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इंदौर

महापौर की निगम विद्युत विभाग व एमपीईबी विभाग के साथ बैठक

हर जरूरी सुविधा देते हुए बिजली की खपत की जाए कम……

लोगों की हर समस्या का ध्यान रखते हुए बिजली की खपत कम करने पर ध्यान दिया जाए। दिन में अनावश्यक स्ट्रीट लाइट न जले… इस दिशा में भी कारगर कदम उठाए जाएं। यह निदेश महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने निगम विद्युत विभाग व एमपीईबी विभाग के अधिकारियों को दिए। महापौर भार्गव ने महापौर सभाकक्ष में ली बैठक में विद्युत प्रभारी जीतू यादव, अपर आयुक्त मनोज पाठक, अधीक्षण यंत्री राकेश अखण्ड, एमपीईबी के संचालक तकनीकी सचिन तलेवार, मुख्य अभियंता सीताराम वमनके, मनोज शर्मा, योगेश आठनेरे व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
महापौर भार्गव ने कहा कि नगर निगम इंदौर द्वारा नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं देने के साथ ही शहर में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था के क्रम में शहर में बिजली की खपत को कम करने के उद्देश्य से शहर में 80 हजार से अधिक एलईडी लाइट लगाने का कार्य किया गया है। इसके साथ ही शहर में लगाई गई स्ट्रीट लाइट में एमपीईबी के माध्यम से की गई केबल वायरिंग के परिणामस्वरूप शहर में 17500 से अधिक स्ट्रीट लाइट दिन में भी अनावश्यक रूप से चालू रहने के कारण लॉस आॅफ एनर्जी होकर विद्युत खपत हो रही है… इसको दृष्टिगत रखते हुए आज एमपीईबी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ली गई है।

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3 लाख लीटर दूध की डिमांड रहेगी… पूरी करेगा एमपी का पहला हाईटेक प्लांट

इंदौर के मांगलिया में प्रदेश का सबसे बड़ा और हाईटेक मिल्क पावडर प्लांट बन रहा है। यहां रोजाना 3 लाख लीटर दूध से 30 हजार हजार किलो दूध पाउडर बन सकेगा। फायदा यह है कि जब दूध की डिमांड ज्यादा नहीं होती, तब यहां किसान सप्लाई करेंगे तो उन्हें नुकसान नहीं होगा।
इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के कैम्पस में 77 करोड़ रुपए लागत का यह प्लांट दिसम्बर तक तैयार होने की संभावना है। इसके लिए दूध मप्र के दुग्ध उत्पादकों से लिया जाएगा। मध्यप्रदेश स्टेट को-आॅपरेटिव फेडरेशन से संबद्ध इंदौर सहकारी दुग्ध संघ में वर्तमान में सहकारिता मॉडल को फॉलो करते हुए किसानों से डेयरी सोसायटी के माध्यम से दूध इकट्‌ठा किया जाता है। फिर स्टैंडर्ड और क्वालिटी मिल्क प्लांट में बनाकर ग्राहकों तक पहुंचाते हैं।

इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के अध्यक्ष मोतीसिंह पटेल ने बताया- मांगलिया स्थित प्लांट में 1500 दुग्ध सहकारी सोसायटियों से दूध लिया जा रहा है। अभी करीब ढाई लाख लीटर दूध रोज आता है। उपभोक्ताओं को हाई क्वालिटी का पॉश्च्युराइज्ड दूध उपलब्ध कराते हैं। अभी दूध के अलावा श्रीखंड, पेड़ा, छाछ, दही, पनीर, मक्खन, लस्सी, घी, रबड़ी, आइसक्रीम, बिस्किट आदि उत्पाद बनाए जाते हैं।

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‘इंदौर हमें जी जान से प्यारा है… सर्वश्रेष्ठ मास्टर प्लान बने यह संकल्प हमारा है’

