चौराहों पर चैकिंग और अवैध वसूली में व्यस्त पुलिस…….

शहर में आपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहा है। नए कमिश्नर संतोष सिंह ने जब पद संभाला था तो लगा था कि अब शहर में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगेगी और अपराधियों में कानून और पुलिस का खौफ कायम होगा, लेकिन ऐसा फिलहाल तो होता नजर नहीं आ रहा है। पिछले दिनों शहर में एक रात में तीन अलग-अलग स्थानों पर लूट के साथ ही पॉश इलाके में सुबह-सुबह 15 लाख की लूट ने कानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। इन घटनाओं से ही पता चलता है कि पुलिस अपराधियों के सामने कितनी लाचार और बेबस है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में चौराहों पर रात एक बजे तक वाहनों की चेकिंग के नाम पर दिखती पुलिस एक बजे बाद पूरे शहर से नदारद हो जाती है और आम जनता को बदमाशों और लूटेरों के हवाले छोड़ देती है।
शहर में रात की गश्त तो जैसे समाप्त ही हो गई है। जो थोड़ी बहुत गश्त होती भी है तो वह मुख्य मार्गों पर ही होती है। गलियों और कॉलोनियों के अंदर तो पुलिस झांकती भी नहीं है। जबकि गलियों में ही नशाखोरों का जमावड़ा लगा रहता है। गलियों के अंदर कई स्थानों पर रात को बदमाश और असमाजिक तत्व उत्पात मचाते हैं। खुलेआम नशाखोरी करते हैं और हुड़दंग करते है। इससे रहवासी परेशान है और कई बार इसकी शिकायत की जा चुकी है लेकिन पुलिस मौके पर पहुंचती ही नहीं। वहीं शिकायत करने के बाद शिकायतकर्ता को बदमाश अलग परेशान करने लगते हैं और बदला लेने की नियत से ज्यादा हुड़दंग करने लगते हैं। पुलिस के नहीं आने से या कोई कार्रवाई नहीं करने से असमाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हो जाते हैं और वह गंभीर अपराध करने से हिचकिचाते नहीं है क्योंकि उनमें पुलिस का डर ही नहीं रहता। शहर में प्रतिदिन बढ़ता अपराध इसका स्पष्ट उदाहरण है। और पुलिस की यह निष्क्रियता सामान्य युवकों को अपराध जगत में प्रवेश करने में सहायक भी साबित हो रही है। पुलिस प्रशासन को इस मामले में बेहद गंभीरता से सोचना होगा और गलियों के साथ ही कॉलोनियों के अंदर तक रात में दो से तीन बार गश्त करना होगी तभी अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
सीएम की साख की भी चिंता नहीं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं इंदौर जिले के प्रभारी है, पुलिस को सीएम की साख की भी कोई चिंता नहीं है। जबकि सीएम यादव का सपना है कि इंदौर का विकास मुंबई की तर्ज पर हो और यहां लोग रात में भी निडर होकर अपने घर जाएं। शहर में कई आॅफिस और डिलेवरी बाय रात में भी काम करते हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों में उनके आना जाना रहता है और यही लोग लुटेरों और बदमाशों का आसान शिकार हो रहे हैं।
अवैध वसूली में लगे रहते हैं
रात में लगातार चोरी, लूट, मारपीट की घटनाएं हो रही हैं। पूरे शहर में अराजकता फैली है। बावजूद इसके पुलिस सिर्फ चौराहों पर चैकिंग करने में मस्त है वहीं रात्रिकालीन गश्त करने में पिछड़ गई है। पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद पुलिस चौराहों पर चेकिंग करते हुए तो दिखाई देती है। लेकिन वहां भी अवैध वसूली में जुटी रहती है। सूत्र बताते हैं कि चौराहों पर चेकिंग के नाम पर नशे में धूत कार सवार रईसजादों को पकड़ कर वसूली में लगी हुई है।