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अग्निहोत्री मुंबई और दिल्ली से चलते हैं डब्बा करोबार…..

अंतरराष्ट्रीय हवाला और सत्ता से जुड़े तार

इंदौर। उज्जैन पुलिस ने छह महीने पहले 14.60 करोड़ रुपए की भारी-भरकम रकम के साथ जिस आॅनलाइन सट्टे का भांडा फोड़ा था… अब उसी मामले में ईडी ने इंदौर में कांग्रेस नेता विशाल ‘गोलू’ अग्निहोत्री को हिरासत में लिया है। सूत्रों की मानें तो गोलू का मूल काज भी आॅनलाइन सट्‌टेबाजी और डिब्बा कारोबार का है। कुछ अर्से पहले ही अपोलो स्क्वेअर से कामकाज समेटकर गोलू ने मुंबई और दुबई तक उसका विस्तार कर दिया। इस धंधे को गोलू के साड़ूभाई हितेश अग्रवाल ‘चुन्नू’ संभालते हैं। मामला अंतर्राष्ट्रीय सट्‌टा किंग पीयूष चौपड़ा से जुड़ा है। मौजूदा पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने उज्जैन आईजी रहते 14 जून को आॅनलाइन सट्‌टे का भांडा फोड़ते हुए चौपड़ा सहित नौ लोगों को पकड़ा था। इनमें जसप्रीतसिंह, सतप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह और चेतन नेगी भी शामिल थे। ये सभी लुधियाना के थे। चूंकि पुलिस केस के आधार पर ईडी ने प्रिवेंशन आॅफ मनी लॉण्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज किया था। उसी आधार पर ईडी ने 12 दिसंबर को इंदौर, लुधियाना और उज्जैन में छापेमार कार्रवाई की थी, जो अब भी जारी है। इसी कड़ी में पीयूष से तार जुड़ने के कारण ईडी ने सोमवार को गोलू को हिरासत में लिया, जो एक दिन पहले ही दुबई से लौटे हैं। ईडी के अनुसार छानबीन में पता चला कि पीयूष ने सट्‌टेबाजी का सेटअप तैयार किया था। नाम दिया छडठऊडठएउऌ9.उडट। जहां पीयूष और उसके कर्मचारी लोगों से दांव लगवाते थे। दांव लगाने और जीत हासिल करने के लिए ‘हवाला’ लेन-देन का इस्तेमाल किया।

ईडी के अनुसार… सभी सट्टेबाजी लेनदेन को ‘हॉर्स’ नामक एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करके ट्रैक किया जाता था, जिसे पीयूष ने दो लोगों (अभय चोपड़ा और संजय अग्रवाल) के माध्यम से प्राप्त किया था, जो कथित तौर पर आॅनलाइन सट्टेबाजी गतिविधियों में भी शामिल थे।
भाई से मिली सियासी विरासत…
2004 में वार्ड-1 से राजा अग्निहोत्री पार्षद चुने गए थे। उनके साथ रहकर गोलू ने राजनीतिक संबंध बनाए, जो राजा की मौत के बाद काम आए। राजनीतिक विरासत गोलू को मिली। 2009 और 2015 में गोलू की पत्नी प्रीति चुनाव लड़ीं और पार्षद बनीं। 2024 के चुनाव में स्वयं को बड़ा नेता साबित करने में अग्निहोत्री भाजपा के महेश चौधरी से चुनाव हार गए।
इंदौर-1 से टिकट मिला, जो 24 घंटे में वापस : इंदौर-1 से 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने प्रीति गोलू अग्निहोत्री को टिकट दिया था। खूब मिठाई बंटी। आतिशबाजी हुई, लेकिन आसमान में छोड़े रॉकेट के अवशेष जमीन पर आते तब तक कांग्रेस ने टिकट काट दिया। संजय शुक्ला को उम्मीदवार बनाया। चुनाव में अग्निहोत्री परिवार ने जमकर बगावत की, फिर भी शुक्ला जीते।
काम आई कमलनाथ से करीबी
गोलू कांग्रेस में कमलनाथ समर्थक रहे हैं। उनसे करीबी का फायदा तो मिलता है, लेकिन क्षणिक। जैसे 2018 में टिकट मिलकर कट गया। इसी तरह जब शहर कांग्रेस अध्यक्ष की बात आई तो उनकी जगह सुरजीतसिंह चड्‌ढा के सिर ताज सजा। बाद में गोलू को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया, जिसका कार्यकर्ताओं ने ही विरोध किया।
क्रिप्टो करंसी और सेल कंपनियों से खेल : आॅफिस खुलने और लिंक मिलने के बाद से गोलू का दुबई आना-जाना बढ़ गया था। वह महीने में एक-दो बार दुबई जाने लगा था। पैसे का लेन-देन क्रिप्टो करंसी और बिटकॉइन के माध्यम से हो रहा था। इसके साथ ही सेल कंपनियों के माध्यम से इंटरनेशनल हवाला किया। गोलू फाइनेंस का काम भी करता है। उसने पूर्व विधायक की एक फर्जी कंपनी जो कि कोलकाता के पते पर दर्ज है… को 1.5 करोड़ का पर्सनल लोन दे रखा था।
चुन्नू से बनाई दूरी
बताया जा रहा है कि गोलू और चुन्नू मिलकर काम करते थे, लेकिन कुछ समय पहले दोनों में लेन-देन को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद से दोनों अलग हैं। हालांकि करीबी कहते हैं ये दूरी दिखावा है।

वर्ल्डकप में होना था बड़ा
खेल… हो गए फेल
1 जून से शुरू हुआ टी20 वर्ल्ड कप जैसे ही परवान चढ़ने लगा… 14 जून को उज्जैन पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए क्रिकेट का सट्‌टा पकड़ा। नीलगंगा पुलिस ने पीयूष सहित नौ के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 109, 120-बी, पब्लकि गैंम्बलिंग एक्ट-1867 की धारा 3 व 4 के साथ ही आईटी एक्ट-2000 की धारा 66-डी के तहत केस (248/2024) दर्ज किया था। भारत और आयरलैंड के बीच ही एक मैच हुआ था… बाकी मैचेस दूसरे देशों के बीच थे। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 14 करोड़, 58 लाख 37 हजार रुपए और चांदी की सात ईंटें भी जब्त की थीं।

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