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कोलकाता-पटना जेल में रची थी फेड बैंक में लूट की साजिश

इंद्रपुरी में संचालित फेड बैंक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (फास्ट गोल्ड लोन) में लूट की साजिश पश्चिम बंगाल की कोलकाता और बिहार की पटना जेल में रची गई थी। वारदात के मास्टरमाइंड अलग-अलग राज्यों की जेल में बंद हैं। उन्होंने ही रैकी करने के लिए लुटेरों को बाइक, सोने की चेन और 35 हजार रुपए दिलवाए थे। इसके अलावा, आरोपियों को 5 कट्‌टे और 50 कारतूस भी उपलब्ध करवाए गए थे। यह खुलासा डीसीपी क्राइम श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने किया।
पांच अप्रैल को हुई थी घटना
5 अप्रैल को पिपलानी थाना क्षेत्र में संचालित फेड बैंक में चार नकाबपोश बदमाश घुस गए थे। हालांकि, बैंक मैनेजर की सतर्कता से आरोपी वारदात को अंजाम नहीं दे पाए थे। पूरी वारदात बैंक में लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई थी। आरोपियों में शामिल प्रशांत उर्फ राजा पंडित को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जबकि प्रेमराज, सुरेश और शिवम फरार हैं। चारों आरोपियों में शामिल प्रेमराज पिता जयप्रकाश निवासी हाजीपुर वैशाली बिहार, प्रशांत उर्फ राजा पंडित शुभई हाजीपुर बिहार, शिवम हाजीपुर, बिहार और सुरेश मुजफ्फरनगर बिहार के रहने वाले हैं।

विदिशा-सीहोर में रुके थे
पुलिस ने बताया कि प्रशांत उर्फ राजा पंडित और सुरेश दिए गए फर्जी आधार कार्ड लेकर मार्च के दूसरे हफ्ते में भोपाल आए थे। पुलिस के मुताबिक दोनों को भोपाल से 40 से 50 किलोमीटर दूर रहने के लिए कहा गया था। आरोपी मकान खोजने के लिए एक दिन विदिशा में होटल अशोका, जबकि एक दिन सीहोर के होटल में रुके थे।

नितेश-अशोक के नाम पर लिया था किराए से कमरा
आरोपी प्रशांत उर्फ राजा पंडित ने नितेश यादव और सुरेश यादव ने अशोक शर्मा के रूप में अपनी पहचान बताई थी। दोनों ने सीहोर में 3200 रुपए प्रतिमाह किराए पर जगदीश शर्मा का मकान किराए पर लिया था। दोनों आरोपी 18 मार्च को मकान में शिफ्ट हो गए थे। इसके कुछ दिन बाद दो युवक इनके यहां बाइक से पहुंचे थे। शिवम अपने साथ एक बाइक, पांच कट्टे और 50 कारतूस लेकर आया था। जिनकी पहचान शिवम और प्रेमराज के रूप में प्रशांत उर्फ राजा पंडित ने की है। पुलिस के मुताबिक शिवम और प्रेमराज ने विदिशा के हरीपुरा में किराए से रूम लिया था। घटना को अंजाम देने से पहले तक दोनों आरोपी यहां देर रात पहुंचकर रुकते थे।

लोन के बहाने की रैकी
आरोपी 18 मार्च को सोने की चेन गिरवी रखने पहुंचे थे। इस संबंध में मैनेजर से बात भी की थी। लोकल आईडी नहीं होने के कारण बैंक अफसरों ने लोन देने से मना कर दिया था। पुलिस के मुताबिक आरोपी लोन के बहाने रैकी करने पहुंचे थे। लूट की असफल कोशिश के बाद आरोपी बिलखिरिया के रास्ते विदिशा पहुंचे। यहां आरोपियों ने बाइक छोड़ दी। साथ ही, आॅटो से राहतगढ़ होते हुए बीना पहुंचे।

इंजीनियरिंग का छात्र है प्रशांत
सांची के सीसीटीवी चेक करने पर चार लड़के घूमते मिले, जो विदिशा की तरफ निकल गए। पुलिस मैकेनिक की दुकान पर पहुंची, जहां उन्होंने बाइक ठीक करवाई थी। मैकेनिक ने चारों की पहचान की। इसके बाद, पुलिस ने विदिशा, गुलाबगंज और बीना रेलवे स्टेशन का फुटेज चेक किए, तो बीना रेलवे स्टेशन पर चारों आरोपी ट्रेन पर चढ़ते दिखे। इनमें से एक लड़का झांसी स्टेशन पर उतर गया। जो आगरा की ट्रेन में निकल गया।

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