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संगठन ने दिखाया चूल्हा जीत पराजीत

हिन्दुस्तान मेल, इंदौर।

पार्षद कमलेश कालरा के बेटे को परिवार के सामने नंगा करने के मामले में चौतरफा घिरे एमआईसी सदस्य जीतू जाटव ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ. वीडी शर्मा को चिट्‌ठी लिखकर अपना इस्तीफा दे दिया है। दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो जीतू ने इस्तीफा दिया नहीं, बल्कि केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी के चलते उनसे इस्तीफा लिया गया है। केंद्रीय नेतृत्व तक हुई किरकिरी के कारण ही जीतू को अपने राजनीतिक गुरुओं का साथ भी नहीं मिला। अपने कथित इस्तीफे में जीतू ने लिखा कि मैं भाजपा का समर्पित और अनुशासित सिपाही हूं। मेरा, मेरे परिवार और अनुसूचित जाति के मेरे जाटव समाज का पार्टी से अटूट रिश्ता है। कुछ दिनों पहले इंदौर में पार्टी के एक साथी पार्षद के परिजन के साथ हुई दु:खद घटना में मेरा नाम घसीटकर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

मैंने इस मामले में अपना पक्ष सभी तथ्यों के साथ माननीय शहर अध्यक्ष के समक्ष रखकर खुद आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की थी। मान्यवर… मैं ये नहीं चाहता कि मेरे कारण पार्टी को किसी असहज स्थिति का सामना करना पड़े, अत: इस पूरे प्रकरण में निर्दोष साबित होने तक मंै पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और टकउ से त्यागपत्र देता हूं। मुझे विश्वास है… पार्टी मेरे साथ अन्याय नहीं होने देगी।
अपनों ने भी छोड़ा साथ…
अपने राजनीतिक आका व विधायक रमेश मेंदोला से मिली सुपर पॉवर के दम पर उड़ रहे जीतू जाटव को क्षेत्र-2 के नेताओं का साथ ही नहीं मिला… न ही गले में नीला दुपट्‌टा डालकर पुलिस कमिश्नर कार्यालय का घेराव काम आया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी मौन धारण रखा।
केंद्रीय नेतृत्व भी नाराज है
बताया जा रहा है कि हादसे की वीडियो वायरल होने के बाद से ही केंद्रीय नेतृत्व मामले में अपना कड़ा रुख स्पष्ट कर चुका है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक मामले में रिपोर्ट मांग चुके हैं। ऐसे में जीतू पर कार्रवाई होना तय ही माना जा रहा था।

तीन दिन में 8 आरोपी ही पकड़ पाई… 40 अब भी गिरफ्त से दूर
कालरा के घर में घुसकर तोड़फोड़ और परिजन से बदसलूकी मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान दीपक जेरिया पिता पन्नालाल निवासी 1440/1, शीलनाथ कैंप और नितिन अड़ागले पिता रामाजी निवासी 392, शीलनाथ कैंप के रूप में हुई है। इससे पहले पुलिस ने कृष्णा शर्मा, नवीन आर्य, ललित गोंगड़े.. अरुण दानीवर, विनय भरदेला, पिंटू रावेरकर को पकड़ा था। ऐसे कुल 8 गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि मौके पर 50 से अधिक लोग थे। यदि पुलिस कार्रवाई की रफ्तार यही रही तो सबके पकड़े जाने में 12 से 13 दिन का समय और लगेगा। मुख्यमंत्री की खुली छूट के बावजूद पुलिस का ढीला रवैया चौंकाता है।

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