अधिकारियों में मचा हड़कंप
हिन्दुस्तान मेल, इंदौर
शहर में सालों से सुस्त पड़ी रात्रिकालीन गश्ती दल की सारी सुस्ती पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह के एक मैसेज ने दूर कर दी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि 13 नवंबर को ह्लहिंदुस्तान मेलह्व प्रकाशित खबर के बाद पुलिस कमिश्नर का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने विभाग में कामचोरी कर रहे अधिकारियों की वायरलैस सेट पर ही लू उतार दी। कड़े शब्दों में लताड़ लगाते हुए कहा कि सभी थानों के कुल स्टफ का 75 प्रतिशत बल रात्रिकालिन गश्त में शामिल होगा। इस निर्देश को सुनने के बाद कई पुलिस अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए और वे अधिकारी भी मैदान में दिखाई दिए जो सालों से रात्रि गश्त छोड़कर घर में चैन की निंद निकालते थे।
सीपी से फटकार मिलने के बाद थाना प्रभारियों ने अपने स्टाफ पर खीज उतारी और उन्हें रात्रिकालीन गश्त को लेकर निर्देश दिए कि गश्त में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं गश्त का मतलब सिर्फ गाड़ी में बैठकर घूमना नहीं है, बल्कि जहां अपराध या गैरकानूनी गतिविधियां चल रही हैं उन पर लगाम कसना है। भले पैदल जाना पड़े तो भी गलियों में जाओ। सीपी की फटकार का असर यह था कि 13 नवंबर की रात को कई बड़े अधिकारी रात्रिगश्त के दौरान अपने-अपने क्षेत्र की गलियां झांक रहे थे।
घर जाकर सो जाते थे… अब नहीं सो पाएंगे
नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिसकर्मी ने बताया कि सीपी की फटकार के बाद विभाग में दो अलग-अलग चचार्ओं का जोर है। पहली चर्चा तो यह है कि इस तरह के आदेश हर बार होते है, दो-चार दिन की सख्ती दिखती है इसके बाद फिर वहीं पुराना ढर्रा शुरू हो जाता है। वहीं कुछ का कहना है कि नहीं, यह संतोष सिंह साहब हैंङ्घएक बार जिद पकड़ ली तो सबको ठीक करके ही दम लेंगे। इस सबके बीच वह पुलिसकर्मी खुश है जो लगातार ईमानदारी से अपनी ड्यूटी और रात्रिकालीन गश्त करते थे। इन पुलिसकर्मियों का कहना है कि साब (संतोष सिंह) ने अच्छी फटकार लगाई है, कई लोग बहुत दिनों से रात्रिगश्त की आड़ में घर जाकर सो जाते थे, अब इनको ड्यूटी ( रात्रिगश्त) करना पड़ेंगी। क्योंकि यह पुलिसकर्मी थाना प्रभारियों के चहेते हैं और टीआई साब के करीबी होकर उनके बाहर मामले संभालते है।