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प्रधानमंत्री के नाम पर करोड़ों हड़पे…

हिन्दुस्तान मेल, इंदौर
नकली पुलिस बनकर लोगों से पैसे ऐंठने की कई खबरें आपने सुनी और पढ़ी होगी लेकिन हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें आरोपियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी कर डाली। मामला चौंकाने वाला और बेहद बड़ा है। आरोपी महीनों से लोगों को मूर्ख बना रहे थे, लेकिन सबकुछ इतनी सफाई से किया गया कि किसी को भनक तक नहीं लगी और नौकरी की चाह रखने वाले लोगों से करोड़ों रुपए हड़प लिए गए। यह पूरा खेल लोगों को एक साल तक नौकरी देने के नाम पर खेला गया। इस पूरे मामले में आरजीए मार्केटिंग लि. और संचालक यश जैन व प्रीति जैन के खिलाफ थाने से लेकर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त तक और मध्य प्रदेश शासन के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायत की गई है। मामले में आरजीए मार्केटिंग लि. के यश जैन और प्रीति जैन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कंपनी को भारत सरकार की अधिकृत कंपनी बताया और नौकरी देने के नाम पर अलग- अलग अकाउंट में लोगों से लाखों रुपए डलवाए गए। मोबाइल एप्लीकेशन पर कुछ समय तक काम भी मिला और सैलरी भी। लेकिन बाद में न कमाई दी गई और न ही वो पैसे दिए गए जो रजिस्ट्रेशन के नाम पर लिए गए थे। जब उम्मीदवारों ने पैसे वापस मांगे तो मोबाइल एप्लीकेशन, वेबसाइट, मोबाइल नंबर सभी बंद कर दिए गए। यहां तक कि कंपनी का आॅफिस भी बंद कर दिया गया।

पीड़ित शिकायतकर्ता परमेश्वर यादव ने पुलिस आयुक्त को दी शिकायत में लिखा है कि आरजीए मार्केटिंग लि. ने खुद को इनोवेशन कंसलटेंसी, डिजिटल डिजाइन और विज्ञापन एजेंसी बताया, जिसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में बताया गया था। साथ ही यह भी दावा किया गया कि इसके अन्य वैश्विक कार्यालय आॅस्टिन, लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को, पोर्टलैंड, लंदन, बर्लिन, साओ पाउलो, ब्यूनस आयर्स, सिंगापुर, शंघाई, सिडनी और टोक्यो में है। इस तरह दुनिया के हर राज्य में आरजीए मार्केटिंग लि. के 11 कार्यालय बताए गए थे। कंपनी को 2023 में भारत में लॉन्च करना बताया गया था। आरजीए मार्केटिंग लि. द्वारा स्वयं को भारत सरकार की अधिकृत और अनुबंधित कंपनी बताया गया और कई सरकारी बैंकों से टाईअप होने का दावा करते हुए लाखों उम्मीदवारों का प्लेसमेंट करवाने और घर बैठे पैसा कमाने का लालच देकर करोड़ों रुपए की चपत लगाई गई है।
30 लाख लोगों को रोजगार
देने का नाटक
शिकायतकर्ता ने बताया कि कंपनी ने इंदौर में अपना आॅफिस ब्रिलियंट सेंटर, 17 रेसकोर्स रोड, न्यू पलासिया, बास्केटबॉल स्टेडियम के सामने शुरू किया था। आरजीए मार्केटिंग लि. द्वारा यह दावा किया गया था कि कंपनी को भारत सरकार द्वारा आमंत्रित किया गया था और कंपनी ने पांच साल के रणनीतिक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके तहत आरजीए मार्केटिंग लि. 30 लाख लोगों को रोजगार देगी। 20 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है और 10 लाख लोगों को शेष दिया जाना है।
रजिस्ट्रेशन अनिवार्य बताकर डलवाए पैसे : कंपनी ने नौकरी की चाह रखने वाले उम्मीदवारों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया था। रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें आईडी प्रदान की जाती थी। कंपनी ने अलग – अलग लोगों के लिए पांच सैलरी स्ट्रक्चर बनाए थे। अलग – अलग सैलरी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले उम्मीदवारों से अलग – अलग राशि का निवेश करवाया जाता था। जो ज्यादा सैलरी स्ट्रक्चर का चयन करता था, उससे ज्यादा राशि का निवेश रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में करवाया जाता था। कंपनी द्वारा रजिस्टर्ड कर्मचारी को एक साल तक रोजगार देने का एग्रीमेंट भी किया जाता था। रजिस्टर्ड कर्मचारियों को कार्य के हिसाब से प्रति माह 1800 रुपए, 4800 रुपए, 15,000 रुपए, 45,000 रुपए और 1,20,000 रुपए देने का दावा किया जाता था। एक वर्ष तक नौकरी देने के एवज में एक माह की सैलरी का निवेश रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में करवाया जाता था। जिसे जितनी राशि सैलरी के रूप में प्रतिमाह चाहिए होती थी, उसे उतनी ही राशि एक बार रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में कंपनी को देना होती थी।

