ल्ल बीबीसी के संचालक छोटे-छोटे कैबिन के जरिए युवक-युवतियों को अश्लील व्यवहार करने की दे रहे छूट
ल्ल संस्कृति पर कालिख पोतने के कृत्य का विरोध
42, बियाबानी मेन रोड इंदौर…. यह वह एड्रेस है, जहां भारतीय संस्कृति और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इसी पते पर संचालित हो रहा ब्लू बाटल कैफे यानी बीबीसी युवाओं को अंधेरी गली में धकेल कर संस्कारों पर कालिख मलने का काम कर रहा है।
बीबीसी के संचालक ने अपने कैफे में छोटे-छोटे स्पेशल कपल सीटिंग कैबिन बनवाए हैं। यहां लड़के-लड़कियों को 99 रुपए प्रति घंटे का किराया वसूल कर एकांत में रहने और आपस में किसी भी तरह का व्यवहार करने की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। कैफे संचालकों का दुस्साहस देखिए कि वे इस गैरकानूनी और सामाजिक दृष्टि से वर्जित अश्लील कर्म की सुविधा उपलब्ध कराने का सोशल साइट्स पर ह्यशी सेड यश टू किस शॉर्ट फिल्म के माध्यम से विज्ञापन भी कर रहे हैं। अपने डिजिटल प्रचार पोस्टर में संचालक कैफे के कैबिन सिक्योर होने पर भी विशेष बल दे रहे हैं। सामाजिक कार्यकतार्ओं का कहना है कि बीबीसी में जिस तरह के कैबिन और सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है इससे इसके संचालकों की मंशा साफ जाहिर हो रही है। इस कैफे के माध्यम से युवक-युवतियां अपने घरों से कुछ समय निकालकर इन कैबिनों में जा छुपते हैं और सामाजिक रूप से वर्जित अनैतिक कार्य करके संस्कृति के विपरीत कार्य करते हुए अपने परिवार वालों को धोखा दे रहे हैं। सामाजिक कार्यकतार्ओं ने संस्कृति की धज्जियां उड़ाने वाले कैफे बंद करने की मांग की है। हालांकि, अब कैफे संचालक ने वीडियो हटाकर लोगों से माफी मांग ली है।