हिन्दुस्तान मेल, इंदौर
इंदौर हमें जी जान से प्यारा है और देश का सर्वश्रेष्ठ मास्टर प्लान बने यह संकल्प हमारा है… हम यह भी संकल्प लेते हैं कि सर्वश्रेष्ठ मास्टर प्लान से कम हम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे। यह संकल्प इंदौर उत्थान अभियान द्वारा आयोजित राजवाड़ा स्थित माता देवी अहिल्या की प्रतिमा के समक्ष समाजसेवियों और प्रबुद्धजन ने लिया।
इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर ना हो… गीत से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। तत्पश्चात आज से 125 वर्ष पूर्व होलकर राज्य के तत्कालीन महाराजा तुकोजी राव तृतीय, तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री सर सिरेमल बाफना तथा विश्व के जाने-माने प्लानिंग विशेषज्ञ पैट्रिक गिडीज के प्रति कृतज्ञता प्रकट की गई, जिनके वृहद दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप आज इतने वर्षों पश्चात भी आबादी की दृष्टि के हिसाब से इंदौर देश का सबसे बेहतरीन शहर है।
इस अवसर पर मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा- मैं इस पवित्र अभियान से प्रारम्भ से ही जुड़ा हुआ हूं और आश्वस्त करता हूं कि इंदौर का सर्वश्रेष्ठ मास्टर प्लान बने। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मार्च-2023 को देश के जाने-माने अर्बन प्लानर्स को संबोधित करते हुए वीडियो भई दिखाया गया, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि सुव्यवस्थित रूप से विकसित शहर ही भविष्य के भारत के भाग्य का निर्धारण करेंगे।
शहर केलिए करना पड़ेगी चिंता – इस अवसर पर इंदौर उत्थान अभियान के अध्यक्ष अजीतसिंह नारंग ने भी आबोहवा और मास्टर प्लान पर अपनी बात रखी। नारंग ने कहा कि हम शासन से बार-बार निवेदन कर रहे हैं कि इंदौर का मास्टर प्लान बनाए जाने के पूर्व संविधान के 74वें संशोधन के अनुसार वृहद दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए इंदौर महानगर का महानगरीय क्षेत्रफल घोषित किया जाए और और उसमें अनुशंसित सभी महानगरीय व्यवस्थाएं कायम की जाएं, ताकि आने वाले कल में जब इंदौर मेगा सिटी के रूप को धारण कर लेगा, तब आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर को जमीन पर मूर्त रूप देने हेतु अरबों-खरबों रुपए की तोड़फोड़ नहीं करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा- इंदौर दम-घोंटू शहर के रूप में कहीं परिवर्तित नहीं हो जाए… यह भी चिंता नहीं करना पड़ेगी। कार्यक्रम का संचालन प्रो. रमेश मंगल द्वारा किया गया। प्रार्थना गीत सुरेश हरियानी ने प्रस्तुत किया। आभार प्रसिद्ध सेवाभावी समाजसेवी श्रीकृष्ण कुमार अष्ठाना ने माना।

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आउटर रिंगरोड पर जल्द होगा फैसला, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर से दो जगह जुड़ेगा इंदौर

इंदौर में नए बायपास पर जल्द ही निर्णय होगा। सांसद शंकर लालवानी ने राजमार्ग परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर इस पर जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया है। साथ ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर इंदौर की कनेक्टिविटी दो जगह से होगी। सांसद लालवानी और गडकरी की मुलाकात में इस पर भी विस्तार से चर्चा हुई है।
इंदौर में आउटर रिंगरोड यानी नया बायपास बनाने के लिए एनएचएआई के अधिकारियों ने 140 किलोमीटर के नए मार्ग का प्रस्ताव भेजा है, जिस पर सांसद लालवानी ने नितिन गडकरी से जल्द ही निर्णय लेने का अनुरोध किया है। इस बायपास को अगर मंजूरी मिलती है तो यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बायपास होगा।
इसके अलावा इस मुलाकात में एक महत्वपूर्ण बात यह निकलकर आई कि इंदौर को अब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर दो जगह से जोड़ा जाएगा। सांसद लालवानी ने इस विषय में पत्र कुछ वर्ष पूर्व दिया था। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर वाया गरोठ इंदौर को जोड़ने की तैयारी हो चुकी है। साथ ही एक और नया रास्ता बनाया जाएगा जो सीधे गोधरा के पास इंदौर को जोड़ेगा यानी अगर इंदौर से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पकड़कर दिल्ली तक पहुंचना है तो वाया गरोठ जाना होगा और सूरत, वडोदरा होते हुए मुंबई जाने के लिए वाया गोधरा एक नया रास्ता बनाया जाएगा। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि दो विषयों पर नितिन गडकरी से मुलाकात हुई है और इंदौर के आउटर बायपास पर उन्होंने जल्द फैसला लेने का आश्वासन दिया है। साथ ही, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से गोधरा के पास इंदौर को एक और कनेक्टिविटी मिलेगी।

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पुलिस और डॉक्टर की लापरवाही से लाश पीएम के लिए करती रही इंतजार

