
इंदौर। मुख्यमंत्री मोहन यादव इन दिनों अपने प्रशासनिक नवरत्नों के साथ यूके यात्रा पर हैं। किसी मल्टीनेशनल कंपनी के सीईओ की तरह वे वहां कारोबारियों के बीच मप्र की ब्रांडिंग-मार्केटिंग कर रहे हैं, ताकि वहां के पूंजीपति मप्र में निवेश करें। प्रदेश का औद्योगिक विकास हो। युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलें। उन्होंने अपनी गारंटी देते हुए कहा कि आप एक बार मप्र आकर देखें, आपका मन स्वयं ही कहेगा, यहां पैसा लगाना है।
2007 में जिस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की परम्परा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रखी थी। उसे 2019-20 में सिर्फ 15 महीने सरकार चलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कायम रखा था। हालांकि उन्होंने नाम बदला था, मकसद नहीं। अब उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए मप्र के औद्योगिक विस्तार के सपने आंखों में संजोकर डॉ. मोहन यादव यूके पहुंचे। कुर्ता-पायजामा और जैकेट जैसे परम्परागत राजनीतिक परिधान को छोड़कर डॉ. यादव युके में भारतीयों के बीच सूटबूट और गले में मफलर डाले कॉर्पोरेट लूक में नजर आए। उन्होंने वहां एग्रीकल्चर, रेडीमेड, गार्मेंट, आॅटोमोबाइल, हेल्थ, सोया इंडस्ट्री, हैंडलूम, टूरिज्म, आयरन, रिनुएबल एनर्जी, सीमेंट, लॉजिस्टिक, होटल्स और आईटी के साथ ही खनीज के क्षेत्र में मप्र की बढ़ती धाक बताई। बोले कि मप्र ऐसा राज्य है, जहां बड़े कारोबारी समूहों का विश्वास बढ़ा है। इसीलिए अब मप्र की गिनती पिछड़े राज्यों में नहीं होती, बल्कि देश के तेजी से संपन्न होते राज्यों में से एक है मप्र।
उनका कहना है कि मप्र जैसी लैंडबैंक भारत के दूसरे राज्य में नहीं है। प्रदेश का आर्थिक और औद्योगिक विकास तूफानी रफ्तार पकड़ चुका है। फिर चाहे किसी भी सेक्टर की बात कर लें। कृषि से लेकर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी तक में मप्र ने दूसरे राज्यों को अपना लोहा मनवाया है।
सरकार देगी आपका साथ
डॉ. यादव ने उद्योग नीति के साथ ही मप्र सरकार द्वारा उद्योगों को मुहैया कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। बताया कि गार्मेंट सेक्टर में हर लेबर पर 5 हजार रुपए महीना सरकार इंसेंटिव देगी। चार-छह महीने नहीं, 10 साल का कमिटमेंट होगा। अन्य सेक्टर्स की सुविधा-सहूलियत का भी ध्यान रखा जा रहा है।
यादगार होगी जीआईएस-2025
ब्रिटेन के बाद अब मुख्यमंत्री जर्मनी जाएंगे। ब्रिटेन के अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और विदेशों के कई निवेशक (विशेष रूप से ब्रिटेन और जर्मनी) हमारे राज्य में निवेश करने के इच्छुक हैं। मैं दावे से कहता हूं कि फरवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट यादगार होगी।
संविधान में विश्वास…
डॉ. मोहन यादव की गिनती फायर ब्रांड हिंदू नेता के रूप में होती है, लेकिन वे संविधान में विश्वास रखते हैं। संविधान दिवस पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके उन्होंने दोनों के गुणों को आत्मसात करने की अपील की।
भरोसेमंद टीम के साथ हैं यादव
मुख्यमंत्री अकेले यूके नहीं गए हैं। उनके साथ सीनियर आईएएस और सीएस लेवल के अधिकारी राजेश राजौरा, राघवेंद्र सिंह, संजय दुबे के साथ ही चंद्रमौली शुक्ला जैसे भरोसेमंद अफसर हैं।