कांग्रेस केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उन्हीं के गढ़ में आईना दिखाने की रणनीति बना रही है। ग्वालियर-चंबल संभाग में उन लोगों को प्रभारी बनाया जा रहा है, जिनका सिंधिया परिवार से राजनीति में छत्तीस का आंकड़ा है। इसी रणनीति के तहत ग्वालियर व दतिया जिले का प्रभारी अर्जुन सिंह के पुत्र एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह (राहुल) को बनाया है। अजय सिंह स्थानीय लोगों से संवाद करने दो दिन के प्रवास पर आज (बुधवार को) ग्वालियर पहुंचेंगे। अजय सिंह महल से पीड़ित कांग्रेसियों को विधानसभा चुनाव में मोर्चा संभालने के लिए प्रेरित करेंगे और पार्टी का जनाधार टटोलेंगे। प्रदेश की राजनीति में महल के वर्चस्व को कांग्रेस में चुनौती दो परिवारों से मिलती थी। पहली अर्जुन सिंह और दूसरी दिग्विजय सिंह। दोनों कभी नहीं चाहते थे कि सिंधिया घराना प्रदेश में ताकत बनकर उभरे। इन्हीं षड्यंत्रों से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह राजमाता विजयाराजे सिंधिया की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए भाजपा का दामन थाम लिया।
अजय सिंह आज संभालेंगे दायित्व
अजय सिंह बुधवार को शताब्दी एक्सप्रेस से ग्वालियर आ रहे हैं। वे कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार के ललितपुर कॉलोनी स्थित निवास पर जाएंगे। जहां चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे। गुरुवार की सुबह साढ़े नौ बजे होटल सेंट्रल पार्क में वरिष्ठजनों से मुलाकात करेंगे और डबरा जाएंगे। डबरा में ब्लाक अध्यक्षों, ग्रामीण कांग्रेस के पदाधिकारियों के सम्मेलन में भाग लेंगे। वापसी के बाद शाम पांच बजे प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेंगे, चुनिंदा कांग्रेसियों के साथ रात्रि भोज में शामिल होंगे।
अपना गुट मजबूत करेंगे अजय
उधर, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस का इतिहास रहा, नेता अपना गुट तैयार करता है। अजय सिंह भी यही कार्य करने के लिए आ रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस की अब न कोई विचारधारा बची है न ही विकास का विजन है। भाजपा अंचल में पहले से मजबूत है।