इंदौर। रीवा के राजकुमार विश्वकर्मा पीथमपुर में काम करते थे। उनकी कल दुर्घटना में मृत्यु हो गई। इसके बाद उनके परिजनों को उनका पोस्टमार्टम करवाना था, लेकिन 12:30 बजे के आसपास दुर्घटना में मृत युवक का पोस्टमार्टम रात 8:30 बजे हो सका। वह भी कलेक्टर के हस्तक्षेप करने के बाद।
दरअसल दिन में 12:30 बजे एक्सीडेंट होने के बाद मृतक के परिजन उन्हें श्री मिनेश अस्पताल ले गए थे, जहां अस्पताल द्वारा उन्हें दोपहर 2:41 पर ही शव सुपुर्द कर दिया गया था। तब वहां मौजूद राऊ पुलिस के दो जांच अधिकारी थाना क्षेत्र को लेकर कंफ्यूज हो गए। उन्होंने कहा कि यह मामला किशनगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इसके बाद वह दोनों वहां से चले गए। इसके बाद जब परिजनों ने किशनगंज थाने में संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि यह मामला राऊ थाना क्षेत्र में आएगा।
इसके बाद दो परिजन राऊ थाना में गए और उन्होंने पुलिस वालों को सूचित किया, जिसके बाद एएसआई रोहन भूरिया अपने साथी के साथ अस्पताल पहुंचे और उन्होंने लाश को जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इन सबके कारण लाश शाम को 4:30 से 5 बजे के बीच जिला अस्पताल पहुंचाई गई, लेकिन जिला अस्पताल में भी पोस्टमार्टम करने वाले फॉरेंसिक डॉक्टर वाजपेयी उपस्थित नहीं थे। परिजनों ने अस्पताल में बात की तो उन्होंने कहा कि आप इंतजार कीजिए। परिजन वहां पर खड़े हुए डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे, लेकिन केवल वही एक शव नहीं था, जो पीएम का इंतजार कर रहा था, बल्कि वहां के मुर्दाघर में दो लाशें और भी थीं। एक स्ट्रेचर पर और एक फर्श पर।
उनके तो परिजन तक थक-हारकर लाशों को वहीं छोड़कर चले गए थे। जिला अस्पताल की यह लापरवाही हिन्दुस्तान मेल पहले भी सामने ला चुका है। इस घटना की जानकारी लगने पर हिन्दुस्तान मेल के संवाददाता वहां पहुंचे और उन्होंने परिजनों से बात कर घटना की जानकारी ली, जिसके बाद इस संवाददाता ने सीएमएचओ बीएस सैत्या से संपर्क करने की कोशिश की, परंतु उन्होंने कॉल नहीं उठाया। इसके बाद संवाददाता ने कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी से संपर्क कर इस पूरे मामले की जानकारी दी।

कलेक्टर ने तुरंत संज्ञान लेकर दिए कार्रवाई के आदेश
हिन्दुस्तान मेल के संवाददाता से पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर इलैया राजा ने तुरंत एक्शन लेकर स्वयं सीएमएचओ डॉ. सैत्या और एडीएम सपना लोवंशी से संपर्क किया और उन्हें तुरंत पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया। एडीएम सपना लोवंशी ने सारे दस्तावेज पूर्ण करवाकर प्रक्रिया को अंजाम दिया।

पुलिस और डॉक्टर की बड़ी लापरवाही
नियमानुसार सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम होने पर एडीएम द्वारा लिखित आदेश की आवश्यकता लगती है। कलेक्टर के आदेश के बाद शाम 7 बजे सीएमएचओ डॉ. सैत्या जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल के प्रभारी डॉ. नीमा को अस्पताल बुलाया, जो शाम 7:30 बजे पहुंचे, लेकिन डॉ. बाजपेयी जो वहां पोस्टमार्टम करते हैं, वह रात को 8 बजे तक भी नहीं पहुंचे, जिसके बाद सेठी अस्पताल में छोटे बच्चों का इलाज करने के लिए नियुक्त डॉ. शकील अहमद को बुलवाया गया, जिन्होंने रात 8:30 बजे पोस्टमार्टम शुरू किया। इस मामले में पुलिस की लापरवाही से भी पोस्टमार्टम देरी से हुआ। पहले तो दोनों थाना क्षेत्र एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे, उसके बाद पुलिस ने मामले की रिपोर्ट जिला अस्पताल में बैठकर लिखी। पूरे मामले में पुलिस डिपार्टमेंट और सीएमएचओ डिपार्टमेंट एक-दूसरे पर पोस्टमार्टम लेट होने का ठीकरा फोड़ते नजर आए।

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