इंदौर। शहर में हाल ही में हुए एक दिलचस्प मामले में एक व्यापारी ने लोन के पैसों को जीएसटी पोर्टल की मदद से बेचे गए माल का भुगतान मिलना बता दिया। उसने उस राशि में से टैक्स का हिस्सा सरकार को भी दे दिया और टैक्स क्रेडिट लोन देने वाले को पास आॅन कर दी। लोन देने वाले ने भी बिना देखे इनपुट टैक्स क्रेडिट ले ली। अब वह अपने ही लोन के पैसे वापस पाने के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रहा है। जीएसटी पोर्टल से हो रही ऐसी धोखाधड़ी की शिकायत पीड़ित व्यापारी ने विभाग से की है। मामला इंदौर के एक होटल व्यवसायी का है, जिसने एक व्यापारी को 3 लाख का लोन दिया था। लोन लेने वाले ने जीएसटी पोर्टल पर 2.92 लाख का माल खरीदने और उसका भुगतान प्राप्त होना दर्शा दिया और होटल के नाम पर बिल बना कर पोर्टल पर चढ़ा दिया। व्यापारी ने 18 हजार का जीएसटी भरना भी दशार्या और इनपुट टैक्स क्रेडिट भी होटल व्यवसाई को पास आॅन कर दी। होटल व्यवसाई ने अनजाने में ये इनपुट टैक्स क्रेडिट को क्लेम भी कर लिया। जब लोन लेने वाले ने रकम लौटाने से मना कर दिया तो मामला कोर्ट जा पहुंचा।
खरीदी के बाद वापसी दिखा क्रेडिट नोट जारी किया
अन्य मामले में एक कंपनी ने सप्लायर को भुगतान किया और आईटीसी भी ले ली। कुछ दिन बाद सप्लायर ने माल वापस किया जाना दिखाते हुए जीएसटी पोर्टल पर क्रेडिट नोट जारी कर दिया।