मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच भड़की हिंसा को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मणिपुर सरकार ने हालात को काबू में करने के अंतिम उपाय के रूप में हिंसा करने वाले को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया है। सेना ने गुरुवार सुबह हिंसा प्रभावित राज्य में फ्लैग मार्च किया। रक्षा प्रवक्ता ने लेफ्टिनेंट कर्नल एम रावत ने कहा कि एक आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद राज्य में हालात को काबू करने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है। तक 9,000 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है।
इसलिए भड़की हिंसा
राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में आॅल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) की ओर से बुलाए गए आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई।