नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक निर्णायक प्राधिकारी ने बुधवार 10 अप्रैल को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडिया (वायआई) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्की की कार्रवाई को जायज ठहराया है। ईडी ने 2023 नवंबर में कांग्रेस द्वारा संचालित नेशनल हेराल्ड अखबार और संबंधित फर्मों की लगभग 752 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया था। प्राधिकरण ने इन प्रॉपर्टी को अपराध की आय बताया है।
पिछले साल 20 नवंबर को ईडी ने अस्थायी रूप से 751.9 करोड़ (661 करोड़ की अचल संपत्ति और 90 करोड़ के शेयर) से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एजेएल की सैकड़ों करोड़ रुपए की संपत्तियों का नियंत्रण देने के लिए एक आपराधिक साजिश रची गई थी। वाईआई के लाभकारी स्वामी सोनिया गांधी और राहुल गांधी हैं। नियम है कि पीएमएलए के तहत एक निर्णायक प्राधिकारी 180 दिनों के भीतर यह निर्धारित करता है कि ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं या नहीं। प्राधिकरण ने यह भी कहा कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड अपनी बेगुनाही का सबूत भी नहीं दे सके। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास वाईआई के कुल 76% शेयर हैं।