शंघाई को-आॅपरेशन आॅर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में बिलावल भुट्टो से मिलने के 10 मिनट बाद ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा- आतंकवाद दुनिया के लिए बड़ा खतरा है। इसे किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता है। जयशंकर ने ये भी कहा कि आतंकवाद से हर रूप में लड़ना और उसे हर हाल में रोकना होगा। सीमा पार आतंकवाद को भी रोकना जरूरी है। आतंकवाद से लड़ाई एससीओ के वास्तविक लक्ष्यों में से एक है। इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से मुलाकात की। इस दौरान एस जयशंकर ने नमस्ते किया तो बिलावल ने भी हाथ जोड़े। पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस समेत सभी सदस्य देशों के विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल हुए हैं। इससे पहले गुरुवार को फॉरेन मिनिस्टर एस जयशंकर ने चीन और रूस के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय चर्चा की थी। वहीं, पाकिस्तान के साथ भारत की कोई बातचीत नहीं होगी।
12 साल बाद भारत दौरे पर पाक विदेश मंत्री – एससीओ बैठक में शामिल होने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी गोवा पहुंचे। वो 12 साल बाद भारत आने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं। इसके पहले 2011 में पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार भारत आई थीं।
भारत पहुंचने के बाद बोले बिलावल- मैं गोवा आकर काफी खुश हूं, मुझे उम्मीद है कि एससीओ की बैठक कामयाब होगी। वहीं, पाकिस्तान से रवाना होते समय उन्होंने कहा था- इस बैठक में भाग लेने का मेरा फैसला बताता है कि पाकिस्तान के लिए एससीओ कितना अहम है। मैं सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा के लिए उत्सुक हूं।