नशे से दूरी ही भली… करेंगे न करने देंगे……………
जागरूकता ही अंतिम निवारक उपाय है। ‘नशे को ना कहें’ की शपथ लें और इसके दुष्परिणामों को समझें, तभी हम मुसीबतों से बच सकते हैं। यह कहना रहा सिका 54 में मौजूद गणमान्यजन का, जो नारकोटिक्स दिवस पर सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
सिका 54 में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय नारकोटिक्स दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेमलता अग्रवाल इस महत्वपूर्ण मुद्दे के सूक्ष्म पहलुओं पर प्रकाश डालने के लिए बतौर अतिथि वक्ता मौजूद थीं। उन्होंने छात्रों को उन तरीकों और साधनों के बारे में बताया, जिनके माध्यम से किसी को ऐसे रैकेट में शामिल तत्वों द्वारा उन्हें शिकार बनाया जा सकता है। उन्होंने नशीली दवाओं के दुरुपयोग की प्रकृति और साइबरनेटिक्स के साथ इसके संबंध पर प्रकाश डाला। यह स्पष्ट है कि जागरूकता ही अंतिम निवारक उपाय है।
इस अवसर पर डीएसपी संतोष हाड़ा ने विद्यार्थियों से इन कुप्रथाओं के प्रति सचेत रहने की अपील की। सिका एज्यूकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष पी. बाबूजी ने छात्रों को उन सभी परिस्थितियों से बचने के लिए दृढ़ संकल्पित होने की सलाह दी, जो नशीली दवाओं के दुरुपयोग का कारण बन सकती हैं। प्रिंसिपल सुजा एस. मैथ्यू ने इस दासता पर काबू पाने के लिए सभी निवारक उपाय करने का आश्वासन दिया। वाइस-प्रिंसिपल प्राची गर्ग ने विद्यार्थियों से ‘नशे को ना कहें’ की शपथ लेने को कहा।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता पैदा करने वाली नाटिका प्रस्तुत की गई। बारहवीं कक्षा की छात्रा प्रिशा कपारिया ने सामाजिक बुराई के बारे में जानकारी साझा की।
छात्र नशीली दवाओं के दुरुपयोग की बुराई के खिलाफ सावधानी बरतने और ऐसा कोई भी मामला सामने आने पर हर सहायता प्रणाली का उपयोग करने के संकल्प के साथ आगे आए। कार्यक्रम में ट्रस्टी कार्तिक शास्त्री और एसएम अय्यर उपस्थित थे।