अमेरिका के यूजीन में 16-17 सितंबर को ग्रांड फिनाले में भी यह स्पर्धा होगी। डायमंड लीग में पोडियम पर रहने वाले लंबी कूद के खिलाड़ी मुरली श्रीशंकर भी यहां भाग लेंगे। वह जून में पेरिस में 8.09 मीटर की कूद के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

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मुझे महान कहना हर दौर के दिग्गज खिलाड़ियों का अपमान होगा : जोकोविच

नोवाक जोकोविच ने टेनिस के इतिहास में सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाले पुरुष खिलाड़ी बनने के बाद कहा कि हर दौर में खेलने की परिस्थितियां अलग रही हैं और हर दौर में महान खिलाड़ी रहे है। जोकोविच ने रविवार को फ्रेंच ओपन फाइनल में रविवार को कैस्पर रूड को हराकर 22 बार के ग्रैंड स्लैम चैम्पियन रफेल नडाल को पीछे छोड़ दिया। जोकोविच की इस खिताबी जीत के बाद सबसे महान पुरुष टेनिस खिलाड़ी को लेकर बहस एक बार फिर से छिड़ गई है।
जोकोविच के प्रतिद्वंद्वी रोजर फेडरर ने 20 ग्रैंड स्लैम जीतने के बाद खेल को अलविदा कह दिया तो वहीं 22 खिताब जीतने वाले नडाल चोट से उबर रहे है। कई प्रशंसक फेडरर को सबसे महान खिलाड़ी मानते हैं तो वहीं नडाल की भी पूरी दुनिया में बड़ी फैन फॉलोइंग है। इन तीनों में अधिक ग्रैंड स्लैम के अलावा जोकोविच ने मास्टर्स 1000 स्तर की हर स्पर्धा को कम से कम दो बार जीता है, जबकि फेडरर और नडाल इस स्तर की सभी स्पर्धाओं को नहीं जीत सके है। जोकोविच एटीपी रैंकिंग में सबसे अधिक समय तक शीर्ष पर रहे है।
शीर्ष रैंकिंग पर पहुंचे
फ्रेंच ओपन चैम्पियन बनने के बाद वह फिर से रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गये हैं। इस जीत के बाद जोकोविच से जब पूछा क्या कि इतिहास का सबसे महान पुरुष खिलाड़ी बनकर कैसा लग रहा है, तो उन्होंने काफी विस्तार से इसका जवाब देते हुए कहा मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैं सबसे महान हूं। मैंने पहले भी कहा है कि इस तरह का बयान हमारे खेल के विभिन्न युगों में सभी महान चैंपियनों के प्रति अपमानजनक है। उनका टेनिस खेलने तरीके आज से काफी अलग था।
जोकोविच इस संवाददाता सम्मेलन में लाल टीशर्ट पहन कर पहुंचे, जिस पर 23 नंबर लिखा हुआ था। यह उनके 23वें ग्रैंडस्लैम खिताब की ओर इशारा कर रहा था। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ते हुए कहा मुझे लगता है कि अपनी पीढ़ी के प्रत्येक महान चैंपियन ने खेल पर एक बड़ी छाप छोड़ी है। वह एक विरासत की तरह है, जिसने हमें इतने बड़े स्तर पर खेलने के लिए प्रेरित किया।
इस 36 साल के सर्बियाई खिलाड़ी ने कहा मैं इस तरह की चर्चा को दूसरों के लिए छोड़ देता हूं। बेशक, मुझे खुद पर काफी विश्वास है कि मैं क्या कर सकता हूं। यह ट्रॉफी स्पष्ट रूप से टेनिस में मेरे शानदार खेल के स्तर को दिखाता है।
जोकोविच से यहां भविष्य की योजना के बारे में नहीं पूछा गया लेकिन उन्होंने खुद ही कहा, मेरी यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है। मैं अभी भी इन टूर्नामेंटों, ग्रैंड स्लैम में सर्वश्रेष्ठ टेनिस खेलने के लिए प्रेरित महसूस करता हूं। उन्होंने तीन जुलाई से शुरू होने वाले आगामी ग्रैंड स्लैम के बारे में कहा मैं विंबलडन का इंतजार कर रहा हूं और उसमें खेलने के लिए तैयार हूं।

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जोकोविच 7वीं बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में