मोबाइल से करना होता
था प्रमोशन
रजिस्ट्रेशन करने के बाद आरजीए मार्केटिंग लि. के अप्लीकेशन पर जॉब प्रोफाइल और स्ट्रक्चर के अनुरूप अलग -अलग टास्क दिए जाते थे। जिसमें विभिन्न कंपनियों के मोबाइल अप्लीकेशन डाउनलोड करने, अलग – अलग विकल्पों पर क्लिक कर प्रमोशन करने का काम करना होता था और हिट्स के साथ रैंकिंग बढ़ाना होती थी। कंपनी का दावा था कि इसके लिए वह विभिन्न कंपनियों से पैसा लेती है और ली गई राशि का 60 से 80 प्रतिशत हिस्सा अपने रजिस्टर्ड लोगों को देती है।
नए सदस्य बनाओ और कमाओ : आरजीए मार्केटिंग लि. द्वारा अपने रजिस्टर्ड लोगों को यह सुविधा दी जाती थी कि अगर वे नए लोगों को जोड़ते हैं तो नए सदस्यों द्वारा किए गए निवेश का 50 प्रतिशत उन्हें बोनस राशि के रूप में मिलेगा। जो उनकी अतिरिक्त आय होगी। यानी जो कंपनी में नए लोगों से निवेश करवाएगा, उसे अतिरिक्त लाभ होगा। इस कारण हजारों पुराने लोगों ने लाखों नए लोगों को जोड़ते हुए स्वयं भी निवेश किया और करवाया भी। बताया जा रहा है कि देश भर में कंपनी ने 22 लाख लोगों को रजिस्टर्ड किया और उनसे करोड़ों रुपए की वसूली की जा चुकी है।

सरकारी अधिकारियों, सेलिब्रिटीज और
समाजसेवियों का सहारा
नौकरी देने के नाम पर करोड़ों रुपए का गबन करने वाली इस कंपनी ने लोगों का भरोसा जीतने और उन्हें आकर्षित करने के लिए सरकारी अधिकारियों, सेलिब्रिटीज और समाजसेवियों का सहारा भी लिया। कंपनी की वेबसाइट और मोबाइल अप्लीकेशन पर कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ फोटो डाले हुए हैं। यही नहीं कंपनी द्वारा इंदौर के रीगल तिराहा क्षेत्र के रवींद्र नाट्य गृह में गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2024 को एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें गायक कपिल खादीवाला, रितु छाबड़ा व अन्य समाज सेवियों और प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। इन सभी ने कंपनी की प्रशंसा की और इनके प्रभाव में आकर हजारों नए लोगों ने कंपनी को ज्वाइन किया और लाखों, करोड़ों रुपए का निवेश किया।

देह व्यापार और ड्रग्स कारोबार में हो चुके गिरफ्तार
गौरतलब है कि नौकरी देने के नाम पर धोखा देने वाले आरोपितों यश जैन और प्रीति जैन आदतन अपराधी हैं और करीब चार साल पहले देह व्यापार और ड्रग्स कारोबार के आरोप में गिरफ्तार भी हो चुके हैं। प्रीति जैन ‘ड्रग वाली आंटी” के नाम से बदनाम रही हैं। पुलिस को दिए बयानों में उन्होंने अपना अपराध भी स्वीकार किया था। प्रीति जैन का बेटा यश जैन पब, बार और रोां में ड्रग्स सप्लाई करता था और 200 से ज्यादा लोगों को नियमित ड्रग्स सप्लाई की जाती थी। इनके तार विदेशी तस्करों से भी जुड़े होना पाए गए थे। यही नहीं पुलिस को प्रीति जैन के पास से कई आईडी ऐसे मिले थे जिनमें अलग – अलग नाम था। कुछ आईडी प्रीति जैन के नाम से तो कुछ प्रेरणा नाम लिखा था। कुछ आईडी विशाखा के नाम से भी बने हुए थे। प्लेसमेंट के नाम पर ठगाए कुछ लोगों को भी प्रीति जैन ने अपना नाम विशाखा जैन बताया था।

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