गुरुवार को सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 संशोधित विधेयक पारित हो गया। अब नए कानून के चलते फिल्मों की चोरी करने वालों की खैर नहीं। फिल्मों की पायरेसी करने वालों के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। अब फिल्मों या वेब सीरीज की चोरी करने वालों को तीन साल तक की सजा और फिल्म की लागत का 5% तक जुर्माना भरना होगा। अगर आप नहीं जानते कि ये पायरेसी नाम की क्या बला होती है तो चलिए एक अखबर की फिल्मी फ्राइडे सीरीज में बताते हैं। कैसे पायरेसी की जाती है और इसके चलते फिल्म इंडस्ट्री को कितने करोड़ का नुकसान होता है।
राज्यसभा में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि हर साल फिल्म इंडस्ट्री को पायरेसी के चलते 20 करोड़ रुपए का नुकसान होता है। ऐसे में अब सरकार ऐसे चोरों को बिल्कुल बख्शने वाली नहीं है। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं आखिर पायरेसी होती क्या है? पायरेसी को आसान भाषा में चोरी कहेंगे। कॉपीराइट वाली फिल्में, सीरीज, वीडियो या किसी भी प्रकार का कॉन्टेंट, जिसे गैरकानूनी तरीके से चोरी कर वेबसाइट्स या किसी ऐप्स पर अपलोड किया जाए तो इसे आॅनलाइन पायरेसी कहते हैं। आए दिन आप सुनते होंगे कि फलाना फिल्म लीक हो गई, ये पायरेसी ही होती है।
पायरेसी को समझने के लिए एक फिल्म आई थी ‘तमिलरॉकर्स’। इसमें दिखाया गया था कि कैसे और किस तरह से लोग फिल्मों और कॉन्टेंट की चोरी करते हैं। इस काले धंधे के चलते लाल सिंह चड्ढा से लेकर लाइगर समेत कई बड़ी फिल्में रहीं, जो रिलीज से पहले ही आॅनलाइन लीक हो गईं।
कोरोनाकाल में ये तो आपने देखा कि लोगों ने दुनियाभर का सिनेमा देख डाला। उनका टेस्ट भी बदला, इस वजह से फिल्मों के बिजनेस में भी उतार-चढ़ाव आए, मगर क्या आपको ये पता है कि कोरोना काल व लॉकडाउन वही पीरियड है, जिसमें सबसे ज्यादा फिल्मों की चोरी हुई। एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन में 62% तक पायरेसी में उछाल देखने को मिला।
पहले ऐसा माना जाता था कि सीडी, डीवीडी और वेबसाइट्स के जरिए पायरेसी की जाती है, मगर जब से टेलीग्राम आया है तो इस तरह की चोरी में भी इजाफा हुआ है। साल-2022 में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि वॉट्सएप भी इस गैरकानूनी काम के लिए धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जाता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पायरेसी के चलते आॅनलाइन मीडिया प्लेटफॉर्म को 25-30% तक ओवरआॅल रेवेन्यू में घाटा होता है। स्कैम 1992, आश्रम से लेकर रॉकेट बॉयज जैसी वेब सीरीज को सबसे ज्यादा टॉरेंट साइट्स पर चोरी किया गया।
पायरेसी के चलते सबसे ज्यादा नुकसान यूएसए को होता है। एक रिपोर्ट के नुकसान के चलते 92000 करोड़ रुपए का नुकसान अमेरिका को झेलना पड़ा था। दूसरे नंबर पर चीन है, जिसे साल 2022 में 78000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर भारत है, जिसे 24000 करोड़ रुपए तो ब्राजील को 2000 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, साल-2022 में सबसे ज्यादा चोरी की गई फिल्म स्पाइडर-मैन नो वे होम (25%) थी। फिर द बैटमैन (15%), डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स आॅफ मैडनेस (14%), जुरासिक वर्ल्ड: डोमिनियन (12%) को पायरेसी करके लोगों ने देखा था, वहीं इंडियन फिल्मों की बात करें तो सबसे ज्यादा पायरेटेड फिल्मों में आरआरआर (6%), केजीएफ: चैप्टर 2 (6%), बीस्ट (6%) और पुष्पा: द राइज-पार्ट वन (5%) है। दिलचस्प बात ये है कि गेम आॅफ थ्रोन्स (47%) भारत में सबसे अधिक पायरेटेड टीवी सीरीज है।