जिस मैच का सबको बेसब्री से इंतजार था, वो आखिरका खत्म हुआ। वर्ल्ड नंबर 1 कार्लोस अल्कारेज को 22 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता के हाथों हार झेलनी पड़ी है। इसके साथ ही, जोकोविच ने पिछले साल मैड्रिड ओपन में मिली हार का बदला भी ले लिया है। वे 7वीं बार फाइनल में पहुंचे हैं। इसके साथ ही वह वर्ल्ड रैंकिंग नंबर-3 से वर्ल्ड नंबर-वन पर भी पहुंच गए हैं।
जोकोविच ने सेमीफाइनल में अल्कारेज को 6-3, 5-7, 6-1, 6-1 से हराया। अल्कारेज के खिलाफ जोकोविच ने पहला सेट 6-3 से जीता था। अगले सेट में वापसी करते हुए अल्कारेज ने 7-6 से अपने नाम किया। जोकोविच ने अगले दो सेट न केवल जीते बल्कि अल्कारेज को एकतरफा हराया। अल्कारेज अगले दो सेट में केवल 1-1 गेम ही अपने नाम कर पाए। अंतिम दो सेट जोकोविच ने एकतरफा 6-1, 6-1 से जीतें। वहीं अल्कारेज चोट के बाद भी अंत तक मुकाबले में बने रहे। जोकोविच रविवार को अपने कॅरियर में 7वीं बार फ्रेंच ओपन फाइनल खेलते नजर आएंगे। वे राफेल नडाल के बाद फ्रेंच में सबसे ज्यादा बार फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं। अब तक खेले 6 फाइनल में जोकोविच ने दो (2016, 2021) बार खिताब अपने नाम किया है। नडाल फ्रेंच ओपन के बादशाह हैं। उन्होंने 14 बार फाइनल खेला और सभी जीते हैं। जोकोविच को तीन बार फाइनल में नडाल ने (2012, 2014 और 2020) में हराया है और एक बार स्टेन वावरिंका (2015) ने शिकस्त दी है।

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फाइनल में पहुंच मुचोवा ने रचा इतिहास, आज स्वातेक से भिड़ेंगी

फ्रेंच ओपन महिला एकल सेमीफाइनल में कैरोलिना मुचोवा ने फाइनल मुकाबले में पहुंच कर इतिहास रच दिया है। कैरोलिना मुचोवा ने पैर में समस्या के बावजूद मैच प्वाइंट बचाया और शानदार खेल दिखाया। कैरोलिना मुचोवा ने सेमीफाइनल मुकाबले में ऐसा धमाकेदार खेल खेला कि वह एरिना सबालेंका को हराने में सफल हुई।
गैरवरीय कैरोलिना मुचोवा ने पैर में समस्या के बावजूद मैच प्वाइंट बचाया और वापसी करते हुए आखिरी पांच गेम भी जीते, जिससे गुरुवार को वह एरिना सबालेंका को हराकर फ्रेंच ओपन के महिला एकल फाइनल में जगह बनाने में सफल रहीं। कैरोलिना ने दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी के खिलाफ 7-6 (5), 6-7 (5), 7-5 की जीत के साथ पहली बार किसी ग्रैंडस्लैम टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया। जनवरी में आॅस्ट्रेलियाई ओपन का खिताब जीतने वाली सबालेंका तीसरे सेट में 5-2 के स्कोर पर मुकाबला जीतने से सिर्फ एक अंक दूर थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने 24 में से 20 अंक गंवाए और मुकाबला हार बैठीं। चेक गणराज्य की 26 साल की कैरोलिना ने इस तरह शानदार वापसी करते हुए जीत दर्ज की।
इससे पहले ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आॅस्ट्रेलियाई ओपन 2021 में था, जब वह सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहीं थी। कैरोलिना ने अब तक अपना एकमात्र डब्ल्यूटीए खिताब हार्ड कोर्ट पर जीता है और वह इससे पहले रोलां गैरां की लाल बजरी पर भी तीसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाई थीं। कैरोलिना ने टूर्नामेंट से पहले कहा था, यह मेरी पसंदीदा सतह नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि मैं इस पर अच्छा खेल सकती हूं। इस मैच से पहले सबालेंका का इस साल ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंटों में जीत-हार का रिकॉर्ड 12-0 था। आज होने वाले फाइनल में कैरोलिना की भिड़ंत दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी और गत चैंपियन इगा स्वातेक और दुनिया की 14वें नंबर की खिलाड़ी बीट्रिज हदाद माइया के बीच होने वाले सेमीफाइनल की विजेता से होगी।
कैरोलिना अपने जीवन में पहली बार ग्रैंड स्लैम फाइनल खेलने जा रही हैं। लंबे समय तक वो चोट से जूझती रही हैं, जिसके बाद उन्होंने धमाकेदार वापसी की है। कैरोलिना को पैर की चोट, घुटने की चोट और एब्डोमिनल चोट से लंबे अर्से तक जूझना पड़ा है। इस घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में कई ऐसे पल आए जब लगा था कि लगातार इंजरी होने के कारण मैं टूट चुकी हूं। मैंने पिछले साल वाला आॅस्ट्रेलियन ओपन भी नहीं खेला था, क्योंकि मेरी स्थिति काफी खराब थी। मैंने वापसी के लिए कड़ी मेहनत की है। कैरोलिना की स्थिति बेहद खराब थी। उनकी स्थिति को देखते हुए कई डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी थी कि वो दोबारा खेल नहीं खेल सकेंगी। हालांकि उन्होंने धैर्य और सकारात्मक व्यवहार अपनाते हुए वापसी करने पर जोर दिया। जिसकी बदौलत वे अब अपने जीवन और अबतक के कॅरियर के शिखर पर है।

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