रेलवे कोच फैक्ट्री में अब 50 साल पुराने 400 आईसीएफ से मल्टीपर्पज न्यू मॉडिफाइड गुड्स हाई स्पीड (एनएमजीएच) कोच बनाए जाएंगे। इन कोच की विशेषता यह होगी कि इनमें कार या चार पहिया गाड़ी के साथ ही बाइक, स्कूटर सहित अन्य दो पहिया वाहन को भी एक से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकेगा। कोच की डिजाइन इस तरह की जाएगी कि उसका उपयोग मल्टी पर्पज किया जा सके।
पिछली बार केवल आॅटोमोबाइल कंपनियों के लिए कारों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए एनएमजीएच कोच का निर्माण किया गया था। एसयूवी, एक्सयूवी, टीयूवी सहित दो पहिया वाहन कंपनियों ने अपने लिए भी ऐसे ही कोचों के निर्माण की मांग रेल मंत्रालय के सामने रखी। उसके बाद रेल मंत्रालय ने एनएमजीएच बनाने का आॅर्डर कोच फैक्ट्री को दे दिया गया। प्रति कोच करीब 25 लाख रु. खर्च होंगे।
आॅटोमोबाइल कंपनियों
ने किया पसंद
पूर्व में चार पहिया वाहनों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए बनाए गए कोच को आॅटोमोबाइल कंपनियों ने खासा पसंद किया। दो पहिया वाहन निर्माता कंपनियों ने खाली जगह में उनके वाहनों को ले जाने का सुझाव दिया। इसके बाद एनएमजीएच कोचों को मल्टीपर्पज बनाया गया।
हर महीने बनेंगे 23 कोच
400 कोचों को एनएमजीएच में बदलने में करीब 25 लाख रु. प्रति कोच अधिकतम खर्च आएगा। प्रबंधन का हर महीने 23 कोच का एक एनएमजीएच रेक बनाने का लक्ष्य है।
गेट का डिजाइन बदला
नए एनएमजीएच कोच में चार पहिया वाहनों के लिए पीछे की तरफ दिए जाने वाले एंट्री गेट के साथ ही दो पहिया वाहनों के लिए साइड से एंट्री बनाई जाएगी। इतना ही नहीं डिजाइन को इतना लचीला बनाया जा रहा है कि उसमें अन्य सामान भी भेजा जा सकेगा।