
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने कीव में स्थित अपने दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, दूतावास के कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी गई है। अमेरिका को आशंका है कि उनके दूतावास पर हवाई हमले हो सकते हैं। इस बारे में अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान जारी किया है।
अमेरिका की यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों की आपूर्ति की मंजूरी देने के बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब रूस और यूक्रेन के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है, विशेष रूप से अमेरिका द्वारा यूक्रेन को रूस के भीतर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमले की मंजूरी देने के बाद। रूस ने इस फैसले पर गंभीर आपत्ति जताई है। अमेरिकी मंजूरी के बाद, रूस के प्रमुख सैन्य और राजनीतिक प्रतिष्ठान अब यूक्रेन के निशाने पर हैं। इस स्थिति के बाद, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एक संशोधित परमाणु नीति पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें कहा गया है कि अगर यूक्रेन रूस पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला करता है, तो इसे तीसरे देश की संलिप्तता माना जाएगा, और इसके जवाब में रूस परमाणु हमले का सहारा ले सकता है।
यूरोपीय देशों में युद्ध का खौफ
हालिया घटनाओं के बाद, यूरोप के तीन देशों – नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड में दहशत फैल गई है। इन देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों को जरूरी सामान का भंडारण करने की सलाह दी है और अपने सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। स्वीडन ने तो परमाणु युद्ध की स्थिति में विकिरण से बचाव के लिए आयोडीन की गोलियां खरीदने का आदेश भी दिया है। वहीं, नाटो और यूरोपीय संघ के सदस्य देश हंगरी और स्लोवाकिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के फैसले पर नाराजगी जताई है और आरोप लगाया है कि उनके निर्णय ने रूस-यूक्रेन युद्ध को और भड़काया है।