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विदेशी बैंको में जमा 2 करोड़ से अधिक की राशि का कैसे इस्तेमाल करें….

एलआरएस में 180 दिन की सख्ती से भारतीय अमीरों का टेंशन बढ़ा

नई दिल्ली, एजेंसी
भारतीय अमीरों के बीच उनके विदेश में रखे पैसों लेकर परेशानी बढ़ गई है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि इस पैसों का कैसे इस्तेमाल किया जाए। मामला एलआरएस स्कीम को लेकर है, जिसके जरिए उन्हें हर साल विदेश में 2.5 लाख डॉलर (मौजूदा रेट के अनुसार 2 करोड़ रुपए) भेजने की इजाजत है। अब जिन भारतीयों ने विदेशी बैंकों में अपने खाते खोल रखे हैं, वह नए नियम को लेकर कंफ्यूज हैं। इसकी वजह से उनके लिए विदेश में रखे पैसे को कानूनी रूप से इस्तेमाल करने में परेशानी खड़ी हो गई है।
क्या है एलआरएस
भारतीय रिजर्व बैंक के एलआरएस स्कीम के तहत कोई भी भारतीय एक वित्त वर्ष में चालू खाता या पूंजी खाते या दोनों में किसी भी तरह से विदेश में 2.5 लाख डॉलर का निवेश या कर्ज दे सकता है। ईटी की खबर के अनुसार भारतीय अमीर विदेश में शेयर बाजार, करंसी आदि में निवेश करते हैं। अब इसमें पेंच यह है कि एलआरएस के तहत बैंक में केवल 180 दिन ही पैसा रखा जा सकता है। उसके बाद खाताधारक को पैसा किसी रूप में भारत भेजना होता है। भारतीय अमीरों को इस बात का कंफ्यूजन है कि क्या वह यह पैसा 180 दिन बाद भी बैंक एफडी के रूप में रख सकते हैं या नहीं।
इसके पहले आरबीआई ने 2018 में एलआरएस के तहत यूज होने वाले पैसे को लेकर सख्ती की थी। नए नियम में 25,000/- हजार डॉलर से कम राशि पर भी पैन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया था। इसके पहले तहत 25 हजार डॉलर से ज्यादा की रकम के लिए ही पैन कार्ड अनिवार्य था, यानि अब सभी रकम के लेन-देन के लिए पैन कार्ज एलआरएस स्कीम में अनिवार्य कर दिया गया है।

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