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‘द केरल स्टोरी’ को लेकर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने…बयानों की आग और भड़केगी 5 मई से

तिरुवनंतपुरम, एजेंसी
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चल रही है और उधर द केरल स्टोरी फिल्म 5 मई से रिलीज हो रही है। चुनावी माहौल में यह फिल्म आग में घी का काम करने वाली हो सकती है। इस फिल्म के प्रदर्शन से पहले ही पक्ष-विपक्ष में बयानबाजी शुरू हो गई है। ये आग और भड़केगी।
फिल्म केरल स्टोरी के तथ्यों और इसके संदर्भ में अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे को लेकर राज्य में राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है। इस बीच, एक मुस्लिम वकील ने धर्म बदलकर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) में शामिल होने वाली केरल की 32 महिलाओं का सबूत देने पर 11 लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की है। अपनी बेटियों की आर्थिक सुरक्षा के लिए विशेष विवाह अधिनियम (एसएमए) के तहत पिछले दिनों अपनी पत्नी से पुनर्विवाह करने वाले वकील और अभिनेता सी शुक्कुर ने कहा कि फिल्म में 32,000 महिलाओं के धर्मांतरण करने और आईएस में शामिल होने का दावा किया गया है, लेकिन उतने सबूतों की जरूरत नहीं है और केवल 32 काफी हैं। शुक्कुर ने कहा कि पलक्कड़ निवासी दो भाइयों से शादी करने वाली तीन महिलाओं का मामला ही सामने आया है, जिन्होंने केरल के मुस्लिम समुदाय से बाहर आकर आईएसआईएस की सदस्यता ली थी। वकील ने पोस्ट में लिखा, सभी को एक समुदाय और एक राज्य को लव जिहाद के मामले के बारे में बिना साक्ष्यों के जिम्मेदार ठहराने से बचना चाहिए। हाई कोर्ट भी लव जिहाद के मामले को खारिज कर चुका है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को द केरल स्टोरी के निर्माताओं पर निशाना साधते हुए दावा किया था कि वे लव जिहाद के मुद्दे को उठाकर राज्य को धार्मिक कट्टरपंथ के केंद्र के रूप में पेश करने के संघ परिवार के दुष्प्रचार को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि लव जिहाद की अवधारणा को अदालतों, जांच एजेंसियों और गृह मंत्रालय की ओर से खारिज किया जा चुका है। विजयन ने यह भी कहा कि इस हिंदी फिल्म के ट्रेलर से पहली नजर में ऐसा लगता है कि इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने और राज्य के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के कथित उद्देश्य के साथ जानबूझकर बनाया गया है।
केरल में सत्ताधारी सीपीआई (एम) और विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने फिल्म द केरल स्टोरी पर बैन लगाने की मांग की है। सीएम पिनराई विजयन ने फिल्म को संघ परिवार की झूठ फैक्ट्री का प्रोडक्ट बताया है। उन्होंने कहा कि इसे राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के मकसद से बनाया गया है। बीजेपी ने पूछा कि केरल में धार्मिक आतंकवाद के मजबूत होते दावों को राज्य के खिलाफ नफरत भरा दुष्प्रचार कैसे कहा जा सकता है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने अभिव्यक्ति की आजादी पर केरल के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ सीपीएम के रुख को दोहरे मानदंड वाला बताया। उन्होंने कहा कि जब द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों की बात आती है, तो मुख्यमंत्री और वामपंथी नेताओं को अभिव्यक्ति की आजादी की कोई चिंता नहीं होती।

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