
हत्यार तस्करी बिहार पर भारी अपना निमाड़..
इंदौर। बिहार का मुंगेर जिला अवैध हथियार बनाने और उसे सप्लाई करने के मामले में पूरे देश में कुख्यात है। अब मध्यप्रदेश इसका केंद्र बन गया है… खासकर इंदौर संभाग का निमाड़। चाहे लॉरेंस बिश्नोई गैंग हो या बमबीहा या फिर खालिस्तानी आतंकी… ये सभी मध्यप्रदेश से आने वाले अवैध हथियार का अपने जुर्म के साम्राज्य को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। ये खुलासा दिल्ली और राजस्थान पुलिस द्वारा छापेमार कार्रवाई में पकड़े गए हथियार तस्करों ने किया है, जो शांति के लिए पहचाने जाने वाले मप्र के लिए अच्छी खबर नहीं है।
11 नवंबर को श्रीगंगानगर में जिला विशेष टीम और सदर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में नाजायज हथियारों के मुख्य सप्लायर को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान चौबीस वर्षीय सुनीलकुमार उर्फ देवराज पुत्र पन्नालाल के रूप में हुई। देवराज ने पूछताछ में बताया कि वह खरगोन से अवैध हथियार लाकर बेचता था। कई बार वह हथियारों की खेप ला चुका है। इसके अन्य लोगों के साथ संपर्क थे या नहीं… इस संबंध में पुलिस पूछताछ कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के कई जिलों में घुमंतू लोग पहाड़ी और जंगलों में आदिवासी लोगों को लेबर के तौर पर हायर कर उनसे पिस्टल, रिवॉल्वर कार्बाइन आदि तैयार करवा रहे हैं।
बस यात्रा करके जुटाते थे हथियार
देवराज ने बताया- चूंकि निजी वाहनों की चैकिंग कहीं भी हो सकती है… लिहाजा वह हमेशा बस से खरगोन जाता था। वहां से हथियार लेकर राजस्थान आता था। अमुमन बसों में यात्रियों की चैकिंग न के बराबर ही होती है। पुलिस ने बताया- तीस बोर के पिस्तौल को वह नब्बे हजार से करीब एक लाख रुपए में बेचता, जबकि 32 बोर के पिस्तौल के एवज में चालीस हजार रुपए वसूल कर रहा था।
युवकों ने बना लिया धंधा
जांच टीम में शामिल अधिकारियों ने बताया- इलाके में कई युवकों में हथियार रखने का अधिक शौक है। ऐसे शौकीनों के लिए भी सस्ते और महंगे हथियार उपलब्ध कराए जाते हैं, वहीं कई आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों को भी ये हथियार मुहैया कराए जा रहे हैं। ऐसे में एक ही फेरे में करीब पचास हजार से एक लाख रुपए कमाने के लिए मध्यप्रदेश से कई युवकों ने सप्लायर के रूप में धंधा बना लिया है।