इंदौर। शहर में नशाखोरी का बोलबाला जोरों पर है। पेडलर, पब, अवैध रूप से शराब परोसने वालों ने अहिल्या नगरी की हवा को धू्मिल किया हुआ है… और पुलिस विभाग की कार्रवाई जीरो दिखाई दे रही है। शहर के विजयनगर थाने में रहे पूर्व में थाना प्रभारी तहजीब काजी ने लगातार नशे पर वार करते हुए कई तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की थी। हाल ही में देर रात संचालित होने वाले पबों पर 7 दिन के लाइसेंस निलंबन की कलेक्टर के आदेश पर कार्रवाई हुई, वहीं पावडर बाज, चरसी, अवैध शराब के सौदागरों के खिलाफ पुलिस मेहरबान नजर आ रही है! अहाते बंद होने से ढाबा संचालक भी धड़ल्ले से नशा परोस रहे हैं, जिससे शहर में सबसे ज्यादा ढाबे लसूड़िया थाना क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। ढाबों पर देर रात तक जोरों से शराबखोरी होती देखी गई है, वहीं शहर में जब से कमिश्नर देउस्कर ने कमाल संभाली… नशे के खिलाफ अफसर और नेताओं की सिर्फ बैठकें ही हो रही हैं, जिसका नतीजा शून्य साबित हो रहा है।
मालामाल खुफिया सिपाही
इंदौर से प्रतापगढ़ तक बाइकर्स पूरे खेल में लिप्त हैं। लगभग 10 से ज्यादा बाइकर्स प्रतापगढ़ से इंदौर तक ड्रग लाने का काम कर रहे हैं। ड्रग तस्करों का कोडवर्ड समोसा और चावल है। तस्कर ड्रग को कोडवर्ड में समोसा कहकर लाते हंै और इंदौर में खेरची चावल के कोडवर्ड में सप्लाय करते हैं। सूत्रों की मानें तो कई थाने के खुफिया सिपाहियों के पास इन पैडलरों की पूरी कुंडली है… कब कहां कैसे माल आता है, सिपाहियों को भी मोटी रकम दी जाती है, जिससे इनहें अनदेखा किया जाता है।
ये बाइकर्स ड्रग्स गाड़ी की टंकी, डिक्की, सीट कवर और कार्बोरेटर में रखकर लाते हैं। बॉर्डर से लेकर शहर की पुलिस को इनकी पूरी जानकरी होती है, लेकिन कोई इन पर हाथ नहीं डालता। सूत्रों पर यकीन करें तो काफी बड़े स्तर पर अफसरों के पास इसका एक हिस्सा पहुंचता है!
पूर्व में कार्रवाई के बाद … अब ठंडी पड़ी पुलिस
मादक पदार्थों की तस्करी के विरुद्ध इंदौर पुलिस के पूर्व कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र द्वारा आॅपरेशन चलाया गया था, लेकिन अब लगातार कार्रवाई के बावजूद तस्करी के नए प्रकरण सामने आ रहे हैं। मादक पदार्थों की तस्करी में अलग-अलग आयु वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं। नशा और अपराध का गठजोड़ है, अपराध के लिए नशा करने वाला व्यक्ति ही नशे के लिए अपराध करता है। खासकर आर्थिक राजधानी इंदौर में युवाओं में नशे का प्रचलन काफी बढ़ रहा है और यही कारण है कि विभिन्न राज्यों के तस्करों की पहली पसंद इंदौर बनता जा रहा है। पुलिस भी एनडीपीएस की कार्रवाई से अपने हाथ खिंचती है… वजह- जो गिरफ्त में आरोपी पेडलर दो से तीन टोकन खरीदकर लाते हैं और दो टोकन बेच देते हैं और एक टोकन का नशा कर लेते हैं। जैसे ही नशे का असर कम होता है, इन्हें मिर्गी जैसा दौरा पड़ने लगता है। इसे देख अधिकारी भी इन्हें छोड़ देते हैं, जिसका फायदा यह अपराधी उठाते हैं।
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह का निर्देश जीरो…
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने हाल ही में नशे के खिलाफ निर्देश दिए हैं। अवैध दरू बिकी, अवैध उत्खनन करता देखा गया तो डंडा मार-मारकर सीधा कर दो… अगर कोई नेता भी गड़बड़ा करता दिखे तो उसे भी सीधा कर दो… मुख्यमंत्री कह रहे हैं… डरने की क्या बात है! यहां देवी अहिल्या की पवित्र नगरी में नशे के सौदागर लगातार गांजा, चरस और शराब की तस्करी कर मुख्यमंत्री के आदेश की अवेहलना कर रहे हैं। ये बहुत चिंताजनक स्थिति है… जब प्रदेश के मुखिया के आदेश ही ‘हवा’ हो रहे हैं तो आप समझ सकते हैं आम आदमी की क्या बिसात…! उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं होते देख… गुंडे-बदमाशों की बन बैठती है। कुछ ले-दे लो… ‘वो’ भी खुश और अपनी जेब भी गरम! ऐसे में ये गुंडे-बदमाश अपराध पर अपराध करते जाते हैं… पर कार्रवाई के नाम पर मामा के आदेश भी ‘हवा’, जो काफी चिंताजनक है।